अगर आप शेयर बाजार से जुड़े हैं तो "ब्लॉक डील" शब्द आपने जरूर सुना होगा. ये वो बड़े पैमाने पर स्टॉक्स की खरीद‑फरोख्त है, जहाँ एक ही लेन‑देन में कई करोड़ या उससे ज्यादा शेयर बदलते हैं. आमतौर पर इसे संस्थागत निवेशक, म्यूचुअल फंड या बड़ी कंपनियां करती हैं. छोटे ट्रेडर अक्सर इस बदलाव से सीधे नहीं जुड़े होते, लेकिन कीमतें और वॉल्यूम तुरंत असर देखाते हैं.
सबसे पहले कंपनी या एक्सचेंज तय करता है कि ब्लॉक डील का समय कब होगा. फिर खरीदार और विक्रेता एक समझौते पर पहुंचते हैं, अक्सर एक निजी अनुबंध के माध्यम से. इस प्रक्रिया में सार्वजनिक बिड नहीं होती, इसलिए मार्केट को अचानक बड़ा शॉर्ट‑टर्म उतार‑चढ़ाव नहीं दिखाता. लेकिन जब डील क्लियर हो जाती है तो ट्रेडिंग स्क्रीन पर बड़ी मात्रा में शेयर दिखने लगते हैं और कीमतें तुरंत प्रतिक्रिया देती हैं.
ध्यान दें: ब्लॉक डील की रिपोर्ट्स एक्सचेंज की वेबसाइट या वित्तीय पोर्टल्स पर आती हैं, इसलिए अगर आप रियल‑टाइम अपडेट चाहते हैं तो इन स्रोतों को फॉलो करना ज़रूरी है. कई बार बड़ी डील के बाद कंपनी का शेयर मूल्य गिरता है क्योंकि बाजार इसे सप्लाई बढ़ने वाला मान लेता है, जबकि कभी-कभी कीमतें उछाल भी दिखा सकती हैं अगर डील से कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत हो.
पिछले हफ़्ते एक बड़ी आईटी फर्म ने 5 करोड़ शेयरों का ब्लॉक डील किया, जिससे उसके स्टॉक में हल्की गिरावट आई. वहीं उसी सप्ताह एक एग्रीकल्चर कंपनी ने 3 करोड़ शेयर खरीदे और बाजार में सकारात्मक सिग्नल मिला. इन दोनों केस से यह साफ़ होता है कि प्रत्येक डील की पृष्ठभूमि अलग होती है – कभी फंड्स का रीबैलेंस, तो कभी नई प्रोजेक्ट फ़ाइनेंसिंग.
अगर आप निवेशक हैं तो ब्लॉक डील को समझना आपके पोर्टफ़ोलियो मैनेजमेंट में मदद कर सकता है. बड़े लेन‑देनों के बाद शेयर की वॉल्यूम और वैल्यू का ट्रेंड देखें, फिर तय करें कि आपको आगे खरीदना या बेच देना चाहिए.
संक्षेप में, ब्लॉक डील सिर्फ बड़े खिलाड़ियों की खेल नहीं, यह सामान्य निवेशकों को भी संकेत देती है. हर बड़ी डील के बाद मार्केट की प्रतिक्रिया पर नज़र रखें और अपने निर्णय में इस जानकारी को शामिल करें. इससे आप अनावश्यक जोखिम से बच सकते हैं और बेहतर रिटर्न पा सकते हैं.
अंत में एक छोटा टिप: जब ब्लॉक डील की खबर आती है, तो तुरंत शेयर नहीं खरीदें या बेचें. पहले 2‑3 घंटे का बाजार व्यवहार देखें, फिर अपने ट्रेडिंग प्लान के अनुसार कदम उठाएँ. इस तरह आप ब्लॉक डील को अपनी निवेश रणनीति में समझदारी से उपयोग कर पाएँगे.
₹731 करोड़ की ब्लॉक डील में 14.22 करोड़ शेयर बदले और Ola Electric का स्टॉक 7% गिर गया। सौदा औसत ₹51.4 पर हुआ, जो पिछले बंद भाव से करीब 4% डिस्काउंट था। बाजार सूत्रों के मुताबिक Hyundai Motor संभावित विक्रेता है, जिसकी मार्च 2025 में 2.47% हिस्सेदारी थी। कंपनी के Q4 FY25 में घाटा ₹870 करोड़ तक बढ़ा और राजस्व 62% घटा। बाद में ₹107 करोड़ की एक और ब्लॉक डील ने गिरावट और बढ़ाई।