अगर आप भारत में क्रिकेट देखते हैं तो सचिन नाम सुनते ही दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है। पाँच दशक से भी ज़्यादा समय तक उन्होंने बल्ले को ऐसे चलाया जैसे कोई जादूगर। इस लेख में हम उनके शुरुआती दिनों, सबसे यादगार पलों और आज के युवाओं पर उसके असर को आसान भाषा में समझेंगे।
1990 में सिर्फ 16 साल की उम्र में सचिन ने भारत का डेब्यू किया। उस समय ही उनका पहला शतक सामने आया और वह तुरंत ही सबका ध्यान आकर्षित करने लगे। फिर 1998‑99 में उन्होंने एक ओवर में 200 रन बनाकर दुनिया को दिखा दिया कि सीमाएँ नहीं होतीं, सिर्फ इच्छा होती है।
कुल मिलाकर सचिन ने टेस्ट में 15,921 रन और वनडे में 18,426 रन बनाए—दोनों फॉर्मेट में रिकॉर्ड अभी तक टूटे नहीं हैं। उनका सबसे बड़ा शतक 200* था, जो उन्होंने 2013 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनाया। इस रेज़ल्ट ने उन्हें फिर से ‘अमर’ बना दिया।
सचिन की कैप्टेनcy भी उल्लेखनीय थी। भले ही उन्होंने केवल एक साल तक कप्तानी संभाली, लेकिन उनके नेतृत्व में टीम ने कई कठिन मैच जीते। वह हमेशा युवा खिलाड़ियों को मौका देते थे और उनका आत्म‑विश्वास बढ़ाते थे। यही वजह है कि आज के कई स्टार खिलाड़ी उन्हें अपना मार्गदर्शक मानते हैं।
सिर्फ बैटिंग नहीं, बल्कि अनुशासन और मेहनत की कहानी है सचिन की। उन्होंने कभी भी अपने खेल में आलस्य नहीं दिखाया, हर साल नया लक्ष्य रखकर उसे हासिल किया। यही सोच युवाओं को प्रेरित करती है—छोटे‑छोटे कदम बड़े सपने बनाने में मदद करते हैं।
सचिन का सामाजिक योगदान भी कम नहीं है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल के लिए कई फाउंडेशन शुरू किए हैं। उनके नाम पर चलने वाले शिष्यवृत्ति कार्यक्रमों से लाखों बच्चों को पढ़ाई की सुविधा मिली है। यह दिखाता है कि एक खिलाड़ी समाज में कितना बड़ा बदलाव ला सकता है।
अगर आप सचिन के मैच देखना चाहते हैं तो यूट्यूब, जिओसिनेमा या एप्पल टीवी पर उनके क्लासिक पलों को आसानी से मिल सकते हैं। कई स्पोर्ट्स चैनल भी उनके ‘हाइलाइट रील’ हर हफ़्ते दिखाते हैं, जिससे आप उनकी तकनीक और खेल समझ में सुधार कर सकते हैं।अंत में इतना ही कहा जा सकता है कि सचिन तेंदुलकर सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति का हिस्सा बन चुके हैं। उनका नाम सुनते ही किसी भी क्रिकेट फ़ैन के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और यह स्पष्ट हो जाता है कि खेल में मेहनत और सच्ची लगन से क्या हासिल किया जा सकता है।
इंडिया मास्टर्स ने IML 2025 के पहले मैच में श्रीलंका मास्टर्स को 4 रन से हराया। इस रोमांचक मुकाबले में सचिन तेंदुलकर ने भारत और कुमार संगकारा ने श्रीलंका की कप्तानी की। भारत की जीत में स्टुअर्ट बिन्नी के 68 और यूसुफ पठान के 56 रन मुख्य भूमिका में थे। इरफान पठान की 3 विकेट ने मैच को रोमांचक मोड़ पर ला दिया।