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Zomato में बड़ा बदलाव: फूड डिलीवरी CEO के इस्तीफे के बाद Deepinder Goyal संभालेंगे कमान

Uma Imagem 20 टिप्पणि 27 मई 2025

Zomato में लीडरशिप रोटेशन: CEO राकेश रंजन का इस्तीफा और नई रणनीति

इंडियन फूड डिलीवरी इंडस्ट्री में हलचल मच गई जब Zomato के फूड डिलीवरी डिवीजन के CEO राकेश रंजन ने अपनी जिम्मेदारी छोड़ दी। रंजन करीब आठ साल पहले कंपनी से जुड़े थे और 2023 जून में फूड डिलीवरी के CEO बने। बस एक साल बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया, हालांकि वे Zomato में अलग भूमिका में जुड़े रहेंगे। कंपनी का कहना है कि ये एक रूटीन लीडरशिप रोटेशन है, जो हर दो साल में होता है।

फूड डिलीवरी का बाजार पिछले कुछ महीनों से ठंडा पड़ा है। खासकर 2024 के अंत से डिमांड में रुकावट आई है, जिससे Zomato और उसके मुख्य प्रतिद्वंदी Swiggy दोनों प्रभावित हुए हैं। फिर भी Zomato लगातार मार्केट लीडर बना हुआ है। इसकी बड़ी वजह है कि कंपनी ने 2023-24 की तीसरी तिमाही में विज्ञापन पर करीब 39% ज्यादा, यानी ₹521 करोड़ खर्च किए। इसका मतलब है कि कंपनी ने बाजार में पकड़ मजबूत रखने के लिए जमकर निवेश किया।

दीपिंदर गोयल की सीधी कमान और भविष्य की राह

फाउंडर और ग्रुप CEO दीपिंदर गोयल अब सीधे फूड डिलीवरी ऑपरेशन्स की जिम्मेदारी संभालेंगे। कंपनी मानती है कि मौजूदा हालात को संभालने के लिए गोयल का अनुभव और विजन सबसे जरूरी है। गहराते कॉम्पिटिशन और मार्केट स्लोडाउन के बीच इंस्टेंट फैसले और बड़े बदलाव जरूरी हो गए हैं।

इसी दौरान एक और बड़ा बदलाव सामने आया—कंपनी के फूड डिलीवरी COO रहे रिन्शुल चंद्रा हाल ही में इस्तीफा देकर नई पारी शुरू कर चुके हैं। इससे टॉप लीडरशिप में बड़े बदलाव और चुनौतियों की झलक मिलती है। इस वक्त Zomato के सामने अब दोहरी चुनौती है—ग्राहकों की घटती डिमांड को संभालना और Swiggy जैसी कंपनियों की आक्रामक रणनीति का जवाब तैयार करना।

कंपनी ने बीते सालों में मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए न सिर्फ विज्ञापन पर ज्यादा खर्च किया, बल्कि टेक्नोलॉजी और डिलीवरी नेटवर्क में भी इनोवेशन किया है। अब जब खुद दीपिंदर गोयल मैदान में उतर रहे हैं, तो उम्मीद है कि ताजगी और बदलाव की नई लहर देखने को मिलेगी। Zomato के लिए यह वक्त सिर्फ रोटेशन या इस्तीफे का नहीं, बल्कि बाजार में बने रहने और नए मौके तलाशने का है।

20 टिप्पणि

  1. suresh sankati
    suresh sankati
    मई 29 2025

    ये तो हुआ जैसे बाबा के बाद बेटा आया... पर अब दीपिंदर खुद डिलीवरी पर आ गए, मतलब अब चाय का बिल भी उनके नाम पर आएगा 😅

  2. Pooja Kri
    Pooja Kri
    मई 30 2025

    लीडरशिप रोटेशन... ये टर्म तो बहुत स्मार्ट लगता है... पर असल में जब कोई बाहर निकल रहा हो तो इसे रोटेशन कहना बस इंडस्ट्री का ग्लैमर लगाना है... ये तो फेलियर है ना? 😅

  3. Sanjeev Kumar
    Sanjeev Kumar
    जून 1 2025

    इंडिया में हर कंपनी का लीडरशिप बदलना एक रिटुअल हो गया है... जैसे दिवाली का पटाखा... आता है तो बहुत शोर होता है... पर असर नहीं होता... अब दीपिंदर आए हैं... उम्मीद है ये बार असली बदलाव लाएंगे... न कि बस नया लोगो और नया टैगलाइन

  4. Hemlata Arora
    Hemlata Arora
    जून 3 2025

    इस तरह के लीडरशिप बदलावों से न कोई ग्राहक संतुष्ट होगा न ही डिलीवरी बॉय को बेहतर पेमेंट मिलेगा। यह सिर्फ एक शो है जिसका उद्देश्य बाजार में भावनात्मक बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल करना है।

  5. manohar jha
    manohar jha
    जून 4 2025

    अरे भाई, दीपिंदर खुद आ गए तो अब तो डिलीवरी वाले भी अपनी बाइक पर बैठकर गाना गाएंगे! जय हिंद, जय जोमाटो 😎

  6. Nitya Tyagi
    Nitya Tyagi
    जून 4 2025

    अरे यार... फिर से यही गाना... बस एक बार तो बता दो कि ये लोग असल में क्या कर रहे हैं? बस एक दिन में 100 करोड़ खर्च कर देते हैं... और फिर बोलते हैं कि डिमांड घट रही है... ये तो अंधेरे में बिजली बंद करके बताना है कि बिजली क्यों नहीं आ रही? 🤦‍♀️

