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फ्रांस ने लेबनान में रहने वाले नागरिकों को जल्द से जल्द देश छोड़ने का आग्रह किया

Uma Imagem 10 टिप्पणि 4 अगस्त 2024

फ्रांस ने अपने नागरिकों से वर्तमान स्थिति को देखते हुए लेबनान छोड़ने का आग्रह किया

फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में अपने नागरिकों को तुरंत लेबनान छोड़ने का आग्रह किया है। यह अपील ऐसे समय में आई है जब इज़राइल और हिज्बुल्लाह के बीच संभावित पढ़ाई टकराव के डर से सुरक्षा स्थिति अत्यधिक अस्थिर हो गई है। मंत्रालय ने जोर देकर कहा है कि फ्रांस के लिए सीधा और कनेक्टिंग फ्लाइट्स अभी भी चालू हैं और नागरिकों से अनुरोध किया कि वे यात्रा व्यवस्थाओं को तुरंत पूरा करें ताकि लेबनान से सुरक्षित निकासी हो सके।

यह सलाह ऐसी परिस्थितियों में दी गई है जब सुरक्षा परिदृश्य अत्यधिक खतरनाक है। फ्रेंच विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों, खासतौर पर उन लोगों के लिए जो वर्तमान में लेबनान में हैं, से अपील की है कि वे उपलब्ध वाणिज्यिक हवाई सेवाओं का लाभ उठाकर जल्द से जल्द लेबनान छोड़ दें।

क्षेत्रीय संकट की वजह

यह यात्रा सलाहकार इज़राइल और हिजबुल्लाह के बीच बढ़ती तनातनी के चलते आई है, खासतौर पर ईरान और उसके सहयोगियों की धमकियों के बाद जो हमा के राजनीतिक नेता की हत्या के बाद और तीव्र हो गई है। यह घटना इज़राइल पर दोषारोपण किया गया है। इसके अलावा बेयरूत के पास हिजबुल्लाह के सैन्य प्रमुख फौद चोक्र की हत्या और इज़राइल पर केट्यूशा रॉकेट्स की दागाबानी ने क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा दिया है।

फ्रांस के नागरिकों का आंकड़ा

फ्रांस के अनुमान के मुताबिक, करीब 23,000 फ्रांसीसी नागरिक लेबनान में रहते हैं, जबकि लगभग 10,000 लोग बीते महीने लेबनान की यात्रा पर थे। इससे पहले, फ्रेंच विदेश मंत्रालय ने एक सूचना पत्र में फ्रांस के लिए वाणिज्यिक उड़ानों की उपलब्धता का उल्लेख किया था, लेकिन अब तक अपने नागरिकों को लेबनान छोड़ने का आधिकारिक आग्रह नहीं किया था।

अन्य देशों की यात्रा सलाह

फ्रांस के इस कदम से पहले अमेरिका और ब्रिटेन ने भी अपने नागरिकों को लेबनान छोड़ने की सलाह दी थी। इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी कहा है कि उनका देश किसी भी स्थिति से निपटने के लिए उच्च स्तर की तैयारी में है।

फ्रांस के नागरिकों को दिए गए इस आग्रह ने लेबनान में सुरक्षा चिंताओं को एक नया मोड़ दिया है और इसे देखते हुए तत्काल कार्रवाई का संकेत दिया गया है।

10 टिप्पणि

  1. ASHOK BANJARA
    ASHOK BANJARA
    अगस्त 5 2024

    इस तरह की स्थिति में फ्रांस का कदम समझदारी से भरा हुआ है। लेबनान में रहने वाले नागरिकों के लिए सुरक्षा सबसे पहले आती है। हम भारत में भी कभी-कभी ऐसी ही स्थितियों में अपने नागरिकों को वापस बुलाते हैं, जैसे यमन या अफगानिस्तान में। ये निर्णय भावनाओं से नहीं, तर्क से लिए जाते हैं।

    ये सब बहुत बड़ी बात है, लेकिन युद्ध के बारे में सोचने का समय नहीं है, बचने का समय है।

  2. Sahil Kapila
    Sahil Kapila
    अगस्त 6 2024

    फ्रांस ने अभी तक आग्रह किया है तो अमेरिका और ब्रिटेन के बाद ये देर से आया बस इतना ही बात है लेकिन अब तो जो भी रह गया है वो अपनी जान बचाए बिना दूसरे का बचाव करने नहीं जा रहा है और लेबनान में फ्रांसीसी लोग बहुत ज्यादा नहीं हैं बस थोड़े से हैं जो शायद अपनी छुट्टियां भी नहीं खत्म कर पाए

