नमस्ते! भारत में साल भर कई रंग‑बिरंगे त्यौहार होते हैं। हर त्योहार का अपना इतिहास, रस्म‑रिवाज और खास दिन होता है। आप अगर इस पेज पर आए हैं तो शायद आप जानना चाहते हैं कि अगले महीने कौन‑सा त्यौहार है या किसी विशेष उत्सव की तैयारी कैसे करें। हम यहाँ सबसे लोकप्रिय त्योहारी जानकारी को सरल शब्दों में रख रहे हैं, ताकि पढ़ते ही आपको काम का पता चल जाए।
हरियाली तीज़, जिसे शावन तीज़ भी कहते हैं, उत्तर भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल यह त्यौहार 7 अगस्त को पड़ता है। लोग इस दिन माँ पार्वती और भगवान शिव के पुनर्मिलन की खुशियों में व्रत रखती हैं, विशेष भोजन बनाती हैं और अपने पति/पत्नी की लंबी उम्र की कामना करती हैं। अगर आप पहली बार इसे मनाने वाले हैं तो सुबह स्नान कर साफ‑सुथरा कपड़ा पहनें, फिर घर में हल्दी‑हलवाई (हल्दी का लेप) लगाकर पूजा करें। व्रत के दौरान बेसन‑के-सेवन या कच्ची सब्ज़ी खा सकते हैं – ये पारम्परिक व्यंजन हैं जो इस दिन की मिठास बढ़ाते हैं।
हर त्यौहार के पीछे कोई न कोई सामाजिक या धार्मिक कारण छिपा होता है। दिवाली में अंधकार पर प्रकाश जीतने को दर्शाया जाता है, जबकि होली रंगों से बुरे विचारों को धुलाने की कोशिश करती है। इन मौकों को सिर्फ मनाने के लिए नहीं, बल्कि अपने परिवार और दोस्तों के साथ जुड़ने का अवसर समझें। उदाहरण के तौर पर, दीवाली की सफ़ाई में घर को झाड़‑पोछा करके नई शुरुआत का संकेत मिलता है; आप इस दौरान पुरानी चीजें निकाल कर दान भी दे सकते हैं।
जब आप किसी त्यौहार की तैयारी शुरू करें तो सबसे पहले तिथि चेक करें। ऑनलाइन कैलेंडर या स्थानीय पंचांग से सही दिन पता चल जाएगा। फिर रेसिपी चुनें – बहुत सारी आसान रेसिपी यूट्यूब या कुकिंग ऐप्स में मिलती हैं। अगर आप बजट में रहना चाहते हैं, तो मौसमी सब्ज़ियों और घर के बने पदार्थों का इस्तेमाल करें; इससे खर्च भी कम होगा और स्वाद भी बना रहेगा।
त्योहार की ख़ुशी को बढ़ाने के लिए छोटे‑छोटे काम भी कर सकते हैं – जैसे पड़ोसियों को मिठाई देना, बच्चों को रंग‑बिरंगी चीज़ें बनाकर खिलाना या पुराने रिश्तेदारों से संपर्क करना। इन छोटी‑छोटी बातों से त्यौहार का माहौल और दिलचस्प बन जाता है।
एक बात ध्यान रखें, हर त्योहार में शुद्धता बहुत महत्त्व रखती है। अगर आप व्रत रख रहे हैं तो सही समय पर भोजन करें, पानी पिएँ और आराम भी ज़रूरी है। साथ ही, साफ़-सफ़ाई से घर को सजाएँ – रंगीन लाइट्स, फूलों की माला या छोटे‑छोटे पेंटिंग लगाना बहुत आसान होता है और तुरंत माहौल बदल देता है।
अगर आप यात्रा करना चाहते हैं तो कई शहर ऐसे होते हैं जहाँ विशेष त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं। जैसे कण्ठ में शरद ऋतु में दिवाली के मेले, या उज्जैन में हरियाली तीज़ की पूजा। इन जगहों पर पहुँचने से आपको असली माहौल का अनुभव मिलेगा और स्थानीय लोगों से नई बातें सीख सकते हैं।
आखिरकार, त्यौहार सिर्फ एक दिन नहीं होते; उनका असर पूरे महीने या साल तक रहता है। आप इस ऊर्जा को अपने काम‑काज में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे दिवाली के बाद नया प्रोजेक्ट शुरू करना या होली के बाद रिश्तों में नई उमंग लाना।
तो अगली बार जब कैलेंडर देखें, तो सिर्फ तारीख ही नहीं, बल्कि उस दिन की तैयारी और उसका मकसद याद रखें। आपके छोटे‑छोटे कदम त्यौहार को और ख़ास बना देंगे। शुभकामनाएँ, और हर त्यौहार का मज़ा लीजिए!
हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज भी कहते हैं, उत्तरी भारत में धूमधाम से मनाई जाती है। यह दिन माता पार्वती और भगवान शिव की आराधना और उनके पुनर्मिलन के जश्न के रूप में मनाया जाता है। इस साल हरियाली तीज 7 अगस्त को है। विवाहित महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र और सुखमयी जीवन की कामना के लिए व्रत रखती हैं।