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‘Bad Newz’ मूवी रिव्यू: विकी कौशल की दमदार अदाकारी से सजी अधूरी कॉमेडी-ड्रामा

Uma Imagem 7 टिप्पणि 20 जुलाई 2024

‘Bad Newz’ मूवी रिव्यू: विकी कौशल अदाकारी का दम

बॉलीवुड की नई पेशकश ‘Bad Newz’ ने दर्शकों के बीच कुछ खास प्रभाव नहीं छोड़ा है। फिल्म का निर्देशन आनंद तिवारी ने किया है और इसे करण जौहर का प्रोडक्शन हाउस धर्मा प्रोडक्शंस लेकर आया है। कलाकारों की बात करें तो इसमें विकी कौशल, तृप्ति डिमरी, एमी विर्क, शीबा चड्ढा और नेहा धूपिया ने अपने अभिनय का जलवा बिखेरा है।

कहानी का संक्षिप्त विवरण

फिल्म की कहानी शेफ सलोनी (तृप्ति डिमरी) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने पेशे में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करती है। उसकी जिंदगी में नई चुनौतियां तब आती हैं, जब वह अपने सहयोगी के साथ एक केमिस्ट्री विकसित करती है लेकिन अपने जीवनसाथी के साथ रिश्ते को स्पष्ट किए बिना। इस कारण वह एक जैविक उलझन में पड़ जाती है।

अभिनय और किरदार

विकी कौशल का अदाकारी का जादू इस फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष है। उनका स्वैग और अभिनय की विविधता हर सीन को जीवित कर देती है। सलोनी के किरदार में तृप्ति डिमरी ने अच्छा काम किया है, लेकिन उनकी कॉमिक टाइमिंग में सुधार की जरूरत महसूस होती है। एमी विर्क का किरदार फिल्म में किसी खास स्थान पर नहीं पहुंच पाता, जिससे उनके प्रशंसकों को निराशा हो सकती है।

स्क्रीनप्ले और निर्देशन

इशिता मेहरा और तरुण दुडेजा ने इस फिल्म का लेखन किया है, जो कि एक हल्की-फुल्की कॉमेडी फिल्म बनाने में सफल हुए हैं। हालांकि, फिल्म के स्क्रीनप्ले में न तो सजीवता है और न ही इमोशनल गहराई। कहीं-कहीं पर कॉमिक शैली का प्रयोग करने की कोशिश की गई है, लेकिन वह कार्यकारिणी नहीं हो पाई।

फिल्म की बनावट

फिल्म की बनावट में कई खामियों का सामना करना पड़ रहा है। न तो प्रोडक्शन डिज़ाइन में करोल बाग की आत्मा कैद हो पाई है, न ही साउथ दिल्ली के ऐलिगेंस को सटीकता से दर्शाया गया है। फिल्म में बैकग्राउंड म्यूजिक और ब्लिंग का भी कुछ खास मेल नहीं बैठा, जिससे दर्शक कंफ्यूज महसूस कर सकते हैं।

कुल मिलाकर फिल्म का प्रभाव

फिल्म ‘Bad Newz’ एक अधूरी लगी कॉमेडी-ड्रामा है। इसकी कहानी में कई ट्विस्ट्स और टर्न्स हैं, लेकिन उनकी प्रस्तुति में वह धमाकेदार असर नहीं ला पाई। फिल्म की कामयाबी का सारा श्रेय विकी कौशल के दमदार प्रदर्शन को जाता है। उनकी अदाकारी ने फिल्म को देखने लायक बनाया है।

निष्कर्ष

फिल्म ‘Bad Newz’ उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई है। यह एक औसत दर्जे की फिल्म मानी जा सकती है, जिसमें रोमांस, कॉमेडी, और ड्रामा का मिश्रण है, लेकिन सही अनुपात में नहीं। फिर भी, अगर आप विकी कौशल के प्रशंसक हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक बार जरूर देखने लायक है।

7 टिप्पणि

  1. suresh sankati
    suresh sankati
    जुलाई 21 2024

    विकी कौशल ने जो किया वो अदाकारी का नहीं, बल्कि जादू का था। बाकी सब फिल्म उसके आसपास घूम रही थी, जैसे चाँद के चारों ओर बादल। अगर वो न होते, तो ये फिल्म बिल्कुल गायब हो जाती।

  2. Pooja Kri
    Pooja Kri
    जुलाई 22 2024

    मुझे लगता है कि स्क्रीनप्ले में काफी टेक्निकल डेफिसिएंसीज़ थे... जैसे कि एमोशनल अर्किटेक्चर नहीं था, और कॉमेडी टाइमिंग भी इंटरनल रिदम के साथ नहीं बैठी... बस ये बातें लिखने वालों को पता होनी चाहिए थी।

  3. Sanjeev Kumar
    Sanjeev Kumar
    जुलाई 23 2024

    इंसान जब अपने जीवन के बीच में एक ऐसी उलझन में पड़ जाए जहाँ दिल कहता है एक तरफ, दिमाग दूसरी, तो वो कहानी बहुत गहरी होती है। लेकिन ये फिल्म उस गहराई को सिर्फ दिखाने की कोशिश करती है, उसे महसूस नहीं कराती। विकी के अंदर का आदमी तो बाकी सबको बचा लेता है, लेकिन फिल्म का दिल तो अभी भी बेचैन है।

  4. Hemlata Arora
    Hemlata Arora
    जुलाई 25 2024

    यह फिल्म बिल्कुल भी अच्छी नहीं है। निर्देशन, लेखन, संगीत, सभी क्षेत्रों में असफलता। विकी कौशल का अभिनय एकमात्र उपलब्धि है, जिसे भी अच्छा लगा वो शायद उनके फैन हैं। अगर आपको फिल्में देखनी हैं, तो ऐसी नहीं जो आपका समय बर्बाद कर दे।

  5. manohar jha
    manohar jha
    जुलाई 26 2024

    दोस्तों, ये फिल्म दिल्ली के एक छोटे से कॉम्प्लेक्स में घूम रही है, जहाँ लोग चाय पीते हुए बातें करते हैं, और उनके दिलों में एक छोटी सी उम्मीद होती है। विकी ने उसी छोटी सी उम्मीद को बड़ा बना दिया। बाकी सब तो बस बैकग्राउंड है।

  6. Nitya Tyagi
    Nitya Tyagi
    जुलाई 28 2024

    अरे यार... ये फिल्म तो बिल्कुल बेकार है... 😒 विकी कौशल का अभिनय तो बहुत अच्छा था... लेकिन बाकी सब... जैसे कोई नया फोन खरीदा और उसमें बस फ्लैशलाइट काम कर रही हो... बाकी सब बर्बाद... 😩

  7. Sanjay Verma
    Sanjay Verma
    जुलाई 30 2024

    अगर आप विकी कौशल के अभिनय को एक आर्टिफैक्ट की तरह देखें, तो ये फिल्म उसके आसपास बनी एक गलती है। लेकिन वो आर्टिफैक्ट... वो तो इतना खूबसूरत है कि आप उसके बिना बाकी सब भूल जाते हैं। बैकग्राउंड म्यूजिक के बारे में बात करूँ तो, उसमें एक लुक-अप वाला इलेक्ट्रॉनिक साउंड था जो रात के 2 बजे के दिल्ली के एक बार में बज रहा होगा... बहुत अच्छा था। 🎧

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