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कैप्टन अंशुमन सिंह की विधवा ने उनकी बहादुरी को किया याद: एक सच्चे हीरो की कहानी

Uma Imagem 16 टिप्पणि 8 जुलाई 2024

कैप्टन अंशुमन सिंह की बहादुरी और बलिदान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 5 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में कैप्टन अंशुमन सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया। कैप्टन अंशुमन सिंह, जो पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के मेडिकल ऑफिसर थे, सियाचिन में चंदन ड्रॉपिंग जोन में हुए एक आगजनी के हादसे में अपने साथी सैनिकों को बचाते हुए अपनी जीवन की आहुति दी।

कैप्टन सिंह की विधवा, स्मृति सिंह, जिन्हें इस सम्मान को स्वीकार करने का अवसर मिला, ने भावुक होकर उनकी बहादुरी और बलिदान को याद किया। स्मृति सिंह ने कैप्टन अंशुमन सिंह के बारे में बताते हुए कहा कि वो हमेशा से लोगों की मदद करने के लिए तत्पर रहते थे और उनकी इसी विशेषता ने उन्हें एक सच्चा हीरो बना दिया।

कैप्टन सिंह और स्मृति की प्रेम कहानी

स्मृति सिंह ने अपने और कैप्टन अंशुमन सिंह के मिलन की कहानी भी साझा की। दोनों की मुलाकात कॉलेज के दिनों में हुई थी और वहीं से उनका प्रेम शुरू हुआ। स्मृति ने बताया कि आठ साल के लंबे अंतराल के बावजूद दोनों ने अपने प्रेम को बनाए रखा और अंततः विवाह बंधन में बंधे।

शादी के दो महीने बाद ही अंशुमन को सियाचिन के कठिन ड्यूटी पर भेज दिया गया। स्मृति ने कहा कि उनका रिश्ता बेहद खास था और वो एक-दूसरे से हमेशा जुड़े रहते थे। 18 जुलाई 2023 की रात को हुई एक संवेदनशील बातचीत में उन्होंने अपने भविष्य के योजनाओं के बारे में चर्चा की थी, लेकिन अगले ही दिन स्मृति को अंशुमन की शहादत की ख़बर मिली।

कैप्टन अंशुमन सिंह के साहसिक कार्य

कैप्टन अंशुमन सिंह के साहसिक कार्य

स्मृति सिंह ने कैप्टन अंशुमन सिंह के साहसिक कार्यों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने ना केवल अपने साथी सैनिकों को बचाया बल्कि आवश्यक मेडिकल सप्लाई को भी सुरक्षित रखा। उनके इस साहसिक कदम ने अनेकों की जान बचाई और उन्हें सच्चा हीरो बना दिया। स्मृति ने गर्व से कहा कि वो हमेशा अंशुमन की बहादुरी की कहानियों को याद रखेंगी और इन से प्रेरणा लेती रहेंगी।

विदाई के पल और कीर्ति चक्र का सम्मान

कैप्टन अंशुमन सिंह के अंतिम विदाई के समय स्मृति सिंह ने उनके दृढ़ निश्चय और साहस को याद किया। उन्होंने बताया कि अंशुमन हमेशा कहते थे कि देशसेवा सबसे ऊपर है और उन्होंने इसे साबित कर दिखाया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा मरणोपरांत कीर्ति चक्र का सम्मान स्मृति के लिए अत्यंत गर्व का पल था। भावुक स्मृति ने इस सम्मान को स्वीकार करते हुए कहा कि अंशुमन हमेशा उनके दिल में जिंदा रहेंगे और उनकी यादों में बस चुके हैं।

प्रेरणा और अनुकरणीय उदाहरण

प्रेरणा और अनुकरणीय उदाहरण

कैप्टन अंशुमन सिंह के बलिदान की कहानी न केवल उनकी विधवा, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है। उनकी साहसिक कार्यों और देशप्रेम की भावना ने यह साबित कर दिया कि वे एक सच्चे हीरो थे।

आज भी अंशुमन की कहानी उनकी विधवा, स्मृति सिंह के माध्यम से जीवित है और ये कहानी हर नागरिक को देश के प्रति उनके दायित्वों का एहसास कराती है।

16 टिप्पणि

  1. RUPESH BUKE
    RUPESH BUKE
    जुलाई 9 2024

    कैप्टन अंशुमन की बहादुरी की कहानी सुनकर आँखें भर आईं
    देश के लिए ऐसे लोग ही असली नायक होते हैं

