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शिव‑पार्वती पर्व: क्या है और क्यों खास?

जब भी साल में एक बार महादेव और माँ पार्वती के मिलन को याद किया जाता है, तो वह शिव‑पार्वती पर्व बन जाता है। यह त्यौहार उत्तर भारत में विशेष रूप से मनाया जाता है और कई राज्यों में इसे ‘शिवरात्रि’ या ‘त्रिपुरारी व्रत’ भी कहा जाता है। लोग मानते हैं कि इस दिन भगवान शिव की कृपा से सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं, इसलिए घर-घर में पूजा‑पाठ, फुलों की सजावट और विशेष व्यंजन बनाते हैं।

शिव‑पार्वती पर्व कब होता है?

यह त्यौहार हिन्दू पंचांग के कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आता है, यानी आमतौर पर अक्टूबर‑नवंबर में। इस दिन शैल्प और माँ पार्वती का मिलन दर्शाया जाता है, इसलिए इसे ‘शिव‑पार्वती संगम’ कहा जाता है। कई लोग इस अवसर पर व्रत रखते हैं, स्नान करते हैं और विशेष मंत्रों का जप करके अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भरते हैं।

कैसे मनाएँ: आसान टिप्स

अगर आप पहली बार इसे मनाने वाले हैं तो कुछ सरल कदम मदद करेंगे:

  • सुबह जल स्नान करें, फिर साफ कपड़े पहनें और घर की सफाई‑सफर करें।
  • शिवलिंग को धूप में रखें, उस पर गंगाजल, शहद और बेलपत्र छिड़कें।
  • पार्वती के लिए मोती, गुलाब और चंदन से बनी माला बनाकर लटकाएँ।
  • भोजन में फालूदा, पुरी‑साबूदाना या फल‑सब्जी का विशेष पकवान तैयार करें।

पूरे दिन मन को शांति रखने के लिए भजन‑कीर्तन सुनें और परिवार के साथ मिलकर कथा पढ़ें। इस तरह छोटे-छोटे कार्य बड़े आनंद में बदल जाते हैं, और त्यौहार की खुशी पूरे घर में फैल जाती है।

शिव‑पार्वती पर्व सिर्फ एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि पारिवारिक बंधनों को मजबूत करने का मौका भी है। आप अपने बच्चों को कथा सुनाएँ, उन्हें शैल्प के बारे में बताएं और साथ मिलकर रचनात्मक कला बनाएं। इससे न केवल संस्कृतिक ज्ञान बढ़ेगा बल्कि आपके घर में खुशियों की लहर भी आएगी।

अंत में यह याद रखें कि इस त्यौहार का असली उद्देश्य मन को शुद्ध करना, आस्था को सुदृढ़ करना और सकारात्मक ऊर्जा को जीवन में लाना है। तो अगली बार जब शिव‑पार्वती पर्व आए, तो इन सरल तरीकों से इसे मनाएँ और अपने आसपास के लोगों को भी जोड़ें।

हरियाली तीज 2024: तिथि, इतिहास, महत्व, आयोजन और हरियाली तीज के बारे में सबकुछ

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हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज भी कहते हैं, उत्तरी भारत में धूमधाम से मनाई जाती है। यह दिन माता पार्वती और भगवान शिव की आराधना और उनके पुनर्मिलन के जश्न के रूप में मनाया जाता है। इस साल हरियाली तीज 7 अगस्त को है। विवाहित महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र और सुखमयी जीवन की कामना के लिए व्रत रखती हैं।

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