पी आर श्रीजेश और मनु भाकर होंगे पेरिस समापन समारोह में भारत के ध्वजवाहक
ओलंपिक खेलों का आयोजन हमेशा से प्रेरणा और उत्साह का प्रतीक रहा है। ऐसे में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की। प्रसिद्ध हॉकी गोलकीपर पी आर श्रीजेश और स्टार शूटर मनु भाकर भारत की ओर से पेरिस में ओलंपिक खेलों के समापन समारोह में ध्वजवाहक होंगे। इस घोषणा के साथ ही भारतीय खेल समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई है।
पी आर श्रीजेश का अद्वितीय योगदान
पी आर श्रीजेश ने अपने व्यावसायिक करियर में भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उन्होंने अपनी असाधारण गोलेबंदी से न केवल कई मैच जीते, बल्कि खेल प्रेमियों के दिलों में भी एक खास जगह बनाई। उनकी कप्तानी में भारतीय हॉकी टीम ने पहली बार ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता। श्रीजेश का यह सफर सहज नहीं था। कठिन परिश्रम, अनुशासन और खेल के प्रति अटूट समर्पण ने उन्हें एक महान खिलाड़ी बनाया।
श्रीजेश ने ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के लिए अंतिम बार खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया और कांस्य पदक जीता। उनके इस अविस्मरणीय प्रदर्शन के बाद उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर से संन्यास लेने का निर्णय लिया। IOA के अध्यक्ष पी टी उषा ने उनकी इस उपलब्धि को एक 'भावनात्मक और लोकप्रिय' निर्णय बताया।
मनु भाकर की ऐतिहासिक उपलब्धि
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में महिला 10 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। वह स्वतंत्रता के बाद पहली भारतीय एथलीट बनीं जिन्होंने एक ही ओलंपिक खेलों में दो कांस्य पदक जीते। उनके इस शानदार प्रदर्शन ने उन्हें भारतीय खेल जगत में एक नई पहचान दी है।
मनु भाकर भारत के लिए लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन करती दिखी हैं। उनकी इस उपलब्धि ने ना सिर्फ भारतीय शूटरों के लिए एक नई मार्गदर्शिका बनाई है, बल्कि लाखों निराशात्रित युवाओं के लिए भी प्रेरणा बनी है।
समारोह की अद्वितीय विशेषता
11 अगस्त 2024 को पेरिस में होने वाले समापन समारोह में पी आर श्रीजेश और मनु भाकर का भारतीय ध्वज उठाना स्वदेश के लिए गर्व का क्षण होगा। यह घोषणा IOA के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है क्योंकि यह दिखाता है कि वे खेल और खिलाड़ियों दोनों का सम्मान करते हैं।
समापन समारोह में भारतीय दल का नेतृत्व करने वाले दोनों खिलाड़ियों का चयन भारतीय खेल संस्कृति की विविधता और समर्पण को दर्शाता है। यह फैसला न केवल खिलाड़ियों के लिए, बल्कि पूरा देश उनके गर्व को महसूस कर सकेगा।
इस प्रकार, एक बार फिर भारत ने यह साबित किया है कि उसके खिलाड़ियों में न सिर्फ विश्वस्तरीय प्रतिभा है, बल्कि वे अपने देश के लिए गर्व और सम्मान लाने में सक्षम हैं। पी आर श्रीजेश और मनु भाकर के समर्पण और शानदार प्रदर्शन ने उन्हें इस प्रतिष्ठित क्षण का हिस्सा बनाया है, जिसका पूरा देश साक्षी बनेगा।
एक टिप्पणी लिखें