  2. Chirag Kamra
    Chirag Kamra
    जुलाई 9 2024

    ये आदमी तो जिंदा है भाई दिल में
    सियाचिन की बर्फ में भी उसकी आत्मा जल रही होगी
    मैंने तो एक बार फोन चार्ज नहीं किया तो दिल टूट गया
    ये लोग तो बिना बिजली के भी दूसरों की जान बचाते हैं
    भाई ये देश इनके बिना नहीं चलता
    मैंने आज रात अपनी माँ को गले लगाया और कहा धन्यवाद
    कैप्टन अंशुमन की तरह बनना है तो पहले अपने घर का जिम्मा संभालो

  3. Ramesh Velusamy
    Ramesh Velusamy
    जुलाई 10 2024

    ये सिर्फ एक आदमी की कहानी नहीं ये देश की आत्मा की आवाज है
    मैंने अपने भाई को आर्मी में डाला था वो भी अब इसी तरह जा रहा है
    कोई नहीं बताता कि ये लोग कितना संघर्ष करते हैं
    हम टीवी पर गाने देखते हैं वो बर्फ में जान देते हैं
    अगर तुम्हारे बेटे को अभी लड़ने के लिए भेज दिया जाए तो क्या तुम गर्व से बोलोगे जा बेटा
    ये सिर्फ एक बहादुर आदमी नहीं ये एक नायक है जिसने देश को अपने खून से रंग दिया

  4. Sushil Kallur
    Sushil Kallur
    जुलाई 11 2024

    इस कहानी में देश की गहराई छिपी है
    एक डॉक्टर जो सैनिक बन गया
    एक पत्नी जो अकेले जी रही है
    एक जीवन जो दूसरों के लिए बलिदान हो गया
    हमें इसे सिर्फ एक खबर के रूप में नहीं देखना चाहिए
    इसे अपने दिल में बसाना चाहिए

  5. Chandni Solanki
    Chandni Solanki
    जुलाई 12 2024

    मैं रो रही हूँ अभी भी 😭
    कैप्टन सिंह की पत्नी की हिम्मत देखकर लगता है जैसे दुनिया ने उसे अपना बना लिया हो
    उनका रिश्ता बहुत प्यारा था
    अब वो उनकी यादों में जी रही हैं
    हम सबको इस तरह की प्यार भरी कहानियाँ जरूर सुननी चाहिए
    इससे दिल ठीक होता है ❤️

  6. Nitin Garg
    Nitin Garg
    जुलाई 12 2024

    अरे ये सब तो सिर्फ प्रचार है
    कितने ऐसे हैं जिनकी कोई नहीं सुनता
    ये बस एक फोटो और एक ट्रॉफी की कहानी है
    अगर वो इतना बहादुर था तो उसकी पत्नी को घर पर नहीं छोड़ना चाहिए था
    ये सब दिखावा है भाई

  7. Seema Lahiri
    Seema Lahiri
    जुलाई 14 2024

    मैंने आज सुबह अपने बाप को याद किया जो दो साल पहले चले गए थे
    वो भी एक सैनिक थे नहीं तो इस तरह की कहानी समझ नहीं आती
    मैंने अंशुमन की कहानी सुनकर उनकी आवाज सुन ली
    उनके आखिरी बातचीत का वो लम्बा रात का फोन कॉल
    जब दोनों भविष्य की योजनाएँ बना रहे थे
    और अगले दिन वो नहीं रहे
    ये दर्द किसी को नहीं समझ सकता
    मैंने आज रात अपने बेटे को गले लगाया और बस रो दिया
    हम लोग जितना जी रहे हैं वो इनके बलिदान पर है
    कोई नहीं बताता कि ये बलिदान कितना भारी होता है

  8. Jay Patel
    Jay Patel
    जुलाई 14 2024

    क्या ये असली हीरो हैं या सिर्फ एक बहाना है?
    क्यों हमेशा एक ही तरह की कहानियाँ सुनाई जाती हैं?
    क्या कोई नहीं जानता कि दूसरे भी हैं जो चुपचाप मर रहे हैं?
    हम सब तो देश के नाम पर गाने गा रहे हैं
    पर जब वो लोग आते हैं तो उन्हें घर नहीं मिलता
    ये बहादुरी तो बस एक टीवी शो है

