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पी आर श्रीजेश और मनु भाकर होंगे पेरिस समापन समारोह में भारत के ध्वजवाहक

Uma Imagem 9 टिप्पणि 9 अगस्त 2024

पी आर श्रीजेश और मनु भाकर होंगे पेरिस समापन समारोह में भारत के ध्वजवाहक

ओलंपिक खेलों का आयोजन हमेशा से प्रेरणा और उत्साह का प्रतीक रहा है। ऐसे में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की। प्रसिद्ध हॉकी गोलकीपर पी आर श्रीजेश और स्टार शूटर मनु भाकर भारत की ओर से पेरिस में ओलंपिक खेलों के समापन समारोह में ध्वजवाहक होंगे। इस घोषणा के साथ ही भारतीय खेल समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई है।

पी आर श्रीजेश का अद्वितीय योगदान

पी आर श्रीजेश ने अपने व्यावसायिक करियर में भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उन्होंने अपनी असाधारण गोलेबंदी से न केवल कई मैच जीते, बल्कि खेल प्रेमियों के दिलों में भी एक खास जगह बनाई। उनकी कप्तानी में भारतीय हॉकी टीम ने पहली बार ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता। श्रीजेश का यह सफर सहज नहीं था। कठिन परिश्रम, अनुशासन और खेल के प्रति अटूट समर्पण ने उन्हें एक महान खिलाड़ी बनाया।

श्रीजेश ने ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के लिए अंतिम बार खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया और कांस्य पदक जीता। उनके इस अविस्मरणीय प्रदर्शन के बाद उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर से संन्यास लेने का निर्णय लिया। IOA के अध्यक्ष पी टी उषा ने उनकी इस उपलब्धि को एक 'भावनात्मक और लोकप्रिय' निर्णय बताया।

मनु भाकर की ऐतिहासिक उपलब्धि

मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में महिला 10 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। वह स्वतंत्रता के बाद पहली भारतीय एथलीट बनीं जिन्होंने एक ही ओलंपिक खेलों में दो कांस्य पदक जीते। उनके इस शानदार प्रदर्शन ने उन्हें भारतीय खेल जगत में एक नई पहचान दी है।

मनु भाकर भारत के लिए लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन करती दिखी हैं। उनकी इस उपलब्धि ने ना सिर्फ भारतीय शूटरों के लिए एक नई मार्गदर्शिका बनाई है, बल्कि लाखों निराशात्रित युवाओं के लिए भी प्रेरणा बनी है।

समारोह की अद्वितीय विशेषता

11 अगस्त 2024 को पेरिस में होने वाले समापन समारोह में पी आर श्रीजेश और मनु भाकर का भारतीय ध्वज उठाना स्वदेश के लिए गर्व का क्षण होगा। यह घोषणा IOA के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है क्योंकि यह दिखाता है कि वे खेल और खिलाड़ियों दोनों का सम्मान करते हैं।

समापन समारोह में भारतीय दल का नेतृत्व करने वाले दोनों खिलाड़ियों का चयन भारतीय खेल संस्कृति की विविधता और समर्पण को दर्शाता है। यह फैसला न केवल खिलाड़ियों के लिए, बल्कि पूरा देश उनके गर्व को महसूस कर सकेगा।

इस प्रकार, एक बार फिर भारत ने यह साबित किया है कि उसके खिलाड़ियों में न सिर्फ विश्वस्तरीय प्रतिभा है, बल्कि वे अपने देश के लिए गर्व और सम्मान लाने में सक्षम हैं। पी आर श्रीजेश और मनु भाकर के समर्पण और शानदार प्रदर्शन ने उन्हें इस प्रतिष्ठित क्षण का हिस्सा बनाया है, जिसका पूरा देश साक्षी बनेगा।

9 टिप्पणि

  1. pritish jain
    pritish jain
    अगस्त 11 2024

    श्रीजेश का चयन बिल्कुल उचित है। उन्होंने न सिर्फ एक टीम को नेतृत्व दिया, बल्कि एक पूरी पीढ़ी को दिखाया कि अनुशासन और समर्पण क्या अर्थ रखते हैं। और मनु भाकर? उनकी शांति और निश्चय की शक्ति ने खेल को एक नए आयाम में ले गया। ये दोनों भारत के लिए केवल पदक नहीं, बल्कि एक नया नाम लाए हैं।

