चार्टर्ड अकाउंटेंट की काम के तनाव से मौत: EY पर मां ने लगाए गंभीर आरोप
केरल की 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट अन्ना सेबस्टियन पेराइल की अत्यधिक काम के तनाव और कठोर कामकाजी परिस्थितियों के कारण दुखद मौत हो गई है। अन्ना ने जुलाई में इस दुनिया को अलविदा कहा, जब उन्होंने Ernst & Young (EY) पुणे की टैक्स और स्टैच्यूटरी ऑडिट विभाग में काम शुरू किए हुए महज चार महीने ही हुए थे। अन्ना की मां, अनीता ऑगस्टीन ने EY इंडिया के चैयरमेन राजीव मेमानी को पत्र लिखते हुए अन्ना की मौत के लिए अत्यधिक काम के तनाव को जिम्मेदार ठहराया है।
अन्ना मार्च 2024 में EY में काम करने लगी थीं, जब उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंसी की परीक्षा 2023 में पास की थी। लेकिन नया काम, नई जगह, और लंबे काम के घंटों की वजह से उन्हें जल्द ही अत्यधिक काम का दबाव महसूस होने लगा। काम के इस दबाव ने उन्हें चिंता, अनिद्रा और तनाव की स्थिति में डाल दिया।
अधिकारियों का रवैया और काम की परिस्थितियाँ
हालांकि अन्ना ने अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बावजूद काम जारी रखा, यह सोचते हुए कि कड़ी मेहनत और दृढ़ता ही सफलता का मार्ग है। उनके मैनेजर ने भी उन्हें टीम के साथ बने रहने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसका असर यह हुआ कि कई कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया था। मैनेजर अक्सर मीटिंग को क्रिकेट मैचों के दौरान रद्द कर देते थे और दिन के अंत में काम सौंप देते थे, जिससे अन्ना के तनाव में और वृद्धि हो जाती थी।
कार्यालय की एक पार्टी में, एक वरिष्ठ नेता ने मजाक में कहा था कि अन्ना को अपने मैनेजर के तहत काम करने में कठिनाई होगी। यह क्रूर वास्तविकता जल्द ही स्पष्ट हो गई। अन्ना का स्वास्थ्य तेजी से खराब होता गया; उन्हें छाती में संकोच महसूस हुआ और डॉक्टर के परामर्श के बाद उन्हें एंटासिड दिया गया। इसके बावजूद, अन्ना ने कहा कि काम बहुत ज्यादा है, इसलिए वे काम जारी रखेंगी।
काम का बोझ और उसकी प्रतिक्रिया
अन्ना को अक्सर देर रात तक काम करना पड़ता था और सप्ताहांत में भी काम जारी रहता था। उनके समर्पण और चिंता को नजरअंदाज कर दिया गया। अन्ना की मां अनीता ने अपने पत्र में इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि EY कंपनी उस संस्कृति को बढ़ावा देती है जो अधिक काम करने को महिमामंडित करती है जबकि कर्मचारियों के भले की अनदेखी करती है।
अनीता ने यह भी नोट किया कि EY से कोई भी अन्ना के अंतिम संस्कार में नहीं आया, जिसे उन्होंने बेहद दुखद और अस्वीकार्य बताया।
कार्य संस्कृति और इसके प्रभाव
इस घटना ने EY और व्यापक रूप से कंसल्टिंग उद्योग की कार्य संस्कृति को लेकर गंभीर प्रश्न उकसाए हैं। McKinsey Health Institute के 2023 के सर्वेक्षण के अनुसार, 59% भारतीय उत्तरदाताओं ने बर्नआउट की शिकायत की, जो कि ग्लोबली सबसे ज्यादा है। यह आंकड़ा जुलाई में बढ़कर 62% हो गया, जिसमें काम के तनाव और खराब कार्य-जीवन संतुलन को मुख्य कारण बताया गया।
अनीता के पत्र ने EY और कंसल्टिंग उद्योग को अपनी कार्य संस्कृति पर पुनर्विचार करने और कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित किया है।
सर्वेक्षण | आईएएस | ग्लोबली आंकड़ा |
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बर्नआउट | 59% | 62% |
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