शेख हसीना के इस्तीफे और भगाने की पृष्ठभूमि
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का अचानक इस्तीफा और उनका देश छोड़कर भागना देश में एक बड़े राजनीतिक भूचाल का संकेत है। इस निर्णय के पीछे का कारण हफ्तों से जारी विरोध प्रदर्शन और हिंसा है, जिसमें सरकारी नौकरियों की कोटा प्रणाली के खिलाफ प्रारंभ हुए विरोध प्रदर्शन ने जोर पकड़ लिया था। धीरे-धीरे यह आंदोलन शेख हसीना के इस्तीफे की मांग तक पहुंच गया.
पिछले कुछ हफ्तों में विरोध प्रदर्शन और हिंसा की घटनाएं बढ़ती गईं, जिसमें 300 से अधिक लोग मारे गए और कई घायल हुए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना ने कर्फ्यू लगा दिया और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया। लेकिन विरोध प्रदर्शन फिर भी थम नहीं रहे हैं।
शेख हसीना का विमान और उसका रहस्य
सेना प्रमुख जनरल वाकिर-उज-ज़मान ने एक टेलीविज़न संबोधन में शेख हसीना के इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि वे देश छोड़कर भाग गई हैं। उनका विमान भारत के ऊपर कोलकाता के पास देखा गया, लेकिन वह वहां उतरा नहीं और उत्तर की दिशा में चला गया। हालांकि, विमान की सटीक गंतव्य का अभी तक पता नहीं चल पाया है। यह रहस्य अभी भी बना हुआ है कि हसीना कहां गई हैं।
बांग्लादेश में वर्तमान स्थिति
देश में स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। चारों ओर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष जारी है। आंदोलनकारियों ने तोड़फोड़, आगजनी जैसी घटनाओं को अंजाम दिया है। सरकार ने विपक्षी पार्टियों पर हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया है।
प्रदर्शनकारियों ने कर और उपयोगिता बिल न चुकाने, काम पर न जाने की अपील भी की है। बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय ने कोटा प्रणाली को 5% तक घटा दिया है, परन्तु फिर भी प्रदर्शन समाप्त नहीं हुए हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस हिंसा की निंदा करते हुए स्थिति को शांत करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
वर्तमान और भविष्य की चुनौतियां
बांग्लादेश इस समय राजनीतिक अस्थिरता और व्यापक विरोध प्रदर्शन की कठिन स्थिति का सामना कर रहा है। अंतरिम सरकार का गठन सेना के नियंत्रण में किया जाएगा, लेकिन जब तक देश में शांति और स्थिरता पुनः स्थापित नहीं होती, तब तक बांग्लादेश की स्थिति अनिश्चित बनी रहेगी। आंदोलनकारियों की मजबूत मांगें और उनके व्यापक समर्थन से स्पष्ट है कि शेख हसीना के इस्तीफे के बाद भी उनके लिए चुनौतियां कम नहीं होंगी।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा इस हिंसा की निंदा और विरोध प्रदर्शनों के हिंसक रूप पर चिंता जताई गई है। हालांकि, अभी तक किसी भी देश ने सीधे इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया है। बांग्लादेश में इस संकट का समाधान जल्द निकाला जाना आवश्यक है ताकि वहां के नागरिकों की सुरक्षा और देश की स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।
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