शीटल देवी का अद्भुत प्रदर्शन
भारतीय पैराआर्चर शीटल देवी ने पेरिस पैरालंपिक्स 2024 के पहले दिन अपने असाधारण प्रदर्शन से सभी को चौंका दिया। महिला व्यक्तिगत कंपाउंड इवेंट रैंकिंग राउंड में उन्होंने 703 अंक प्राप्त किए, जो उनके कैरियर का अब तक का सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। 17 वर्षीय शीटल, जो बिना हाथों के खेल में भाग ले रही हैं, ने थोड़ी देर के लिए शीर्ष स्थान पर काबिज रहते हुए सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। हालांकि, अंतिम राउंड में तुर्की की क्यूर गर्दी ओजनुर ने 704 अंकों के साथ विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया और शीटल को मात्र एक अंक से पीछे छोड़ दिया।
अन्य शीर्ष स्कोरर और शीटल का मुकाबला
शीटल देवी ने रैंकिंग राउंड में 59 '10s' और 24 'Xs' के साथ एक उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। दूसरे शीर्ष स्कोरर में ईरान की फातेमह हम्मती जो कि 696 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं, ब्रिटेन की ग्रिन्हम जॉडी जिन्होंने 693 अंक प्राप्त किए, और ब्राजील की गोचेल जेन कार्ला जिन्होंने 691 अंक हासिल किए शामिल हैं। शीटल ने अपने अगले मुकाबले के लिए मलेशिया की नूर जननटन अब्दुल जलिल से मुकाबला करेंगे, जो 646 अंकों के साथ 24वें स्थान पर हैं।
पहले दिन में भारत की और असफलताएं
शीटल देवी के अद्भुत प्रदर्शन के बावजूद, पहले दिन भारत के लिए कोई भी मेडल हासिल नहीं हो सका। भारतीय पैरासाइकिलिस्ट ज्योति गदेरिया, जो कि पहली भारतीय पैरासाइकिलिस्ट हैं जिन्होंने समर पैरालंपिक्स में भाग लिया, महिलाओं की C1-3000 मीटर व्यक्तिगत पर्सूट क्वालीफाइंग इवेंट के फाइनल में जगह बनाने में असफल रहीं। इसके अलावा, भारत की शीर्ष पैराटेक्वांडो खिलाड़ी अरुणा तन्वर तुर्की की नुर्चिहान एकिनसी के खिलाफ महिलाओं की K44-47kg राउंड ऑफ 16 की भिड़ंत में हार गईं। मुठभेड़ के दौरान लगी चोट के कारण उन्हें जल्दी बाहर होना पड़ा।
शीटल देवी का प्रदर्शन हमें इस बात की याद दिलाता है कि बाधाओं के बावजूद, दृढ़ संकल्प और मेहनत से कुछ भी संभव है। उनके अद्वितीय साहस और संघर्ष ने न केवल भारतीय खेलों में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रभावशाली मानदंड स्थापित किया है। नीचे दिए गए दिनों के संघर्ष और प्रतियोगिताओं में उनका भविष्य अभी और भी अद्भुत उपलब्धियों से भरा हो सकता है।
शीटल देवी का यह प्रदर्शन न केवल उनके लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय बना है। उनकी संघर्षशील यात्रा और अद्वितीय कौशल ने यह साबित कर दिया है कि सच्ची मेहनत के साथ किसी भी स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त की जा सकती है। पेरिस पैरालंपिक्स 2024 का यह पहला दिन उनके जीवन में एक नया मोड़ लाने वाला बनकर आया है, जिसमें उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से दुनिया भर में नाम कमाया है। आने वाले मुकाबलों में शीटल देवी से और भी चमत्कारी प्रदर्शन की उम्मीद है, और पूरा भारत उनके साथ खड़ा है।
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