हर साल लाखों महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का सामना करना पड़ता है, लेकिन सही जानकारी से आप इसे जल्दी पकड़ सकते हैं। सबसे पहले समझ लें कि यह बीमारी केवल उम्र या जीन तक सीमित नहीं, बल्कि जीवनशैली और स्वास्थ्य के कई पहलुओं से जुड़ी होती है। अगर आपको या आपके करीब किसी को कोई भी अजीब बदलाव महसूस हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें—समय पर जांच अक्सर उपचार को आसान बना देती है।
लक्षणों की सूची लंबी नहीं है, लेकिन इन्हें नजरअंदाज न करना चाहिए। सबसे आम संकेत हैं:
इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत मैमोग्राफी या अल्ट्रासाउंड करवा लें। शुरुआती चरण में कैंसर अक्सर छोटे होते हैं और इलाज आसान रहता है। याद रखें, हर छोटी सी परिवर्तन को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए—आपकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज अब कई विकल्पों में उपलब्ध है: सर्जरी, रेडिएशन, कीमोथेरेपी और नई इम्यूनो-थेरेपी। डॉक्टर आपके केस के हिसाब से सबसे सही तरीका चुनेंगे। कुछ मामलों में एक साथ दो या तीन विधियां भी अपनाई जाती हैं जिससे रोग का नियंत्रण बेहतर हो सके।
रोकथाम के लिए रोज़मर्रा की आदतों को सुधारना जरूरी है:
इन सरल कदमों से आप ब्रेस्ट कैंसर जोखिम को काफी हद तक घटा सकते हैं। याद रखें, जागरूकता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है; जानकारी बाँटें और अपने आसपास के लोगों को भी प्रेरित करें कि वे समय पर जांच कराएं।
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में एक चिंताजनक स्वास्थ्य समस्या है, जिसे वजन बढ़ने, शराब के सेवन और नियमित व्यायाम की कमी जैसे कारकों से बढ़ावा मिलता है। डॉ. रितिका हर्णिया हिण्डुजा, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, बताती हैं कि एक महिला के ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम का संबंध उसके ओवरी द्वारा उत्पादित हार्मोन से होता है। प्रजनन कारक जो इन हार्मोनों के Exposure को बढ़ाते हैं, जैसे कि शुरुआती मासिक धर्म, देरी से मेनोपॉज़ और पहली गर्भावस्था की देरी, ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम से जुड़े होते हैं।