Nikkei 225 की चाल: हाल और भविष्य की झलक
जापान के सबसे अहम शेयर बाजार इंडेक्स, Nikkei 225, ने हाल ही में हल्की गिरावट के साथ ट्रेडिंग सत्र पूरा किया। आखिरी आंकड़ों के हिसाब से Nikkei 225 37,554 पर बंद हुआ, जिसमें 0.51% की गिरावट रही। वहीं, व्यापक टॉपिक्स इंडेक्स ने भी 1.03% की कमजोरी दर्ज की। इस टाइमिंग में निवेशकों के लिए चिंता का विषय यह था कि क्या यह गिरावट आगे और गहराएगी या फिर बाजार में स्थिरता आएगी।
अगर आप सोचे कि बाजार ठप पड़ जाएगा, तो विशेषज्ञों के पूर्वानुमान कुछ राहत देते हैं। लंबी अवधि के अनुमान कहते हैं कि Nikkei 225 साल 2025 तक लगातार ऊपर की ओर जा सकता है। जून 2025 के लिए अनुमान लगाया गया है कि इंडेक्स 50,376 तक पहुंच सकता है—जो 0.7% की बढ़त होगी। वहीं, जुलाई 2025 तक के लिए 50,664 का अनुमान है, यानि 0.6% और इजाफा। ये आंकड़े बताते हैं कि भले ही बाजार में हलचल हो, लेकिन लंबी रेस में जापानी शेयर बाजार में स्थिरता की उम्मीद बरकरार है।

एशिया के बाकी बाजारों और नई रणनीतियाँ
हालांकि, हालिया डेटा में भारत या बाकी एशियाई बाजारों में ऐसी कोई सिंक्रोनाइज़्ड रिकवरी नजर नहीं आई। आम तौर पर, जब Nikkei 225 जैसे प्रमुख इंडेक्स ऊपर-नीचे होते हैं, तो अन्य एशियाई बाजारों — खासतौर पर भारत, चीन या कोरिया — में कुछ हद तक असर नजर आता है। लेकिन फिलहाल जापान की चाल अकेली नजर आ रही है और रिपोर्ट्स में समन्वित रिकवरी की पुष्टि नहीं हुई है।
एक दिलचस्प बात यह है कि जापान के शेयर बाजार के इंडेक्स स्ट्रक्चर में बदलावों की चर्चा जोर पकड़ रही है। JPX-Nikkei Index 400 जैसे इंडेक्स में नए मानव संसाधन (ह्यूमन कैपिटल) आधारित सूचकांक जोड़ने पर मंथन चल रहा है। यानी अब मार्केट इंडेक्सेज में सिर्फ आर्थिक आंकड़ों की बजाए, कंपनी के कर्मचारियों के विकास और मैनेजमेंट की क्वालिटी को भी तवज्जो मिलेगी। ऐसे बदलाव एशिया के बड़े बाजारों के लिए सिग्नल हो सकते हैं कि भविष्य में निवेश के मानदंड बदलते नजर आएंगे।
इन तमाम हलचलों के बीच, जापान के इस बेंचमार्क इंडेक्स का ऐतिहासिक महत्व कम नहीं हुआ है। Nikkei 225 अब भी बाहर से आने वाले बड़े फंड्स और संस्थागत निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बाजार की मौजूदा स्पीड इस ओर इशारा करती है कि गिरावट के बाद भी लंबी अवधि में मजबूती देखी जा सकती है।