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ग्रे मार्केट प्रीमियम – आसान भाषा में समझें

जब आप शेयर बाजार में कोई सौदा देखते हैं तो अक्सर कीमतों के ऊपर या नीचे का ‘प्रीमियम’ या ‘डिस्काउंट’ सुनते हैं। ग्री मार्केट प्रीमियम वो अतिरिक्त मूल्य है जो किसी स्टॉक को उसकी असली वैल्यू से ज़्यादा करके खरीदा जाता है। ये तब होता है जब बड़ी ब्लॉक डील, निजी समझौता या कोई खास जानकारी बाजार में नहीं आती और कीमत अचानक ऊपर चली जाती है।

प्राइमियम क्यों बनता है?

सबसे आम कारण बड़े निवेशकों का एक साथ शेयर खरीदना है। जैसे Ola Electric की ₹731 करोड़ ब्लॉक डील में 14.22 करोड़ शेयर बदले और स्टॉक 7 % गिर गया, लेकिन शुरुआती खरीदारों को बहुत ज्यादा प्रीमियम देना पड़ा। इस तरह के सौदे अक्सर ‘हाई-डिमांड‑लो-सप्लाय’ की स्थिति बनाते हैं और कीमतें अस्थायी रूप से बढ़ जाती हैं।

दूसरा कारण है सूचना का अंतर। अगर कुछ बड़े प्लेयर को किसी कंपनी के अंदरूनी बदलाव या नए प्रोजेक्ट की जानकारी पहले मिल जाए, तो वे बिना देर किए शेयर खरीद लेते हैं और बाकी बाजार को पीछे छोड़ देते हैं। इस समय में प्रीमियम स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है क्योंकि मांग तेज़ी से बढ़ती है।

रोकथाम और स्मार्ट निवेश टिप्स

पहली चीज़ – हमेशा ट्रेडिंग वॉल्यूम देखिए। अगर किसी स्टॉक का वॉल्यूम अचानक कूदता दिखे, तो इसका मतलब हो सकता है कि ब्लॉक डील या बड़े पैमाने पर खरीद‑बेच चल रही है। ऐसे में सावधानी बरतें और प्रीमियम के कारण संभावित नुकसान को ध्यान में रखें।

दूसरी बात – कंपनी की फंडामेंटल्स को देखिए, न कि सिर्फ कीमतों को। अगर शेयर का प्रीमियम बहुत ज़्यादा है लेकिन कंपनी की कमाई घट रही है (जैसे Ola Electric के Q4 FY25 में घाटा बढ़ा), तो यह संकेत है कि मूल्य अस्थायी रूप से अधिक हो सकता है।

तीसरा कदम – डाइवर्सिफ़िकेशन रखें। एक ही सेक्टर या वही बड़े ब्लॉक सौदे वाले स्टॉक्स में सारे पैसे लगाना जोखिम भरा होता है। विभिन्न उद्योगों और छोटे‑मध्यम कैप कंपनियों में निवेश करने से प्रीमियम के असर को कम किया जा सकता है।

चौथा, टाइमिंग महत्वपूर्ण है। अक्सर प्रीमियम वाले स्टॉक्स का गिराव शुरुआती खरीद से कुछ हफ़्ते या महीनों में दिखता है। अगर आप लंबे‑समय की योजना बना रहे हैं तो ऐसी एंट्रीज़ से बचें या फिर एग्ज़िट स्ट्रेटेजी पहले से तय रखें।

अंत में, समाचार स्रोतों को विविध बनाइए। सिर्फ एक ही फाइनैंशियल पोर्टल या ब्लूप्रिंट पर भरोसा न करें; कई जगहों से जानकारी लेकर ही कोई निर्णय लें। इससे आप ग्री मार्केट प्रीमियम की गलतफहमी से बचेंगे और बेहतर रिटर्न पा सकेंगे।

संक्षेप में, ग्री मार्केट प्रीमियम समझना आसान नहीं है, पर सही डेटा और सतर्क दृष्टिकोण से इसे मात देना संभव है। ऊपर बताए गए पॉइंट्स को अपनाएँ और अपने पोर्टफ़ोलियो को सुरक्षित रखें।

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी आईपीओ: सब्सक्रिप्शन से पहले जीएमपी में गिरावट जारी

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एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) के लिए सब्सक्रिप्शन 19 नवंबर, 2024 से शुरू होने जा रहा है। इस आईपीओ का लक्ष्य 10,000 करोड़ रुपये जुटाना है और यह पूरी तरह से नए शेयरों की 92.59 करोड़ अंशों की पेशकश है। आईपीओ का मूल्य बैंड 102-108 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के अपंजीकृत शेयरों के लिए ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) ठंडा रहा है।

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सहज सोलर लिमिटेड के प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) को पहले दिन निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। 52.56 करोड़ रुपये के आईपीओ को 4.4 गुना सब्सक्रिप्शन प्राप्त हुआ है। कंपनी के अनलिस्टेड शेयर ग्रे मार्केट में 164 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं, जिससे 91.11% लिस्टिंग गेन का संकेत मिल रहा है।

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