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दिल्ली में तेज़ बारिश की अलर्ट: IMD ने जारी किया ऑरेंज चेतावनी

Uma Imagem 8 टिप्पणि 30 सितंबर 2025

जब भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 30 सितंबर 2025 को ऑरेंज अलर्ट जारी किया, दिल्ली‑एनसीआर की सड़कों पर अचानक टपकी तीव्र बारिश ने गर्मी की पीड़ा को थोड़ी देर के लिए भंच दिया। सुबह के समय तापमान 35‑37°C के बीच ठहराया था, जबकि रात को न्यूनतम 26‑28°C गिरा, जो सामान्यतम से 3‑5°C ऊपर थी। इस दौरान दिल्ली के कई क्षेत्रों में मोसम ने हल्की बौछारों का संकेत दिया, और इण्डिया‑गाँधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास ही दावादी हवाओं ने 40 किमी/घंटा तक की गति पकड़ ली।

पिछले दिनों का मौसम पृष्ठभूमि

सितंबर के शुरुआती हफ़्ते में दिल्ली में लगातार 28‑35°C के बीच तापमान रहना कोई अजूबा नहीं था। भारत मौसम विज्ञान विभाग की पूर्वानुमानों में साफ़ आसमान और उत्तर‑पश्चिमी हवाओं का उल्लेख था, पर 15 सेप्टेंबर को ऊपरी वायुमंडल में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन गया। यह सर्कुलेशन, जो हर्षाणा के उत्तर में लगभग 3.1 किमी ऊपर स्थित था, नमी‑भरी वायुमंडलीय धारा को दिल्ली‑एनसीआर की ओर खींच रहा था।

30 सितंबर की तीव्र बारिश का विवरण

दोपहर 12 बजे के बाद, IMD ने जारी किया कि "अधिकतर क्षेत्रों में हल्की‑से‑मध्यम बारिश, साथ ही हल्की बजरी और 30‑50 किमी/घंटा तक की तेज़ हवाएँ" होने की संभावना है। वास्तव में, अगले दो घंटे में ही कई जगहों पर 20‑30 मिमी तक की वर्षा दर्ज हुई। यह बारिश न सिर्फ तापमान को 1‑2°C कम करने में मददगार रही, बल्कि धूल‑धूसर को भी हल्का कर दिया।

हवाई अड्डे और ट्रैफ़िक पर असर

इलींकाॅ ने अपने X (Twitter) अकाउंट पर लिखा: "#Delhi में भारी बारिश ने अभी‑अभी उड़ानों में थोड़ी देर के लिए बाधा डाली है। यदि आप आज यात्रा कर रहे हैं तो कृपया अतिरिक्त समय रखें।" इसी तरह Air India ने यात्रियों से कहा कि वे विमान की स्थिति जाँचें और सड़कों पर ट्रैफ़िक के धीमे गति को ध्यान में रखें। काफ़ी वाहन धुंधला रास्ता, जलमग्न मना रे सड़कें और सिग्नल पर लम्बी कतारें दिखी।

भविष्य का मौसम अनुमान

भविष्य का मौसम अनुमान

IMD ने 30 सितंबर से 3 अक्टूबर 2025 तक के लिये विस्तृत पूर्वानुमान जारी किया। मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

  • आगामी दिवसों में सामान्यतः बादल छाए रहेंगे, कुछ स्थानों पर हल्की‑से‑मध्यम बारिश की संभावना;
  • टॉर्नेडो और बजरी के साथ 30‑40 किमी/घंटा की हवाएँ, कुछ जगहों पर 50 किमी/घंटा तक की गस्ती;
  • अधिकतम तापमान 34‑36°C के बीच रहना, न्यूनतम 25‑27°C;
  • फेस्टिवल की तैयारियों में हल्की बाधा, पर कुल मिलाकर जलवायु में राहत की भावना बनी रहेगी।

सितंबर के कुल आँकड़े बताते हैं कि इस साल इस माह में 7 बारिश वाले दिन और 151 मिमी वर्षा हुई, जबकि औसत 3‑8 दिन और 120‑130 मिमी रहने की अपेक्षा थी। इस अतिरिक्त वर्षा से नदियों के जलस्तर में मामूली वृद्धि हुई, पर कोई गंभीर बाढ़ की चिंता नहीं है।

विशेषज्ञों की राय और सिफ़ारिशें

मैटेरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. अर्चना कुमारी ने कहा, "ऊपरी वायुमंडलीय साइक्लॉन का असर अब तक जारी रहेगा, इसलिए लोग बाहर निकलते समय छाता, पानी की बोतल और हल्के जाकेट साथ रखें।" उन्होंने यह भी जोड़ दिया कि तेज़ हवाओं के कारण पेड़ों की डालियों से गिरने वाले टहनियों से बचना जरूरी है।

सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ राजेश शर्मा का सुझाव: "बारिश के दौरान ड्राइवरों को धीरे चलाना चाहिए, ब्रेक की दूरी बढ़ानी चाहिए और पानी जमा होने वाले क्षेत्रों से बचना चाहिए।" यह सलाह विशेषकर उन लोगों के लिये महत्वपूर्ण है जो फेस्टिवल सीजन में शॉपिंग या यात्रा की योजना बना रहे हैं।

भविष्य में क्या अपेक्षित है?

