अगर आप भारतीय इतिहास में दिलचस्पी रखते हैं तो मराठा शासकों की कहानी छोड़ नहीं सकते। ये राजाओं ने केवल युद्ध नहीं लड़े, बल्कि प्रशासन, संस्कृति और सामाजिक सुधारों में भी बड़ा योगदान दिया। यहां हम मुख्य माराठा शासकों के बारे में सरल शब्दों में बात करेंगे, ताकि आप जल्दी समझ सकें कि उनका समय क्यों महत्वपूर्ण था।
सबसे पहले बात करते हैं छत्रपति शिवाजी महाराज की। 1630 के आसपास जन्मे शिवाजी ने 1674 में खुद को राजा घोषित किया और एक मजबूत सैन्य व्यवस्था बनायी। उनकी सेना हल्की, तेज़ और रणनीतिक थी—किले‑भेद, जलरक्षा और गुरिल्ला युद्ध उनका खास हथियार था।
शिवाजी के बाद उनके पुत्र संभाजी राजे हुए। उन्होंने भी पिता की तरह मराठा साम्राज्य को मजबूत रखने की कोशिश की, लेकिन कई बार अंग्रेज़ों और मुगलों से जूझना पड़ा। उनकी सबसे बड़ी चुनौती थी लगातार युद्ध‑पैसे की कमी और परिवारिक विवाद।
राजाराम और शहाबंद दो भाई थे जो शिवाजी के छोटे पोते थे। राजाराम ने दक्षिणी मराठा क्षेत्र को संभाला, जबकि शहाबंद पश्चिमी भाग में आगे बढ़े। दोनों ने अपने‑अपने क्षेत्रों में forts को मजबूत किया और प्रशासनिक सुधार लागू किए।
पेशवा बालासाहेब प्रथम ने 1720‑30 के दशक में माराठा सत्ता का पुनर्गठन किया। उन्होंने कई छोटे-छोटे रियासतों को एकजुट कर बड़ा साम्राज्य बनायाः आज तक चलने वाले पुणे, मुंबई और नागपूर क्षेत्रों का विस्तार हुआ। पेशवा की नीति आर्थिक विकास पर अधिक केंद्रित थी, जिससे व्यापारियों को लाभ मिला।
मराठा शासकों ने कई किले बनवाए—सेनापति, रायगढ़, सिंहगढ़, लोहगड़ आदि। ये forts सिर्फ रक्षा के लिए नहीं, बल्कि प्रशासनिक केन्द्र भी थे। आज इनका उपयोग पर्यटन में हो रहा है और इतिहास प्रेमियों को आकर्षित करता है।
संस्कृति के क्षेत्र में मराठा शासकों ने नवनिर्माण किया। उन्होंने वाचनालय, संगीत सभाएं और धार्मिक स्थलों का समर्थन किया। शिवाजी ने अष्टांग दर्शन पर आधारित न्याय प्रणाली लागू की जिससे आम लोगों को न्याय मिला। पेशवा बालासाहेब ने व्यापारियों को कर में रियायत दी जिससे मुंबई एक बड़ा बंदरगाह बन गया।
अगर आप मराठा इतिहास के बारे में और गहराई से जानना चाहते हैं, तो इन शासकों की जीवनी पढ़ें, उनके forts का दौरा करें और स्थानीय कहानियों को सुनें। हर राजाओं की कहानी अलग है, लेकिन सबका उद्देश्य एक ही था—स्वतंत्रता और प्रगति।
इस पेज पर आपको मराठा शासकों के प्रमुख तथ्यों का संक्षिप्त सार मिलेगा, जिससे आप जल्दी समझ सकेंगे कि उनके समय में क्या हुआ और क्यों आज उनका प्रभाव महसूस होता है। पढ़ते रहिए और इतिहास की इस रोमांचक यात्रा को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें!
विक्की कौशल की फिल्म 'छावा' ने भारतीय बॉक्स ऑफिस पर ₹286.75 करोड़ की कमाई कर ली है और कुल वैश्विक संग्रह लगभग ₹400 करोड़ तक पहुंचने की ओर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा ने फिल्म की लोकप्रियता को एक नया आयाम दिया।