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Tata Capital और LG Electronics IPO: ग्रे‑मार्केट में टकराव, भारत के IPO हफ़्ते में 30,000 करोड़ की धनराशि

Uma Imagem 3 टिप्पणि 8 अक्तूबर 2025

जब Tata Capital Limited ने 15,512 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड IPO शुरू किया और साथ ही LG Electronics India Private Limited ने 11,607 करोड़ रुपये की बड़ी राशि जुटाने की कोशिश की, तो भारत के प्राथमिक बाजार में एक ऐतिहासिक हफ़्ता शुरू हो गया। यह हफ़्ता सिर्फ दो नामों तक सीमित नहीं, बल्कि सात‑आठ कंपनियों के मिलते‑जुलते ऑफ़रिंग्स से 30,000 करोड़ से अधिक पूँजी का लक्ष्य रखता है।

IPO हफ़्ते की पृष्ठभूमि और मुख्य खिलाड़ी

7 अक्टूबर 2025 को भारत का हफ़्ते‑भर का IPO महोत्सवभारत का पर्दा खुला। सबसे पहले खुले Tata Capital Limited का ऑफ़र 6 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक रहा, जबकि LG Electronics India Private Limited का आवेदन 7 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक जारी रहा।

इसी दौरान Rubicon Research Private Limited (1,377.50 करोड़), Canara Robeco Asset Management Company Limited, Canara HSBC Life Insurance Company Limited, WeWork India Management Private Limited और Anantam Highways Trust भी अपने‑अपने चरण में बाजार में कदम रख रहे थे।

Tata Capital IPO का ग्रे‑मार्केट परिदृश्य

Tata Capital ने 33.34 करोड़ शेयरों की पेशकश में 18.85 करोड़ शेयरों के साथ 57% की दूसरी‑दिन सब्सक्रिप्शन हासिल की। मूल्य बैंड 310‑326 रुपये के भीतर तय था। Investorgain के अनुसार 7 अक्टूबर को इस IPO का ग्रे‑मार्केट प्रीमियम (GMP) 7 रुपये था, जिसका अर्थ है कि सूचीबद्ध कीमत 333 रुपये के आसपास रहने की संभावना है – यानी ऊपरी बैंड 326 से लगभग 2.15% की मामूली बढ़ोतरी।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस कवरेज से Tata Capital को दीर्घकालिक स्थिरता का संकेत मिलता है, क्योंकि NBFC सेक्टर के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा ऑफ़र है। फिर भी, कुछ निवेशकों ने “कम GMP” को ‘अधिक सावधानी’ के रूप में पढ़ा।

LG Electronics IPO की ग्रे‑मार्केट टॉपिंग

LG Electronics की 11,607 करोड़ रुपये की पेशकश का ग्रे‑मार्केट डेटा अभी पूरी तरह सार्वजनिक नहीं हुआ, पर बाजार विश्लेषकों ने संकेत दिया है कि इसके GMP में Tata Capital से अधिक प्रीमियम दिख रहा है। इसका कारण कई मान्यताएँ हैं: इलेक्ट्रॉनिक्स में उपभोक्ता मांग में स्थिरता, अंतरराष्ट्रीय ब्रांड शक्ति, और भारत में स्मार्टफ़ोन व एंटी‑वायरस डिवाइस की बढ़ती माँग।

हालाँकि किंतु, LG का बैंड 290‑310 रुपये के आसपास तय है, और बहुत से दलाल इस अंतर को ‘बाजार की उत्सुकता’ के रूप में देख रहे हैं, न कि आवश्यक रूप से ‘भरोसेमंद लाभ’।

अन्य प्रमुख IPOs और बाजार की प्रतिक्रिया

Rubicon Research ने 9 अक्टूबर को 1,377.50 करोड़ रुपये के साथ बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र में प्रवेश किया, जबकि Canara Robeco और Canara HSBC ने क्रमशः एसेट मैनेजमेंट और लाइफ इंश्योरेंस सॉल्यूशंस को कवर किया। WeWork India ने को‑वर्किंग स्पेस में पुनः वापसी की कोशिश की, लेकिन पिछले साल की बैलेंस शीट समस्याओं के कारण निवेशकों ने थोड़ा झिझक दिखायी।