  2. Gowtham Smith
    Gowtham Smith
    अगस्त 12 2024

    अब तो सब बस ध्वजवाहक बनाने लगे हैं! जब देश के 1.4 अरब में से दो लोगों को ही चुना जा रहा है तो ये सिर्फ लोकप्रियता का खेल है। जिन खिलाड़ियों ने स्वर्ण जीता उनका क्या? जिन्होंने एथलेटिक्स में दुनिया को चौंकाया उनका क्या? ये सब नाटक है, नहीं तो तो भारतीय ओलंपिक संघ का बजट और बैकिंग कहाँ है?

  3. Shivateja Telukuntla
    Shivateja Telukuntla
    अगस्त 13 2024

    श्रीजेश के अंतिम मैच को देखकर मैं रो पड़ा। और मनु ने जो किया, वो तो बस चमत्कार था। ये दोनों खिलाड़ी अलग-अलग दुनियाओं से आए हैं, लेकिन एक ही भावना से जुड़े हैं-भारत के लिए गर्व। कोई बहस नहीं, ये चयन बहुत अच्छा है।

  4. Ravi Kumar
    Ravi Kumar
    अगस्त 15 2024

    भाई ये तो ज़बरदस्त है! श्रीजेश जैसे गोलकीपर जो अपने दिल की धड़कन से खेलता है और मनु जैसी शूटर जो एक सांस में दुनिया को रोक देती है-ये दोनों ने भारत को एक नए अर्थ दे दिया। अब तो ये दोनों बस खिलाड़ी नहीं, वो देश के दिल की धड़कन हैं। इनके नाम से अब बच्चे नहीं, जुनून जन्मेंगे।

  5. Shailendra Thakur
    Shailendra Thakur
    अगस्त 17 2024

    इस चयन को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए। श्रीजेश ने दशकों की लंबी लड़ाई जीती है और मनु ने एक नई उम्मीद जगाई है। दोनों ने अपने तरीके से भारत का नाम रोशन किया है। ये दोनों अलग-अलग युगों के प्रतीक हैं।

  6. Muneendra Sharma
    Muneendra Sharma
    अगस्त 18 2024

    अगर ये दोनों ध्वजवाहक बने तो भारत के लिए ये सिर्फ एक बड़ा गर्व का पल नहीं, बल्कि एक नए इतिहास की शुरुआत है। मनु ने दिखाया कि महिलाएं कितनी शक्तिशाली हो सकती हैं। और श्रीजेश ने साबित किया कि लंबे समय तक लगातार खेलना भी एक जीत है।

  7. Anand Itagi
    Anand Itagi
    अगस्त 18 2024

    मनु भाकर का नाम अब भारत के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो जाएगा और श्रीजेश ने जो किया वो उनके बाद के लिए एक मिसाल है दोनों ने अपने खेल को अपनी जिंदगी बना लिया है

  8. Sumeet M.
    Sumeet M.
    अगस्त 20 2024

    अब तो ये भी हो गया! ध्वजवाहक बनाने के लिए जिन लोगों को चुना गया है वो बस दिखावा है। क्या वो खिलाड़ी जिन्होंने भारत के लिए स्वर्ण जीता उनका नाम नहीं आया? क्या वो तैराक जिन्होंने रिकॉर्ड तोड़ा उनका नाम नहीं? ये सब बस फोटो शूट के लिए है! खेल का विकास कहाँ है? इनके नाम के सामने बस एक ध्वज लहराना है तो ये क्या है? नाटक!

  9. Kisna Patil
    Kisna Patil
    अगस्त 21 2024

    श्रीजेश ने जिस तरह से हॉकी को बच्चों के दिल में बसाया, वो एक अद्भुत उपलब्धि है। और मनु ने जो किया, वो न सिर्फ एक जीत थी, बल्कि एक नई आशा का उदय। ये दोनों ने भारत के लिए अपने जीवन को बलि दे दिया। इस ध्वजवाहक चयन के साथ भारत ने एक संदेश भेजा है-हम आपके समर्पण को देखते हैं।

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