मुंबई में बारिश का कहर: चौथे दिन भी मूसलाधार बारिश से सबवे और सड़कों पर भरा पानी, IMD का रेड अलर्ट

जुलाई 22 2024

मुंबई में चौथे दिन भी भारी बारिश, जलभराव से जीवन अस्त-व्यस्त

मुंबई में पिछले चार दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने शहर का जनजीवन पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। पानी भरने की वजह से सबवे, सड़कों और कई प्रमुख इलाकों में भारी जलभराव देखने को मिला है, जिससे आवागमन समपूर्ण रूप से बाधित हो गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शहर में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है और अगले 24 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।

प्रभावित क्षेत्र

एंडेरी, बांद्रा, और कुर्ला जैसे इलाके जलभराव से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं। सड़कों पर घंटों जाम लगा रहा, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई लोग अपनी गाड़ियों में फंसे दिखे और कुछ को पानी के बीच पैदल ही सफर करना पड़ा। इन इलाकों में घरों और दुकानों में भी पानी घुस गया है, जिससे लोगों की जीवन यापन में कठिनाई बढ़ गई है।

हवाई अड्डों पर भी इसका व्यापक असर पड़ा है। बारिश की वजह से कई उड़ानें रद्द करनी पड़ी और कुछ को डायवर्ट किया गया। रेलवे सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिससे लोगों के दैनिक आवागमन में भारी दिक्कतें आई हैं।

सरकारी राहत और सलाह

मुंबई में मूसलाधार बारिश के मद्देनजर मुंबई महानगरपालिका (MCGM) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) संयुक्त रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। जलभराव वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने और राहत प्रदान करने के लिए व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं। सरकार ने जरूरतमंद लोगों के लिए राहत केंद्र भी स्थापित किए हैं, जहां भोजन और आश्रय की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

IMD की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और घरों में ही रहें। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, ताकि वे किसी भी दुर्घटना से बच सकें।

भविष्य की संभावनाएं

मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 24 घंटों के भीतर बारिश में और इजाफा होने की संभावना जताई है। इससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रबंधन प्रणाली को चुस्त किया जा रहा है और सतर्कता बढ़ाई जा रही है। सरकार जल्द ही राहत के अन्य उपाय भी लागू कर सकती है, ताकि लोगों को राहत मिल सके।

मुंबई जैसे शहरों में इस तरह के मानसूनी संकट आम होते जा रहे हैं। पारिस्थितिकी तंत्र के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याओं से निपटा जा सके। लोगों को भी अपने दैनिक जीवन में सावधानियों को अपनाने की सलाह दी जाती है।

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