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शुभमन गिल ने मैनचेस्टर में रच दिया इतिहास, 35 साल बाद टेस्ट शतक और ब्रैडमैन-गावस्कर क्लब में नाम दर्ज

Uma Imagem 0 टिप्पणि 29 जुलाई 2025

मैनचेस्टर में शुभमन गिल का धमाका, 35 साल बाद टेस्ट शतक

क्रिकेट में ऐसे पल कम ही आते हैं जब कोई खिलाड़ी इतिहास का हिस्सा बन जाता है। मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में 27-28 जुलाई, 2025 को शुभमन गिल ने वही कर दिखाया जो पिछले तीन दशकों में कोई भारतीय नहीं कर सका था। 1990 में सचिन तेंदुलकर के बाद गिल यहां टेस्ट शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बन गए। और यह कोई आसान पिच नहीं थी। पिच लगातार बदल रही थी, गेंद अनईवन बाउंस ले रही थी और टीम इंडिया पर 311 रन का दबाव था। ऐसे में शुभमन गिल ने कप्तानी पारी खेली—228 गेंदों में 103 रन बना डाले।

गिल की पारी का असली महत्व तब बढ़ जाता है जब शुरुआती दो ही ओवर में भारत बिना खाता खोले दो विकेट गंवा चुका था। लेकिन गिल और उनके जोड़ीदार केएल राहुल ने 166 रन की साझेदारी कर बिखरती पारी को संभाला। स्वयं राहुल ने सीरीज में चौथी बार पचास से ज़्यादा स्कोर किया और 90 जबरदस्त रन जोड़े। इस साझेदारी ने पूरे ड्रेसिंग रूम में नई ऊर्जा भर दी। गिल ने शतक पूरा करके बॉलर के सिर से प्रेशर हटा लिया, लेकिन यह शतक सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट इतिहास की किताबों के लिए था।

ब्रैडमैन-गावस्कर क्लब: गिल की सीरीज में चौथी सेंचुरी

ब्रैडमैन-गावस्कर क्लब: गिल की सीरीज में चौथी सेंचुरी

शुभमन गिल ने जिस अंदाज में चौथी सेंचुरी ठोकी, उसने उन्हें क्रिकेट के दिग्गजों की लिस्ट में शामिल कर दिया। अब इंग्लैंड में किसी एक सीरीज में सबसे ज़्यादा शतक लगाने वाले बल्लेबाजों में गिल का नाम डॉन ब्रैडमैन और सुनील गावस्कर के साथ आ गया है। यह क्लब अपनी मेहनत और लगन से ही बनता है—और गिल ने दिखा दिया कि वे इस लायक क्यों हैं। चार शतक, 722 रन, और यह आंकड़ा सुनील गावस्कर के 774 रन के ऐतिहासिक रिकॉर्ड के करीब आ चुका है। वैसे 47 साल बाद किसी भारतीय कप्तान ने विदेश में चार शतक लगाने का भी कमाल कर दिखाया है।

वहीं, केएल राहुल ने भी इस सीरीज में पहली बार 500 रन का आंकड़ा पार किया। राहुल के 511 रन उनकी करियर की सबसे जबरदस्त सीरीज में से एक साबित हुई। बल्लेबाजी के अलावा, नीचे के क्रम में रविंद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर की संयम भरी बल्लेबाजी ने टीम को मुश्किल से बाहर निकाला और मुकाबला ड्रॉ कराया। अंतिम सेशन के दबाव में सुंदर और जडेजा की सधी पारियों ने यह तय किया कि भारत सीरीज और सम्मान दोनों बरकरार रखे।

मैच के बाद शुभमन गिल ने अपनी इस पारी को सबसे संतोषजनक बताते हुए कहा कि टीम ने जिस साहस के साथ शुरुआत की नाकामी के बाद वापसी की, वही यादगार रहेगा। भारतीय फैंस के लिए मैनचेस्टर टेस्ट सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि शुभमन गिल के जज्बे का नया अध्याय बन गया है।