यदि ऊपर बताई गई साइक्लोनिक प्रणाली अगले दो‑तीन दिनों में धीरे‑धीरे कमजोर होती है, तो दिल्ली‑एनसीआर में मौसम साफ़‑सुथरा लौट सकता है। परन्तु विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि अक्टूबर के मध्य में फिर से थंडक की लहर और हल्की बर्फ़ीली बौछारें संभावित हैं, इसलिए स्थानीय प्रशासन को जल निकासी और जलभंडारण के काम पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

बारिश से दैनिक जीवन पर क्या असर पड़ेगा?

बिजली की कटौती और जलभराव की घटनाएं अल्प समय में अपेक्षित हैं। लोग ट्रैफ़िक जाम, रेलवे के रुकावट और हवाई अड्डे पर देरी का सामना करेंगे, इसलिए यात्रा योजना में अतिरिक्त समय जोड़ना ज़रूरी है।

क्या इस बारिश से तापमान में गिरावट आएगी?

हाँ, बारिश के कारण अगले दो‑तीन दिनों में अधिकतम तापमान 34‑36°C तक गिरने की संभावना है, जबकि न्यूनतम 25‑27°C रहेंगे – यह सामान्य से 1‑2°C ठंडा रहेगा।

इंडि्गो और एयर इंडिया ने यात्रियों को क्या सलाह दी?

दोनों एयरलाइनों ने यात्रियों को फ्लाइट स्टेटस चेक करने, हवाई अड्डे तक पहुँचने में अतिरिक्त समय रखने और बारिश के कारण ट्रैफ़िक जाम को ध्यान में रखने की सलाह दी।

भविष्य में फिर से भारी बारिश की संभावना कितनी है?

IMD के अनुसार 30 सितंबर‑3 अक्टूबर तक कई क्षेत्रों में हल्की‑से‑मध्यम बारिश और बजरी का जोखिम बना रहेगा। साइक्लोनिक सर्कुलेशन के हल्के‑से‑कमजोर होते ही बारिश घट सकती है, पर अगले हफ्ते के अंत में फिर से मॉनसून प्रणाली सक्रिय हो सकती है।

क्या फेस्टिवल की तैयारियों पर गंभीर असर पड़ेगा?

फेस्टिवल की सजावट और पवित्र स्थल अभी भी खुले हैं, पर हल्की जलजमाव के कारण कुछ स्थल तक पहुंच कठिन हो सकती है। आयोजकों ने मनोनीत सुरक्षा कर्मियों को तैनात कर दिया है और जल निकासी के उपाय तेजी से लागू कर रहे हैं।

8 टिप्पणि

  1. Swetha Brungi
    Swetha Brungi
    सितंबर 30 2025

    बारिश के बाद की ठंडी हवा ने असली राहत दी, लेकिन फिर भी लोगों को अपने कदम संभाल कर चलना चाहिए।
    इसे देखते हुए हमें सोचने को मिलता है कि किस तरह मौसम हमारे दैनिक जीवन की रफ़्तार को बदल देता है।
    पर्याप्त पानी की बचत भी ज़रूरी है, क्योंकि अनिश्चित मौसम में जल संसाधन पर दबाव बढ़ सकता है।
    साथ ही, छोटे बच्चों को बाहर ले जाने से पहले मौसम का अपडेट देखना फायदेमंद रहेगा।
    आखिरकार, प्रकृति की हर एक ला‑फैंक हमें सिखाती है धैर्य और सतर्कता।

  2. Govind Kumar
    Govind Kumar
    अक्तूबर 6 2025

    इंदिरा गांधी हवाई अड्डे की देरी को देखते हुए यात्रा की योजना में अतिरिक्त समय जोड़ना उचित है।
    सड़क पर जलभराव से बचने हेतु ऊँची जूते पहनना सलाहनीय रहेगा।
    ऑरेंज अलर्ट के तहत सुरक्षा उपायों का पालन करने से नुकसान कम हो सकता है।
    इस प्रकार, सावधानी बरतना ही फायदेमंद रहेगा।

  3. Balaji Srinivasan
    Balaji Srinivasan
    अक्तूबर 12 2025

    बारिश की पीक टाइम में जल्दी घर पहुंचना मुश्किल हो सकता है।
    ड्राइवर्स को ब्रेक की दूरी बढ़ानी चाहिए।
    त्रुटि से बचने के लिए रोशन लाइट वाले मार्ग अपनाएं।

  4. Hariprasath P
    Hariprasath P
    अक्तूबर 18 2025

    भाई लोग, बारिश में फुटपाथ तो बिलकुल फिशी बन जाता है, दो‑तीन जगह तो पूरी तरह जलमग्न हो गई।
    ट्रैफ़िक जाम देख के लगता है जैसे कचरे का पहाड़ आ गया हो।

