जब बात BJP, भारतीय जनता पार्टी, जो 1980 में स्थापित हुई, भारत के राष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़ा राजनीतिक मंच है. Also known as भाजपा, it सामाजिक विकास, आर्थिक सुधार और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में नीति बनाती है.
इस पार्टी की मुख्य धुरी नरेंद्र मोदी, वर्तमान प्रधानमंत्री और भाजपा के प्रमुख चेहरा, जिन्होंने 2014 के सामान्य चुनाव में पहली बार बड़ी बहुमत हासिल किया. उनकी नेतृत्व शैली और विकास कार्यक्रम पार्टी के प्रतिनिधित्व को कई बार मजबूत बनाते रहे हैं.
BJP भारत की राष्ट्रीय सभा में प्रमुख स्थान रखती है, जहां यह बहु‑दलीय गठजोड़ और विधायी निर्णयों को प्रभावित करती है. यही कारण है कि BJP के निर्णय सीधे आम लोगों के जीवन में परिवर्तन लाते हैं—जैसे ग्रामीण electrification या डिजिटल भारत पहल.
भाजपा की रणनीति चुनाव जीतने के लिए जमीनी स्तर से मजबूत संपर्क बनाना है। स्थानीय स्तर के नेता, सोशल मीडिया अभियान और विकास कार्यों का संयोग इसको सफलता दिलाता है. इसलिए "BJP चुनाव जीतती है" एक आम कहा जाता है, लेकिन इसका अर्थ है कि पार्टी की नीतियां वोटर की जरूरतों से जुड़ी होती हैं.
इसी क्रम में, भारतीय संसद, लोक सभा और राज्य सभा दोनों को मिलाकर बनी राष्ट्रीय विधायी संस्था, जहाँ BJP के सांसद कानून बनाते हैं. संसद में भाजपा के प्रभाव से कई प्रमुख बिल पारित हुए—जैसे GST, आयुष्मान भारत और किसानों के लिए नई बाजार व्यवस्था.
इन सभी कनेक्शनों से एक सुस्पष्ट तर्क निकलता है: BJP का विकास एजेंडा, नरेंद्र मोदी की रयोस और संसद में उसकी शक्ति मिलकर भारतीय राजनीति को नया दिशा देते हैं. यह त्रिकोण (पार्टी‑नेता‑विधान) देश के आर्थिक और सामाजिक बदलावों को तेज करता है.
जब आप नीचे दिए गए लेखों को पढ़ेंगे, तो आप देखेंगे कि कैसे भाजपा के विभिन्न कदम—जैसे आर्थिक नीतियां, दलाईलाइट रिफॉर्म, या विदेश नीति—सरकार के बड़े परिप्रेक्ष्य में फिट होते हैं. हर लेख एक टुकड़ा है, जो इस बड़े पहेली को पूरा करता है.
अब आप तैयार हैं, इस टैग पेज पर मौजूद विभिन्न ख़बरों, व्याख्याओं और विश्लेषणों की ओर झुकरने के लिए. आगे पढ़ें और देखें कि भाजपा के हालिया फैसलों का असर आपके रोज़मर्रा की जिंदगी, व्यापार और राजनीति में कैसे दिखता है.
2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में BJP ने 48 में से 48 सीटों से दो‑तीहाई बहुमत हासिल किया, जिससे AAP के दस साल के शासन का अंत हुआ। अरोविंद केजरीवाल न्यू दिल्ली से हार गए, जबकि कांग्रेस ने कोई भी सीट नहीं जीती। वोट‑भाजन के पुनःआकारण और मोदी की राष्ट्रीय जीत इस परिणाम में निर्णायक रही।