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BCCI उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की, पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट पर दोहराया सख्त रुख

Uma Imagem 11 टिप्पणि 3 जून 2025

राजीव शुक्ला का सख्त संदेश: पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट नहीं

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने देशभर को झकझोर दिया है। इस कठिन वक्त में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने घटना की कड़ी निंदा की है और साफ कहा है कि भारत, पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध बहाल नहीं करेगा। शुक्ला ने मीडिया से बातचीत में यह साफ कर दिया कि जब तक हालात ऐसे रहेंगे, तब तक दोनों देश सिर्फ अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जैसे ICC आयोजनों में ही आमने-सामने होंगे। उनकी सीधी बात थी—‘सरकार की नीति क्या है, हम उससे अलग नहीं हैं। द्विपक्षीय क्रिकेट, पाकिस्तान के साथ, फिलहाल मुमकिन नहीं।’

राजीव शुक्ला के ताजा बयान के पीछे पहलगाम में हुए वह आतंकी हमला है, जिसमें 26 से ज़्यादा निर्दोष लोगों की जान गई। इस डरावने आतंकी हमले में पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आने के बाद क्रिकेट जगत में नाराज़गी बिल्कुल साफ तौर पर देखी गई। आईपीएल के ताजा सीज़न में खिलाड़ियों ने पीड़ितों की याद में काली पट्टी बांधी और मैच से पहले मौन रखकर संवेदना जताई। BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने भी हमले की कड़ी निंदा करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति शोक जाहिर किया।

आईसीसी टूर्नामेंट में मुकाबला, लेकिन द्विपक्षीय सीरीज पर सख्ती

भारत और पाकिस्तान के रिश्ते क्रिकेट में भी राजनीति से अलग नहीं हैं। जब-जब दोनों देश क्रिकेट मैदान पर टकराए हैं, माहौल अलग ही रहा है। लेकिन आमने-सामने की द्विपक्षीय सीरीज पिछले एक दशक से नहीं हुई। भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी द्विपक्षीय सीरीज 2012-13 में भारत में खेली गई थी, जिसके बाद से दोनों देशों ने आपसी टूर बंद कर दिए। भारत की टीम ने पाकिस्तान की सरज़मीं पर आखिरी बार 2008 में कदम रखा था।

अब दोनों टीमों की भिड़ंत सिर्फ वर्ल्ड कप, एशिया कप या चैंपियन्स ट्रॉफी जैसे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में ही होती है। ऐसे मौके भी हमेशा आईसीसी की निगरानी में और पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बीच होते हैं। हालात इतने तनावपूर्ण हो गए हैं कि आगामी 2025 चैंपियन्स ट्रॉफी के भारत-पाकिस्तान मुकाबले कराची से हटाकर दुबई शिफ्ट कर दिए गए हैं, क्योंकि भारत ने पाकिस्तान जाकर खेलने से साफ इनकार कर दिया है।

क्रिकेट खिलाड़ियों और समर्थकों में भी इस मसले को लेकर गुस्सा उबाल पर है। हाल ही में विकेटकीपर श्रीवत्स गोस्वामी समेत कई पूर्व और वर्तमान खिलाड़ी खुलकर पाकिस्तान के साथ किसी भी किस्म की क्रिकेट काटने की मांग कर चुके हैं। अब गेंद पूरी तरह से सरकार और बोर्ड के पाले में है, और फिलहाल ऐसे संकेत नहीं हैं कि दोनों देशों के बीच रिश्ते क्रिकेट मैदान पर बदलेंगे।

11 टिप्पणि

  1. Jay Patel
    Jay Patel
    जून 4 2025

    ये बात सुनकर दिल भर गया। पाकिस्तान के साथ क्रिकेट का कोई रिश्ता नहीं, जब उनकी चालाकी से बच्चों की जान जा रही है। क्रिकेट नहीं, इंसानियत पहले।

  2. fathimah az
    fathimah az
    जून 4 2025

    इस निर्णय के पीछे एक जटिल राजनीतिक-सामाजिक अर्थशास्त्र छिपा है, जिसमें क्रिकेट केवल एक प्रतीक है - एक ऐसा प्रतीक जो राष्ट्रीय अहंकार और सामूहिक शोक के बीच एक संवेदनशील संतुलन बनाता है।

  3. Sohini Baliga
    Sohini Baliga
    जून 5 2025

    हमें अपनी सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता देना चाहिए। यह फैसला सही है। शुक्रिया BCCI और राजीव शुक्ला जी।

  4. Senthil Kumar
    Senthil Kumar
    जून 5 2025

    मैं इस निर्णय को समर्थन देता हूँ। खेल का मनोविज्ञान बहुत गहरा होता है, लेकिन इंसानी जान का मूल्य उससे कहीं अधिक है।

  5. Anu Baraya
    Anu Baraya
    जून 7 2025

    इस तरह के फैसले से न सिर्फ बलिदानी लोगों को सम्मान मिलता है बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को भी एक स्पष्ट संदेश मिलता है कि हम किस बात के लिए खड़े हैं

  6. Divyangana Singh
    Divyangana Singh
    जून 7 2025

    क्रिकेट का मैदान अब एक शहीद की चिता बन चुका है। हर छक्का अब एक आत्मा की याद लिए जाता है, हर विकेट एक दर्द की गूंज। इस रिश्ते को बचाने की कोशिश करना अब एक अपराध लगता है।

  7. Harsh Vardhan pandey
    Harsh Vardhan pandey
    जून 9 2025

    बस इतना ही? दिन भर बात कर रहे हो, असली बात ये है कि जब तक पाकिस्तान नहीं बदलेगा, तब तक क्रिकेट नहीं। बोरिंग।

  8. Shatakshi Pathak
    Shatakshi Pathak
    जून 9 2025

    लेकिन अगर हम उनके साथ क्रिकेट नहीं खेलेंगे तो उनके खिलाड़ी भी हमारे बारे में क्या सोचेंगे? क्या हम उन्हें अपनी भावनाओं से दूर कर रहे हैं?

  9. kriti trivedi
    kriti trivedi
    जून 11 2025

    तुम ये सवाल क्यों पूछ रही हो? क्या तुम्हें लगता है कि एक आतंकवादी राष्ट्र के खिलाड़ियों की भावनाएं हमारे बच्चों की जान से ज्यादा मायने रखती हैं? तुम्हारा सवाल बेकार है।

  10. shiv raj
    shiv raj
    जून 12 2025

    हमें खेल को अलग रखना चाहिए लेकिन अगर दिल नहीं बन रहा तो बेहतर है रुक जाएं। धैर्य रखो, एक दिन सब ठीक हो जाएगा। जय हिंद।

  11. vaibhav tomar
    vaibhav tomar
    जून 12 2025

    क्रिकेट तो बस खेल है लेकिन जब जान जाती है तो खेल का मतलब बदल जाता है। शुक्ला जी ने सही कहा। अब बस अपना काम करो और अपने देश को गर्व दो।

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