  9. fathimah az
    fathimah az
    जुलाई 14 2024

    इस कहानी में एक फिलॉसफिकल डायलेक्टिक्स छिपा है
    व्यक्तिगत बलिदान बनाम सामाजिक अनुमान
    कैप्टन सिंह का व्यक्तिगत चयन जो उन्होंने किया
    उसने एक नए सामाजिक नॉर्म को डिफाइन कर दिया
    ये एक इथिकल डायलेमा है
    क्या हम उनकी बलिदान को एक एक्सप्लोइटेशन के रूप में देखें या एक एक्सप्रेशन के रूप में?
    इसका जवाब हमें अपने अंदर ढूंढना होगा

  10. Sohini Baliga
    Sohini Baliga
    जुलाई 16 2024

    कैप्टन अंशुमन सिंह के बलिदान के लिए हृदय से आभार।
    उनकी बहादुरी और समर्पण की भावना एक अद्वितीय उदाहरण है।
    उनकी पत्नी की शक्ति और दृढ़ता भी प्रशंसनीय है।
    हमें ऐसे नायकों की याद रखनी चाहिए और उनके मूल्यों को अपनाना चाहिए।
    देश के प्रति ऐसा समर्पण वास्तविक गर्व का विषय है।

  11. Senthil Kumar
    Senthil Kumar
    जुलाई 18 2024

    कैप्टन अंशुमन सिंह के बलिदान के लिए हम सभी को श्रद्धांजलि देनी चाहिए।
    उनकी निष्ठा और साहस की कहानी हमें सबक सिखाती है।
    उनकी पत्नी की शक्ति और सहनशीलता भी अद्भुत है।
    ऐसे नायकों के लिए हमें सम्मान और समर्थन देना हमारा कर्तव्य है।

  12. Anu Baraya
    Anu Baraya
    जुलाई 19 2024

    कैप्टन अंशुमन सिंह की बहादुरी की कहानी हमें सबक सिखाती है।
    उनका समर्पण और देश के प्रति लगन का उदाहरण हमें सबक देता है।
    उनकी पत्नी की शक्ति और साहस के लिए हमें धन्यवाद देना चाहिए।
    ऐसे नायकों की याद हमें हमेशा जीवित रखनी चाहिए।

  13. Divyangana Singh
    Divyangana Singh
    जुलाई 20 2024

    इस कहानी में मैंने जीवन के अर्थ को ढूंढ लिया
    एक आदमी जो अपनी जिंदगी दूसरों के लिए दे देता है
    एक पत्नी जो अकेले जीती है और फिर भी गर्व से सिर उठाकर खड़ी है
    हम सब जिस जीवन को जी रहे हैं वो उनके खून से खरीदा गया है
    हम नहीं जानते कि अगले कदम पर क्या होगा
    लेकिन वो जानते थे कि अगले कदम पर उनकी जान जा सकती है
    और फिर भी वो आगे बढ़े
    ये नहीं कि वो मरना चाहते थे
    ये था कि वो जीना चाहते थे
    दूसरों के लिए

  14. Harsh Vardhan pandey
    Harsh Vardhan pandey
    जुलाई 20 2024

    फिर से ये कहानी
    कितने बार सुनेंगे?
    क्या ये देश के लिए है या सिर्फ टीवी के लिए?
    मैंने एक दिन अपने दोस्त को देखा जो आर्मी में था
    वो बोला अगर तुम्हें ये सब चाहिए तो तू भी जा
    मैं नहीं गया
    और अब ये लोग गर्व से बोल रहे हैं

  15. Shatakshi Pathak
    Shatakshi Pathak
    जुलाई 21 2024

    पत्नी को ये सब देखना पड़ा तो क्या उसकी खुशी हुई?
    क्या ये सम्मान उसके दर्द को भर देगा?
    मैंने तो सोचा अगर मेरा पति ऐसे चला जाए तो मैं इस ट्रॉफी को क्यों लूँगी?
    मैं तो उसे वापस चाहती हूँ

  16. Ramesh Velusamy
    Ramesh Velusamy
    जुलाई 21 2024

    ये सब तो बहुत अच्छा है
    पर अगर इनकी पत्नी को घर नहीं मिला तो ये सब क्या है?
    मैंने अपने भाई को आर्मी में डाला था
    उसकी पत्नी को घर नहीं मिला
    उसके बच्चे को शिक्षा नहीं मिली
    ये ट्रॉफी तो बस एक नोटिस है
    हमें उनके लिए जिंदगी बनानी चाहिए
    न कि बस गर्व करना

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