सावन तीज भारत के सबसे प्यारे त्योहारों में से एक है, जहाँ महिलाएँ अपने सास‑ससुर और बहनों को सरप्राइज़ करती हैं। आमतौर पर यह सावन महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है, यानी जुलै‑अगस्त में। इस दिन गंगा किनारे या घर के आंगन में स्नान करके लोग अपने जीवन में खुशहाली का स्वागत करते हैं। अगर आप पहली बार तीज मना रहे हैं तो डरने की जरूरत नहीं – यहाँ हम आपको आसान भाषा में सब समझाते हैं।
सबसे पहले महिलाएँ सावन के जल से स्नान करती हैं, इसे ‘स्नान’ कहते हैं और माना जाता है कि इससे सर्दी‑जुकाम दूर होते हैं। इसके बाद माँ का तेल या घी से बालों को मसाज किया जाता है; इसको ‘तैल मालिश’ कहा जाता है और यह बालों की चमक बढ़ाता है। फिर दाल‑भात, कढ़ाई में बने पकौड़े और गन्ने के रस जैसी चीज़ें बनाकर परिवार के साथ बाँट ली जाती हैं। रात को दीप जलाकर आरती गायी जाती है, और महिलाएँ अपने सास‑ससुर को मिठाइयाँ देती हैं – यह रिश्तों को मजबूत करता है।
रिवाज़ों में एक खास बात है – सावन की पली हुई धूप में कंकड़ या रेत पर ‘त्रिकोण’ बनाकर पूजा करना, जिससे घर में सुख‑शांति बनी रहती है। इस दिन कई लोग अपने पति के लिए ‘सौंधी’ पहनते हैं और साथ ही दुल्हनों को भी सुंदर लहंगों में सजाते देख सकते हैं।
आजकल लोग रिवाज़ों को सरल बनाकर भी उतना ही खुशी महसूस करते हैं। अगर आपके पास गंगा नहीं है तो आप घर के बाथरूम में हल्का गरम पानी डालकर स्नान कर सकते हैं, और थोड़ा सा तुलसी का पत्ता डालें – वही असर मिलेगा। बालों की तैल मालिश में कोकोनट तेल या अरोमैटिक तेल इस्तेमाल करें; इससे महक भी अच्छी रहेगी और बाल मजबूत होंगे।
भोजन में परम्परागत व्यंजन बनाते समय आप ऑनलाइन रेसिपी देख सकते हैं – सिर्फ 5 मिनट में ही पकौड़े, झालरी और दही‑भल्ले तैयार हो जाएंगे। सोशल मीडिया पर #SawanTej हैशटैग से जुड़कर आप अपनी तीज की तस्वीरें शेयर कर सकते हैं, जिससे दोस्तों को भी प्रेरणा मिलेगी।
अगर आप बाहर जाना चाहते हैं तो कई शॉपिंग मॉल्स में ‘सावन मार्केट’ लगते हैं जहाँ पारंपरिक साड़ी, गहने और सजावट मिलती है। बजट का ध्यान रखते हुए ऑफ़र वाले स्टॉक्स चुनें – इससे खर्च कम रहेगा और मन खुश होगा।
अंत में एक बात याद रखें: सावन तीज रिश्तों को जोड़ने का मौका है, न कि तनाव बनाने का। छोटे‑छोटे काम जैसे घर की सफाई या बच्चों के साथ रंगोली बनाना भी उत्सव को खास बना देता है। तो इस साल अपनी सावन तीज को पूरी खुशी और सरलता से मनाएँ – यही असली जादू है।
हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज भी कहते हैं, उत्तरी भारत में धूमधाम से मनाई जाती है। यह दिन माता पार्वती और भगवान शिव की आराधना और उनके पुनर्मिलन के जश्न के रूप में मनाया जाता है। इस साल हरियाली तीज 7 अगस्त को है। विवाहित महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र और सुखमयी जीवन की कामना के लिए व्रत रखती हैं।