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नवीन पटनायक पर बीजेपी की टिप्पणी के लिए वो खुद जिम्मेदार: खरगे का बयान

Uma Imagem 9 टिप्पणि 30 मई 2024

नवीन पटनायक पर बीजेपी की टिप्पणी के लिए वो खुद जिम्मेदार: खरगे का बयान

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हाल ही में एक चुनावी रैली में कहा कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से मिली कमीनेपरक टिप्पणियों के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराना चाहिए। नवीन पटनायक पर बीजेपी द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों ने राजनीति की गर्मी को और बढ़ा दिया है। खरगे का कहना है कि बीजू जनता दल (बीजेडी) और बीजेपी पहले एक ही मंच पर थे, जिनका समर्थन एक-दूसरे को मिलता रहा है, लेकिन अब, उनके अलग होने के बाद, वे वही लोग, जो एक समय पर पटनायक की सराहना करते थे, अब उनका मजाक उड़ा रहे हैं।

खरगे ने अपने बयान में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति सहयोगी रुख और समर्थन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पटनायक को वर्तमान स्थिति का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उन्होंने मोदी का समर्थन किया था। बीजेपी के नेताओं द्वारा की गई नवनीत पटनायक की शारीरिक स्थिति और उम्र पर लगाई गई अप्रिय टिप्पणियां उन लोगों की मानसिकता को दर्शाती हैं, जो एक समय पर पटनायक की तारीफ़ों के पुल बांधा करते थे।

नरेंद्र मोदी पर भी की तीखी टिप्पणी

खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी तीखा हमला बोला और पटनायक को चेतावनी दी कि वे भविष्य में नरेंद्र मोदी पर भरोसा न करें। उन्होंने पटनायक को सलाह दी कि वे अपनी उम्र और स्वास्थ्य की परवाह किए बिना अपना काम जारी रखें क्योंकि उमर कभी भी कार्यक्षमता और प्रतिबद्धता का मापक नहीं होती।

खरगे ने उम्मीद जताई कि पटनायक लंबा और स्वस्थ जीवन व्यतीत करेंगे और उन्हें सलाह दी कि वे उन लोगों से सावधान रहें जो एक बार उनके दोस्त थे लेकिन अब उनके खिलाफ खड़े हैं। खरगे ने अपनी रैली में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि यह राजनीतिक परिदृश्य का एक सामान्य हिस्सा है जहां पुराने सहयोगी तोड़ जाते हैं और नए दुश्मन बनते हैं।

भोलेपन का परिणाम

भोलेपन का परिणाम

खरगे का यह बयान यह दर्शाता है कि पटनायक का अपने पुराने सहयोगियों पर अत्यधिक विश्वास उनके लिए घातक साबित हो सकता है। आज की राजनीति में, दोस्ती और सहयोग का आधार तेजी से बदलता है और इसमें कोई स्थायित्व नहीं होता। पुराने साथी नए समय में विरोधी बन जाते हैं और नए सहयोग की तलाश में रहते हैं।

खरगे ने नवीन पटनायक के साथ-साथ जनता को भी सजग किया कि वे राजनीति में किसी भी प्रकार के समर्थन और विरोध के पीछे छिपे मूल उद्देश्यों को समझें। उन्होंने कहा कि राजनीति में स्थायी मित्रता और शत्रुता जैसी कोई चीज़ नहीं होती। यह केवल समय और परिस्थितियों पर निर्भर करता है कि कब कौन किसका समर्थन करता है और कब कौन किसका विरोध करता है।

नवीन पटनायक के साथ यह घटनाक्रम भी बताता है कि राजनीति में व्यक्तिगत रिश्तों को समझना और संभालना कितना महत्वपूर्ण है। खुद को और अपनी पार्टी को सुरक्षित रखने के लिए नेताओं को हमेशा सतर्क रहना चाहिए।

सार्वजनिक प्रतिक्रियाएं

सार्वजनिक प्रतिक्रियाएं भी इस मुद्दे पर बंटी हुई हैं। कुछ लोगों का मानना है कि खरगे का बयान सही है और पटनायक ने अपनी स्थिति का खुद ही निर्माण किया है। वहीं, दूसरी ओर कुछ लोगों का मानना है कि बीजेपी के नेताओं की ऐसी टिप्पणियां अत्यंत अनुचित हैं और किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं होनी चाहिए।

