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भारतीय बाजार – ताज़ा खबरों का एक ही ठिकाना

क्या आप रोज़मर्रा के शेयर बदलाव, बड़े बिजनेस सौदे या आर्थिक नीति के असर को जल्दी से जानना चाहते हैं? यहाँ आपको वही मिलेगा—सिर्फ कुछ मिनट में समझाने वाला लेख। हम बात करेंगे आज की सबसे बड़ी स्टॉक मूवमेंट, बाजार को चलाने वाले कारण और आपके निवेश को सुरक्षित रखने के छोटे‑छोटे टिप्स पर.

आज के प्रमुख स्टॉक मूवमेंट

पिछले 24 घंटे में ओला इलेक्ट्रिक ने ₹731 करोड़ की ब्लॉक डील पब्लिश की। इस डील से शेयरों में 7 % गिरावट आई, क्योंकि कीमत पिछले ट्रेडिंग प्राइस से लगभग 4 % कम थी। Hyundai मोटर को संभावित खरीदार माना जा रहा है; अगर यह सौदा पक्का हुआ तो कंपनी के शेयरों पर भी असर पड़ सकता है।

दूसरी ओर, Zomato में फूड डिलीवरी डिवीजन के CEO ने इस्तीफा दे दिया और संस्थापक दीपिंदर गोयल अस्थायी रूप से कमान संभालेंगे। इस बदलाव ने स्टॉक को थोड़ा स्थिर किया लेकिन निवेशकों को यह देखना होगा कि नई रणनीति कैसे काम करेगी.

बाजार में टेक सेक्टर भी हलचल में है। Nikkei 225 में थोड़ी गिरावट आई, पर विश्लेषकों का मानना है कि 2025 तक एशिया बाजार बढ़ेगा। अगर आप जापान या चीन के शेयरों में निवेश सोच रहे हैं तो यह समय देखने लायक हो सकता है.

बाजार को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक

सबसे पहले, मौद्रिक नीति—RBI की दरें सीधे इक्विटी बाजार को छूती हैं। अगर ब्याज दर में कटौती होती है तो आमतौर पर शेयरों के लिये पूँजी सस्ती हो जाती है और निवेशकों का भरोसा बढ़ता है। हाल ही में RBI ने कुछ संकेत दिए हैं, लेकिन अभी तक कोई बड़ा बदलाव नहीं आया।

दूसरा कारण है वैश्विक जोखिम—अमेरिका की फेडरल रिज़र्व की नीतियां, यूरोपीय ऊर्जा कीमतें और चीन का आर्थिक डेटा—all these affect Indian market indirectly. अगर यूएस में इन्फ्लेशन घटता है तो डॉलर सस्ते होते हैं, जिससे भारतीय निर्यात को फायदा हो सकता है और शेयरों में सकारात्मक भावना आती है.

तीसरा प्रमुख कारक है कंपनी की अपनी खबरें। Ola Electric जैसी ब्लॉक डील या Zomato के नेतृत्व परिवर्तन सीधे स्टॉक कीमत को प्रभावित करते हैं। इसलिए हर बड़े कॉर्पोरेट एनीउंस को नज़रंदाज़ नहीं करना चाहिए, चाहे वह मर्जर हो, डिविडेंड घोषणा हो या नई प्रोडक्ट लॉन्च.

अंत में, सेक्टर‑विशिष्ट ट्रेंड भी काम आते हैं। टेक और फ़िनटेक कंपनियां अभी तेजी से बढ़ रही हैं, जबकि कुछ रियल एस्टेट वेंचर अभी संकोच में हैं क्योंकि किफ़ायती होम लोन की उपलब्धता कम हुई है। अपने पोर्टफोलियो को संतुलित रखने के लिये इन सेक्टर्स का मिश्रण जरूरी है.

संक्षेप में, भारतीय बाजार में हर दिन नई कहानी होती है। बड़े डील्स, नीति बदलाव और वैश्विक संकेतकों पर नज़र रखिए, फिर आप सही निवेश निर्णय ले पाएंगे। अगर आज की जानकारी आपके काम आई हो तो इसे बुकमार्क कर लीजिये—अगली बार हम फिर नए अपडेट के साथ आएँगे।

ट्रेड तनावों के बीच सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर

ट्रेड तनावों के बीच सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर

भारत में 28 मार्च, 2025 को सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार आयात पर 25% शुल्क लगाने की घोषणा के बाद वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ गया। 24 कैरेट सोने की कीमत मुंबई में ₹90,980 प्रति 10 ग्राम हो गई, जबकि 22 कैरेट सोना ₹83,400 पर पहुंच गया। यह उछाल निवेशक सतर्कता के कारण हुआ है और आगे और वृद्धि की उम्मीद है।

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