  3. Rajveer Singh
    Rajveer Singh
    अगस्त 7 2024

    ये सब फ्रांस की नीची नीति है जो अपने लोगों को बचाने के नाम पर दुनिया को बताती है कि वो कितनी शक्तिशाली है लेकिन जब भारत के नागरिक यमन या सीरिया में फंस जाते हैं तो क्या फ्रांस उनकी मदद करता है नहीं ये सब दिखावा है और दुनिया को धोखा देने का तरीका है

  4. Ankit Meshram
    Ankit Meshram
    अगस्त 7 2024

    सुरक्षित रहो।

  5. Shaik Rafi
    Shaik Rafi
    अगस्त 8 2024

    इस तरह के संकटों में देशों का जिम्मेदारी से काम लेना ही सबसे बड़ी नैतिकता है। फ्रांस ने अपने नागरिकों को बचाने का फैसला लिया, लेकिन क्या हम भी इसी तरह से अपने बाहर फंसे हुए नागरिकों के लिए तैयार हैं? ये सिर्फ एक देश की बात नहीं, ये मानवता की बात है।

    हम अक्सर अपने घर के बाहर के संकटों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन जब ये संकट हमारे देश के लोगों को छूने लगे, तब तो हमें भी जागना होगा।

  6. Ashmeet Kaur
    Ashmeet Kaur
    अगस्त 9 2024

    लेबनान में फ्रांसीसी नागरिकों के लिए ये आग्रह बहुत जरूरी है, लेकिन ये भी ध्यान रखना चाहिए कि वहां के स्थानीय लोगों की स्थिति कैसी है? उनके पास भी वही विकल्प नहीं हैं। ये सब एक बड़ी असमानता का प्रतीक है।

    हमें अपने देश के लिए चिंता करनी चाहिए, लेकिन दूसरों की चिंता नहीं भूलनी चाहिए।

  7. Nirmal Kumar
    Nirmal Kumar
    अगस्त 11 2024

    फ्रांस का ये कदम बिल्कुल सही है। जब आसमान में बारिश हो रही हो तो छत पर खड़े रहने की कोशिश मत करो। ये सिर्फ एक यात्रा सलाह नहीं, ये जीवन बचाने की बात है।

    हम भारतीय लोग अक्सर ऐसी बातों को भावनात्मक तरीके से लेते हैं, लेकिन ये सब तकनीकी और नियमित निर्णय हैं। बचाव के लिए तैयार रहना ही सबसे बड़ी बुद्धिमत्ता है।

  8. Sharmila Majumdar
    Sharmila Majumdar
    अगस्त 12 2024

    आप सब ये बातें कर रहे हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि फ्रांस के नागरिक लेबनान में क्यों रह रहे हैं? क्या वो अपने देश के लिए कुछ नहीं कर रहे? क्या उनके देश के पास इतना बड़ा बजट नहीं है कि वो अपने नागरिकों को बाहर रख सकें? ये सब बहुत आसान बातें हैं जो आप बोल रहे हैं लेकिन जिम्मेदारी का बोझ तो लेबनान पर ही पड़ रहा है

  9. amrit arora
    amrit arora
    अगस्त 14 2024

    मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूं कि फ्रांस का ये कदम समझदारी से भरा हुआ है, लेकिन ये भी सच है कि ये एक बहुत बड़ी अंतर्राष्ट्रीय नीति का हिस्सा है। जब दुनिया के किसी भी हिस्से में तनाव बढ़ता है, तो देश अपने नागरिकों को बचाने के लिए अपनी नीतियां बदल देते हैं।

    लेकिन ये सब अंततः एक बड़े चक्र का हिस्सा है - जहां शक्तियां अपनी सुरक्षा के लिए लड़ती हैं, और आम आदमी उसके बीच फंस जाता है। क्या हम एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं जहां नागरिकों को बचाने के लिए नहीं, बल्कि युद्ध को रोकने के लिए प्रयास किए जाएं? ये सवाल अभी भी बाकी है।

  10. Ambica Sharma
    Ambica Sharma
    अगस्त 15 2024

    मैं बस ये कहना चाहती हूं कि इस बारे में सोचकर मेरा दिल टूट गया। लेबनान में रहने वाले लोग जो अपने घर छोड़ नहीं सकते, उनके बारे में कौन सोचता है? फ्रांस अपने लोगों को बचा रहा है, लेकिन वो लोग जो अपने घर छोड़ नहीं सकते, उनके लिए क्या होगा? मैं रो रही हूं।

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