रियान पराग का ऐतिहासिक डेब्यू
भारतीय क्रिकेट टीम के उभरते हुए सितारे रियान पराग ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के बल पर 6 जुलाई 2024 को जिम्बाब्वे के खिलाफ अपने पहली टी20 मैच में भाग लिया। इस ऐतिहासिक पल को और भी खास बना दिया जब उन्हें भारतीय टीम का डेब्यू कैप उनके पिता, पराग दास ने दिया। पराग दास खुद एक पूर्व प्रथम श्रेणी क्रिकेटर रहे हैं और असम के लिए खेल चुके हैं।
रियान पराग ने अपने करियर में बहुत मेहनत की है और यह उनकी मेहनत और उनके परिवार के समर्थन का फल है कि वे भारतीय टीम का हिस्सा बन पाए हैं। इस मौके पर उनकी मां भी उपस्थित थीं, जिन्होंने अपने बेटे को गले लगाकर उसकी मेहनत की सराहना की। यह क्षण उनके पूरे परिवार और असम के लिए गर्व का पल था, क्योंकि रियान पहले पुरुष क्रिकेटर बने जिन्होंने असम से भारतीय राष्ट्रीय टीम में कदम रखा।
आईपीएल 2024 में शानदार प्रदर्शन
रियान पराग ने आईपीएल 2024 में शानदार प्रदर्शन किया था और राजस्थान रॉयल्स के लिए 573 रन बनाकर अपनी जगह टीम इंडिया में सुनिश्चित की। उनके इस प्रदर्शन ने उन्हें राष्ट्रीय टीम में शामिल होने का सुनहरा मौका दिलवाया। टीम चयनकर्ताओं ने उनके प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें जिम्बाब्वे दौरे के लिए टीम में चुना।
रियान के साथ-साथ अभिषेक शर्मा और ध्रुव जुरेल ने भी 6 जुलाई को हरारे स्पोर्ट्स क्लब में अपना डेब्यू किया। यह मौका भारतीय क्रिकेट के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण था, क्योंकि हाल ही में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 विश्वकप जीता था।
परिवार का समर्थन और गर्व
रियान की इस उपलब्धि के पीछे उनके पिता का बहुत बड़ा हाथ है। पराग दास ने अपने बेटे को हर संभव तरीके से ट्रेनिंग और मार्गदर्शन दिया। रियान के पिता ने क्रिकेट के शुरुआती दिनों से ही उन्हें प्रेरित किया और सही मार्गदर्शन दिया। परिवार के साथ-साथ कोच और मित्रों का समर्थन भी उन्हें प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर रियान की मां ने भी अपनी भावनाएं व्यक्त कीं और बताया कि रियान ने कितनी मेहनत की है। उन्होंने कहा कि इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और अब यह क्षण आ गया है तो उनसे अधिक खुश कोई नहीं हो सकता।
समर्पण और मेहनत की मिसाल
रियान की यह यात्रा उनके समर्पण और मेहनत की मिसाल है। उन्होंने न केवल अपने खेल में सुधार किया, बल्कि अपनी फिटनेस और मानसिक दृढ़ता पर भी ध्यान दिया। उनकी इस मेहनत का फल उन्हें मिलने लगा और वे धीरे-धीरे देश के लिए खेलने का सपना पूरा करने में सफल हो गए।
रियान पराग के डेब्यू का यह ऐतिहासिक क्षण भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा यादगार रहेगा। उनकी यह यात्रा युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और उन्हें यह सिखाएगी कि किसी भी सपने को पूरा करने के लिए मेहनत और समर्पण की कितनी आवश्यकता होती है।
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