  5. Vibhor Jain
    Vibhor Jain
    अक्तूबर 24 2025

    जैसे ही बरसात बढ़ी, बगीचे के पेड़ भी झुकने लगे, इसलिए गाड़ी चलाते समय किनारा देखना बेहतर रहता है।
    मेरी सोची थी कि बारिश एक आरामदायक माहौल लाएगी, पर असली में यह गडबड़ी का कारण बन गया।
    सभी को सलाह दूँगा कि यदि बाहर जाना आवश्यक नहीं है, तो घर ही रहें।

  6. vikash kumar
    vikash kumar
    अक्तूबर 30 2025

    विचारधारा से देखूँ तो यह मौसम परिवर्तन एक प्राकृतिक कृति का अभिन्न भाग है।
    परन्तु शहरी बुनियादी ढांचा इस प्रवाह को संभालने में अभी भी अपर्याप्त है।
    समय पर जल निकासी प्रणाली की सुदृढ़ता आवश्यक है।
    नीति निर्माताओं को इस दिशा में त्वरित कदम उठाने चाहिए।

  7. Anurag Narayan Rai
    Anurag Narayan Rai
    नवंबर 5 2025

    बारिश का अचानक आना, विशेषकर इस ऑरेंज अलर्ट के तहत, कई पहलुओं को उजागर करता है जो अक्सर नजरअंदाज़ हो जाते हैं।
    पहले तो यह स्पष्ट है कि मौसमी परिवर्तन हमारे दैनिक जीवन की रूटीन को प्रभावित करता है, फिर भी इसका गहरा सामाजिक असर भी है।
    उदाहरण के तौर पर, छोटे व्यापारियों को अचानक भीड़भाड़ और ढीले सड़कों के कारण बिक्री में गिरावट का सामना करना पड़ता है, जबकि बड़े शॉपिंग मॉल्स को भी सॉलिड प्लानिंग की आवश्यकता होती है।
    इसके अतिरिक्त, ट्रैफ़िक मैनेजमेंट में जलमग्न सड़कों की समस्या को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन को रियल‑टाइम मॉनिटरिंग और वैकल्पिक मार्गों की स्पष्ट सूचना देना चाहिए।
    इसी तरह, सार्वजनिक परिवहन के संचालन में भी देरी को कम करने के लिए अतिरिक्त बफर टाइम जोड़ना आवश्यक बन जाता है।
    ड्राइवरों को तेज़ी से ब्रेक लगाने की बजाय धीरे‑धीरे गति कम करनी चाहिए, ताकि सरक्शन की संभावना घटे।
    वहीं, आम जनता को माइक्रो‑मेटोरोलॉजी ऐप्स के माध्यम से अपडेटेड रेनफॉलेज डेटा का उपयोग करके अपनी यात्रा योजना में लचीलापन लाना चाहिए।
    याद रखें, जब हवा की गति 40‑50 किमी/घंटा तक पहुंचती है, तो पेड़ों की टहनियों से गिरते टुकड़े गंभीर चोटों का कारण बन सकते हैं, इसलिए खुले क्षेत्रों में रहने से बचना ही बेहतर रहेगा।
    इसी संदर्भ में, पर्यावरणीय वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि शहरी हरियाली को उचित दूरी पर लगाना चाहिए, ताकि तेज़ हवाओं के प्रभाव को कम किया जा सके।
    भविष्य की योजना में जल संग्रहण प्रणाली को सुदृढ़ करना चाहिए, क्योंकि अचानक हुई भारी बारिश के बाद जल स्तर में तेजी से वृद्धि हो सकती है।
    फेस्टिवल सीजन के दौरान भीड़भाड़ और बारिश दोनों का संयोजन सार्वजनिक सुरक्षा के लिहाज़ से चुनौतीपूर्ण हो सकता है, इसलिए सुरक्षा कर्मियों की तैनाती पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
    अंत में, यह स्पष्ट है कि मौसम विज्ञान और शहरी योजना का अंतरसंबंध हमें अधिक पहलकदमियों की ओर ले जाना चाहिए, जिससे हम ऐसी अप्रत्याशित घटनाओं के लिए बेहतर तैयार रह सकें।

  8. Sandhya Mohan
    Sandhya Mohan
    नवंबर 11 2025

    बारिश के कारण शहर की ध्वनि धुंधली लगने लगती है, जैसे कोई प्रकृति का संगीत बज रहा हो।
    ऐसे में हम खुद को थोड़ा धीमा कर लेते हैं और सोचते हैं कि जीवन में कितना त्वरित रफ़्तार है।
    परंतु, जलभराव हमें याद दिलाता है कि हमें अपनी योजनाओं में लचीलापन रखना चाहिए।
    सही दिशा में कदम बढ़ाने से ही हम इस मौसम को सहजेंगे।

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