मॉस्को पर ड्रोन हमलों की बाढ़
रूस की राजधानी मॉस्को और इसके आसपास के क्षेत्रों पर रात भर हुए ड्रोन हमलों ने रूस को हिला कर रख दिया। इन हमलों में एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य लोग घायल हो गए। यह हमला अब तक के सबसे बड़े ड्रोन हमलों में से एक माना जा रहा है जो रूस की धरती पर हुआ है।
इस हवाई हमले ने मॉस्को के अलग-अलग स्थानों को निशाना बनाया, जिससे जीवन में बाधा उत्पन्न हुई और संपत्ति को नुकसान पहुंचा। यहां तक कि व्नुकोवो अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे को भी अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा, जो कि मॉस्को के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।
मॉस्को: ड्रोन हमलों का इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब मॉस्को पर इस प्रकार के हमले हुए हों। हाल के समय में मॉस्को में ड्रोन हमलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। विशेषकर वित्तीय जिले के ऑफिस टावरों को भी निशाना बनाया गया है।
रूसी अधिकारियों ने इन हमलों के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने इसे युद्ध के मैदान में हुई निरंतर हार के बाद की 'हताशा का कदम' बताया है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति का बयान
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि यह संघर्ष अब रूसी क्षेत्र को भी प्रभावित कर रहा है, जिसमें उसके प्रतीकात्मक केंद्र और सैन्य ठिकाने शामिल हैं। उन्होंने इसे एक अनिवार्य प्रक्रिया करार दिया।
रूसी रक्षा मंत्रालय की प्रतिक्रिया
रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि हाल के दिनों में उन्होंने कई ड्रोन को मार गिराया है, जिनमें काला सागर में गश्ती नौकाओं को निशाना बनाने वाले और यूक्रेनी सीमा के पास के क्षेत्र शामिल हैं।
ये लगातार जारी ड्रोन हमले न केवल तनाव को बढ़ा रहे हैं, बल्कि संघर्ष की गंभीरता को भी उजागर कर रहे हैं।
इस प्रकार के हमलों का उद्देश्य जहां व्यवस्था और सुरक्षा को हिला देना होता है, वहीं ये आम लोगों के जीवन को भी खासा प्रभावित करते हैं। संघर्ष के इस बढ़ते स्तर ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भी खींचा है, जो इस समस्या के समाधान के लिए और अधिक तत्परता से काम करने की मांग कर रहा है।
आगे की स्थिति
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे इस संघर्ष ने अब एक नए मोड़ ले लिया है। ड्रोन हमलों की इस बाढ़ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह संघर्ष अब केवल सैन्य क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्की इसका प्रभाव आम जनजीवन पर भी पड़ रहा है।
हवाईअड्डों का बंद होना, नागरिकों की मौत और घायलों की बढ़ती संख्या ने इस संघर्ष की गंभीरता को और अधिक बढ़ा दिया है। सरकारें अब अतिरिक्त सुरक्षा उपायों की तलाश कर रही हैं ताकि इन हमलों से नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस संघर्ष का कोई स्पष्ट अंत अभी नहीं दिखता, और यह कहना मुश्किल है कि कब तक यह स्थिति बनी रहेगी।
निष्कर्ष
रूस और यूक्रेन के बीच यह संघर्ष धीरे-धीरे और गंभीर होता जा रहा है। ड्रोन हमलों की यह वृद्धि सिर्फ युद्ध की भयानकता को ही नहीं दिखाती, बल्की यह भी दर्शाती है कि इस युद्ध में अब कोई भी सुरक्षित नहीं है। यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में ऐसे और भी हमले हो सकते हैं, जिनसे जानमाल का नुकसान होगा और तनाव बढ़ेगा।
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