हरियाली तीज भारत के कई राज्यों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को वसंत का आगमन, हरे-भरे मौसम और महिला शक्ति का जश्न माना जाता है। अगर आप पहली बार सुन रहे हैं तो चिंता न करें—हम आपको सरल शब्दों में समझाते हैं कि यह त्यौहार क्यों खास है और कैसे मनाएँ।
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, हरियाली तीज माँ पार्वती और पति शिवार (शिव) के मिलन को समर्पित है। इस दिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं। साथ ही यह वसंत ऋतु का स्वागत करने वाला पहला बड़ा त्यौहार माना जाता है, इसलिए इसे ‘हरियाली’ कहा गया—क्योंकि खेतों में हरा-भरा रंग छा जाता है।
इस दिन लोग न केवल पूजा करते हैं बल्कि प्रकृति के साथ जुड़ने की भी कोशिश करते हैं। घर की सफाई, पत्तियों से सजावट और झूले का निर्माण इस त्यौहार को खास बनाते हैं। कई जगहों में महिलाएँ रंगीन वस्त्र पहनकर अपने पति या पिता को उपहार देती हैं, जिससे रिश्ते मजबूत होते हैं।
1. **सजावट और पत्ता मंडला**: घर की दरवाजे पर हरी पत्तियों, फूलों और रंगीन धागों से बने मंडले लगाते हैं। यह सजावट बरसात का इंतज़ार करती हुई हरियाली को दर्शाती है।
2. **नहाय-पीना (नीर व्रत)**: कई महिलाएं इस दिन स्नान करके पवित्र पानी पीती हैं, जिसे ‘नीर व्रत’ कहा जाता है। यह स्वास्थ्य और शुद्धि का प्रतीक माना जाता है।
3. **झूला बनाना**: घर के आंगन में या बड़े पेड़ पर झूले लटकाए जाते हैं। महिलाएं इस पर बैठ कर गीत गाती हैं, जो खुशियों की आवाज़ होती है।
4. **सिंघासना (गुड़ और चावल का प्रसाद)**: पूजा में गुड़, चावल, फलों और फूलों को मिलाकर प्रसाद तैयार किया जाता है। बाद में इसे सभी परिवार के साथ बाँटा जाता है।
5. **भजन-संगीत**: शाम को पारम्परिक भजनों और लोकगीतों का मंचन होता है। अक्सर स्थानीय कलाकार गाते‑बजाते हैं, जिससे माहौल और भी उत्सवपूर्ण बनता है।
इन रिवाज़ों के पीछे एक ही मकसद है—परिवार में प्रेम बढ़ाना, प्रकृति का सम्मान करना और आने वाले साल की खुशहाली की कामना करना।
अगर आप इस तीज को खास बनाना चाहते हैं तो कुछ सरल टिप्स अपनाएँ: साफ़-सुथरा घर रखें, हरी पत्तियों से सजावट करें, घर में हल्का संगीत बजाएं और सभी उम्र के लोग मिलकर झूला आनंद लें। याद रहे, यह त्यौहार खुशी बाँटने का है, इसलिए बड़ी शर्तें या खर्च नहीं, बस सच्ची भावना चाहिए।
हरियाली तीज केवल धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक जुड़ाव का अवसर भी है। पड़ोसियों को आमंत्रित करें, साथ मिलकर पकवान बनाएं और एक-दूसरे की कहानियाँ सुनें। इस तरह आप न सिर्फ त्यौहार मनाएँगे, बल्कि समुदाय में भी अपना स्थान मजबूत करेंगे।
समय आते ही वसंत का मौसम आपके घर तक पहुंचता है, तो हरियाली तीज को यादगार बनाएं। सरल रिवाज़ और दिल से की गई शुभकामनाएँ हमेशा आपके जीवन में नई ऊर्जा लाएंगी।
हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज भी कहते हैं, उत्तरी भारत में धूमधाम से मनाई जाती है। यह दिन माता पार्वती और भगवान शिव की आराधना और उनके पुनर्मिलन के जश्न के रूप में मनाया जाता है। इस साल हरियाली तीज 7 अगस्त को है। विवाहित महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र और सुखमयी जीवन की कामना के लिए व्रत रखती हैं।