जो भी हो, इस पूरे प्रकरण ने राजनीतिक माहौल को और गर्म कर दिया है। यह देखना बाकी है कि नवीन पटनायक इस स्थिति का सामना कैसे करेंगे और क्या वे अपने पुराने सहयोगियों से फिर से मित्रता बनाने की कोशिश करेंगे या नहीं।

इस मामले का आगे क्या परिणाम होगा, यह राजनीति के पटल पर जनता को भविष्य में देखने को मिलेगा। हालांकि, यह स्थिति यह स्पष्ट करती है कि राजनीति में किसी भी प्रकार के रिश्तों को हमेशा नई दृष्टि से देखना चाहिए और किसी पर भी बेवजह भरोसा नहीं करना चाहिए।

9 टिप्पणि

  1. Harsh Vardhan pandey
    Harsh Vardhan pandey
    जून 1 2024

    ये सब राजनीति का खेल है। आज दोस्त, कल दुश्मन। कोई नहीं भूलता, कोई नहीं माफ करता।

  2. Senthil Kumar
    Senthil Kumar
    जून 1 2024

    राजनीति में भावनाएँ नहीं, हित चलते हैं। नवीन पटनायक को अपनी रणनीति पर ध्यान देना चाहिए, न कि बयानों पर।

  3. Divyangana Singh
    Divyangana Singh
    जून 1 2024

    इंसान बदलता है, समय बदलता है, रिश्ते बदलते हैं... लेकिन जो अपनी नीति को अपने दिल के साथ जोड़कर चलता है, वही असली नेता होता है। खरगे की बात सच है, लेकिन नवीन की चुप्पी और भी बड़ी बात है।

  4. kriti trivedi
    kriti trivedi
    जून 3 2024

    बीजेपी के नेता अब उम्र और स्वास्थ्य पर टिप्पणी कर रहे हैं? ये क्या है? राजनीति या बुजुर्गों की निंदा का मैच? कोई भी नेता जो अपनी उम्र के बारे में बात करे, वो अपनी ताकत दिखाता है।

  5. vaibhav tomar
    vaibhav tomar
    जून 3 2024

    दोस्ती राजनीति में नहीं होती भाई... वो तो एक अलग दुनिया है। जब तक लाभ है तब तक साथ है। नवीन ने जो चुनाव लड़ा वो उसका अपना फैसला था। अब जो हुआ वो उसकी गलती नहीं, बल्कि राजनीति की सच्चाई है।

  6. suresh sankati
    suresh sankati
    जून 4 2024

    अरे भाई, खरगे तो अपने पार्टी के लिए बयान दे रहे हैं। अगर वो नवीन के साथ बैठकर चाय पीते तो क्या बोलते? ये सब चुनावी रणनीति है। कोई नहीं बदलता, बस नजरिया बदलता है।

  7. shiv raj
    shiv raj
    जून 5 2024

    नवीन पटनायक एक बहुत बड़े नेता हैं। उन्होंने ओडिशा को बहुत कुछ दिया है। अगर कोई उनकी उम्र पर बात कर रहा है तो वो उनकी ताकत को नहीं समझता। उम्र नहीं, दिमाग और दिल बात करता है।

  8. Anu Baraya
    Anu Baraya
    जून 5 2024

    राजनीति में भरोसा करना खतरनाक है लेकिन निराश होना और भी खतरनाक है। नवीन ने जो चुनाव लड़ा है वो उनकी जिम्मेदारी है। अब उन्हें बस आगे बढ़ना है। बाकी सब बातें बस बातें हैं।

  9. Shatakshi Pathak
    Shatakshi Pathak
    जून 7 2024

    खरगे ने जो कहा वो सही है। लेकिन नवीन पटनायक ने भी अपने बयानों में बीजेपी को बहुत ज्यादा अपना बना लिया था। अब जब बीजेपी ने उन्हें अलग कर दिया तो वो चौंक गए। ये भोलेपन नहीं, अनुभव की कमी है।

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