  7. Sanjay Verma
    Sanjay Verma
    जून 5 2025

    मैंने देखा है कि जब दीपिंदर खुद कुछ करते हैं तो जोमाटो का ऐप थोड़ा तेज़ हो जाता है... शायद उनके लिए डिलीवरी नेटवर्क का एल्गोरिदम अलग होता है 😅

  8. surabhi chaurasia
    surabhi chaurasia
    जून 6 2025

    इतने पैसे विज्ञापन पर खर्च करना गलत है... अगर आपका खाना अच्छा नहीं है तो कितना भी विज्ञापन करोगे तो लोग नहीं खरीदेंगे... ये बस बाजार में झूठ बोलना है

  9. Amresh Singh knowledge
    Amresh Singh knowledge
    जून 7 2025

    कंपनियों में लीडरशिप रोटेशन का एक वैज्ञानिक आधार होता है। यह एक अच्छी प्रथा है जो नवीनता और अनुकूलन को बढ़ावा देती है।

  10. Rahul Madhukumar
    Rahul Madhukumar
    जून 9 2025

    अरे यार ये सब बकवास है... जो लोग इस्तीफा दे रहे हैं वो तो सिर्फ जब बाहर निकलने का मौका मिला... अब दीपिंदर आ गए... अब तो वो भी बाहर निकलेंगे जब बाजार नहीं चलेगा... ये तो चक्रव्यूह है

  11. Khushi Thakur
    Khushi Thakur
    जून 9 2025

    मैं इस बारे में बहुत भावनात्मक हूँ... लोग अपने जीवन के लिए लड़ रहे हैं... और ये कंपनियाँ अपने बॉस को बदल रही हैं... जब तक डिलीवरी बॉय की तनख्वाह नहीं बढ़ेगी... तब तक ये सब बस एक ड्रामा है... 😢

  12. Varad Tambolkar
    Varad Tambolkar
    जून 10 2025

    इसका राज तो ये है कि अमेरिका के लोग Zomato में निवेश कर रहे हैं... और वो चाहते हैं कि हम भारतीयों को अपना खाना खिलाएं... ये एक जाल है... जो दीपिंदर ने भी बनाया है... और अब वो खुद इसे बचाने आए हैं... ये सब बाहरी शक्तियों का षड्यंत्र है... 🇺🇸🔥

  13. Vijay Paul
    Vijay Paul
    जून 11 2025

    लीडरशिप बदलाव एक नियमित प्रक्रिया है। इसका मतलब यह नहीं कि कुछ गलत हुआ है। बल्कि यह दर्शाता है कि कंपनी विकास के लिए तैयार है।

  14. RUPESH BUKE
    RUPESH BUKE
    जून 12 2025

    दीपिंदर आ गए तो अब बस अच्छा खाना मिलेगा और डिलीवरी जल्दी होगी... बाकी सब बकवास है

  15. Chirag Kamra
    Chirag Kamra
    जून 13 2025

    यार दीपिंदर अब खुद डिलीवरी पर आ गए... अब तो वो अपनी बाइक पर बैठकर दिल्ली से बेंगलुरु तक खाना डिलीवर करेंगे... बस एक बार तो इंस्टाग्राम पर वीडियो डाल दो भाई 😂

  16. Ramesh Velusamy
    Ramesh Velusamy
    जून 14 2025

    दीपिंदर जी अब खुद आए हैं तो अब तो डिलीवरी बॉय को भी बेहतर बोनस मिलेगा... और अगर लोगों को खाना अच्छा नहीं मिल रहा तो वो खुद रेस्टोरेंट चलाने आएंगे... ये आदमी बस अपने विजन को जिंदा रखता है... जय हिंद!

  17. Sushil Kallur
    Sushil Kallur
    जून 15 2025

    भारत में जब तक हम अपने छोटे व्यवसायों को समर्थन नहीं देंगे... तब तक ये बड़ी कंपनियाँ बस अपने लाभ के लिए चलेंगी... दीपिंदर आए हैं... लेकिन क्या वो छोटे दुकानदारों के लिए भी कुछ करेंगे?

  18. Chandni Solanki
    Chandni Solanki
    जून 15 2025

    मैं तो बस चाहती हूँ कि जब मैं ऑर्डर करूँ तो खाना गरम आए... और डिलीवरी बॉय ठीक से बोले... बाकी सब तो बस बातें हैं... 😊

  19. Nitin Garg
    Nitin Garg
    जून 16 2025

    इस्तीफा देने वाले सब ने अपना बोनस ले लिया... अब दीपिंदर आए हैं... तो अब वो भी बोनस लेंगे... और फिर वही बात... ये सब एक खेल है

  20. Seema Lahiri
    Seema Lahiri
    जून 17 2025

    मैंने देखा है कि जब दीपिंदर खुद किसी चीज़ पर ध्यान देते हैं तो वो बदल जाती है... न सिर्फ ऐप बल्कि डिलीवरी का तरीका... लोग अब अपने खाने के लिए इंतजार करने की बजाय उसकी क्वालिटी के बारे में सोचने लगे हैं... ये बदलाव बहुत अहम है... जैसे एक नए दिन की शुरुआत... जिसमें हर खाना गरम हो और हर डिलीवरी बॉय को सम्मान मिले... ये सब बस एक बड़ा सपना है... लेकिन अब ये सपना थोड़ा सच हो रहा है

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