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जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने तत्काल वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया

Uma Imagem 8 टिप्पणि 16 अगस्त 2024

जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने तत्काल वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हाल ही में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर एक गंभीर चेतावनी जारी की है। बढ़ते तापमान और गंभीर मौसम की घटनाओं को संबोधित करते हुए, गुटेरेस ने कहा कि अब समय आ गया है कि वैश्विक समुदाय इस संकट से निपटने के लिए ठोस और समुचित कदम उठाए। उनका कहना है कि अगर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो इसके परिणाम और भी गंभीर होंगे।

तापमान वृद्धि और प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव

गुटेरेस ने अपने संबोधन में पिछले कुछ सालों में हुई विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं पर प्रकाश डाला है। उन्होंने उल्लेख किया कि अब तक हमने पिछले गर्मियों में कई अनपेक्षित गर्मियों के तापमान वृद्धि, सूखा और बाढ़ देखी हैं, जो मानव जीवन और संपत्ति के लिए विनाशकारी साबित हुई हैं। इन प्राकृतिक आपदाओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि जलवायु परिवर्तन पर अंकुश लगाने के लिए तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है।

पेरिस समझौते के लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता

महासचिव ने पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने की आवश्यकता पर भी बल दिया है। पेरिस समझौते का लक्ष्य वैश्विक तापमान वृद्धि को औद्योगिक क्रांति के स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना है। लेकिन गुटेरेस ने साफ किया कि मौजूदा प्रतिबद्धताएं इस लक्ष्य को पाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें अपनी नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर तेजी से संक्रमण करना होगा और जीवाश्म ईंधनों को समाप्त करना होगा।

विकासशील देशों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

गुटेरेस ने विशेष रूप से विकासशील देशों पर पड़ने वाले जलवायु परिवर्तन के असमान प्रभाव को रेखांकित किया। इन देशों में जलवायु परिवर्तन के कारण सब से अधिक नुकसान होता है, जबकि वे इसके लिए सबसे कम जिम्मेदार होते हैं। उन्होंने कहा कि इन देशों को सहायता प्रदान करने और उनकी जलवायु अनुकूलन और शमन प्रयासों के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाने की आवश्यकता है।

भविष्य की दिशा और आगामी कान्फ्रेंस

गुटेरेस का यह वक्तव्य ऐसे समय में आया है जब कई महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय जलवायु वार्ताओं की तैयारी की जा रही है। वे चाहते हैं कि इस बार ठोस प्रतिबद्धताओं और कार्यों पर ध्यान दिया जाए। गुटेरेस ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को सही मायनों में संबोधित करने के लिए वैश्विक एकजुटता और सामूहिक कार्रवाई आवश्यक है।

समाज में बदलाव की आवश्यकता

महासचिव ने अपने वक्तव्य में इस बात को भी स्पष्ट किया कि पर्यावरणीय स्थिरता के अलावा, आर्थिक स्थिरता और सामाजिक न्याय के लिए भी concerted global action आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पर्याप्त संसाधन और राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ, हम इस संकट को हल कर सकते हैं और एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की इस अपील पर अगर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह न केवल हमारे पर्यावरण, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था और समाज के लिए भी गंभीर परिणाम ला सकती है। ऐसे में सभी देशों को इस दिशा में तुरंत निर्णय लेने की आवश्यकता है।

8 टिप्पणि

  1. shiv raj
    shiv raj
    अगस्त 16 2024

    बहुत अच्छा लगा ये पोस्ट। मैंने अपने गाँव में भी देखा है कि बारिश नहीं हो रही और नदियाँ सूख रही हैं। अगर हम अभी कुछ नहीं करेंगे तो अगली पीढ़ी के लिए बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी। चाहे छोटा सा कदम हो जैसे प्लास्टिक कम इस्तेमाल करना या बिजली बचाना, वो भी काम आएगा।

  2. vaibhav tomar
    vaibhav tomar
    अगस्त 16 2024

    सच में ये सब बहुत गहरा मुद्दा है लेकिन हम अक्सर इसे बस एक खबर की तरह सुन लेते हैं और आगे निकल जाते हैं। क्या हमने कभी सोचा कि हमारा हर एक दिन का बिजली का इस्तेमाल या गाड़ी चलाना इस तापमान वृद्धि में कितना योगदान दे रहा है। हम बाहर के देशों को दोष देते हैं लेकिन हमारे अपने छोटे छोटे फैसले भी तो बड़े हो जाते हैं जब सब मिलकर करें

  3. suresh sankati
    suresh sankati
    अगस्त 17 2024

    ओहो फिर से ये वैश्विक कार्रवाई की बात... जब तक हमारे यहाँ बिजली नहीं चल रही तो दूसरे देशों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के बारे में क्यों बात कर रहे हो? सच बताऊँ तो जब तक हमारे घरों में फ्रिज चल रहा है तब तक जलवायु बदलेगा नहीं। सरकार बस बातें कर रही है और हम उसे देख रहे हैं।

  4. Pooja Kri
    Pooja Kri
    अगस्त 18 2024

    जलवायु अनुकूलन और शमन के लिए वित्तीय संसाधनों का आवंटन अत्यंत महत्वपूर्ण है। विकासशील देशों को तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय माध्यमों के माध्यम से लगातार समर्थन देना आवश्यक है। अन्यथा ये सब नीले आकाश की बातें रह जाएंगी।

  5. Sanjeev Kumar
    Sanjeev Kumar
    अगस्त 20 2024

    हम सब ये बातें सुन चुके हैं लेकिन क्या हमने कभी अपने घर के बाहर खड़े होकर देखा है कि आसमान कैसे बदल रहा है? हम बारिश को नहीं देख पा रहे लेकिन धूल और गर्मी तो देख रहे हैं। क्या हम अपने जीवन को इतना व्यस्त बना रहे हैं कि प्रकृति के चेतावनी के आवाज़ तक सुनने का समय नहीं रह गया? शायद जवाब यही है कि हमने खुद को बहुत बड़ा समझ लिया है

  6. Hemlata Arora
    Hemlata Arora
    अगस्त 20 2024

    यह वक्तव्य बिल्कुल उचित है। लेकिन अगर हम वास्तविक रूप से इस विषय पर कार्य करना चाहते हैं, तो हमें अपने देश में विद्युत उत्पादन के स्रोतों को पुनर्गठित करना होगा। यह कोई आसान कार्य नहीं है। इसके लिए व्यापक नीति निर्माण, तकनीकी अनुकूलन और जनता के साथ लगातार संवाद की आवश्यकता है।

  7. manohar jha
    manohar jha
    अगस्त 21 2024

    मैंने अपने दादा को याद किया जो कहते थे कि जब बारिश नहीं होती तो नदी सूख जाती है। आज वो बातें सच हो रही हैं। हमने अपने आदतों को बदलने की जगह टीवी पर नया मॉडल देखना शुरू कर दिया। हमारे गाँव में अब बच्चे भी जलवायु के बारे में बात करते हैं। शायद इन्हीं बच्चों के द्वारा बदलाव आएगा।

  8. Nitya Tyagi
    Nitya Tyagi
    अगस्त 22 2024

    ये सब बकवास है... जब तक हम अपने घर में AC बंद नहीं करेंगे, तब तक दुनिया का कोई कुछ नहीं कर पाएगा। 😒

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