समय के साथ, ग्लॉटिस फ़ार्मा लिमिटेड (जुड़वां: 34.88% डिस्काउंट) जैसी कंपनियों ने पहले ही नुक़्सान दर्शा दिया। BMW Ventures और Arisinfra Solutions भी क्रमशः 31% और 29% डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहे हैं। इस प्रकार का ‘डिस्काउंट एंगल’ कई निवेशकों के लिये चेतावनी बना हुआ है कि उच्च GMP ज़रूरी नहीं कि अधिसूचित मूल्य वृद्धि की गारंटी दे।

जोखिम, मूल्यांकन और विशेषज्ञ मत

जोखिम, मूल्यांकन और विशेषज्ञ मत

हफ़्ते‑भर की तीव्र IPO गतिविधि से एक बात स्पष्ट है – निवेशकों की भूख अभी भी मजबूत है, लेकिन ‘वॅल्यूएशन सस्टेनेबिलिटी’ को लेकर सवाल उठ रहे हैं। ग्रे‑मार्केट प्रीमियम, जैसा कि Motilal Oswal Securities के वरिष्ठ एनालिस्ट राकेश देखर ने कहा, “GMP केवल एक संकेतक है, असली परीक्षण सूचीबद्ध होने के बाद शेयर की चाल में है”।

वित्तीय बाजार के विशेषज्ञों का सहमतिपूर्ण मानना है कि नई लिस्टिंगों में अचानक गिरावट के जोखिम को कम करने के लिये निवेशकों को ‘ड्यू डिलीजेंस’ के साथ-साथ दीर्घकालिक पोर्टफोलियो सेगमेंट में संतुलन बनाना चाहिए।

आगे क्या उम्मीद करनी चाहिए?

10 अक्टूबर को Canara HSBC Life Insurance का मुख्य बोर्ड IPO बंद होने वाला है, और उसके बाद बंद होने वाले कई छोटे‑साइज़ के ऑफ़रिंग्स भी हैं। अनुमान है कि इस साल के अंत तक भारत में IPO द्वारा जुटाई गई कुल पूँजी 40,000 करोड़ रुपये पार कर सकती है, बशर्ते विश्व बाजार में कोई बड़ा झटका न आए।

संभव है कि अगले कुछ हफ्तों में अधिकतम दो‑तीन कंपनियों को सूचीबद्ध होने के बाद ‘लेग अप’ का सामना करना पड़े, विशेषकर अगर Nifty 50 का स्तर 18,000‑19,000 के भीतर स्थिर रहता है। निवेशकों को ‘अपडेटेड ग्रे‑मार्केट डेटा’ के साथ-साथ ‘आर्थिक संकेतकों’ जैसे GDP ग्रोथ और RBI की मौद्रिक नीति पर भी नज़र रखनी चाहिए।

मुख्य बिंदु

  • Tata Capital का GMP 7 रुपये, अनुमानित लिस्टिंग 333 रुपये।
  • LG Electronics का GMP अभी स्पष्ट नहीं, पर उद्योग विश्लेषकों ने बेहतर प्रदर्शन का संकेत दिया।
  • सात प्रमुख IPOs मिलकर 30,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि जुटाने की योजना।
  • Glottis Pharma, BMW Ventures और Arisinfra जैसे केसों ने शुरुआती डिस्काउंट की चेतावनी दी।
  • विशेषज्ञों के अनुसार, GMP उच्च होना जरूरी नहीं कि लिस्टिंग के बाद लाभप्रदता की गारंटी दे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Tata Capital IPO का ग्रे‑मार्केट प्रीमियम क्या दर्शाता है?

7 रुपये का GMP दर्शाता है कि संस्थागत व रिटेल निवेशकों को इस IPO पर थोड़ा अतिरिक्त भुगतान करने की इच्छा है, पर यह लाभ केवल लिस्टिंग के शुरुआती दिन तक सीमित रह सकता है।

LG Electronics के IPO में उच्च GMP क्यों हो सकता है?

लॉजिक्स की मजबूत ब्रांड पहचान, भारतीय उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स की बढ़ती माँग और कंपनी के अंतरराष्ट्रीय समर्थन के कारण बाजार में अधिक उत्साह दिख रहा है, जिससे GMP में Tata Capital से अधिक प्रीमियम हो सकता है।

ग्लॉटिस फ़ार्मा जैसी कंपनियों के डिस्काउंट का क्या मतलब है?

डिस्काउंट यह संकेत देता है कि बाजार ने कंपनी की वैल्यूएशन को अधिक समझा था; जब शेयर लिस्ट होते हैं तो वास्तविक ट्रेडिंग कीमत जारी मूल्य से नीचे गिर जाती है, जिससे शुरुआती निवेशकों को नुकसान हो सकता है।

क्या उच्च GMP वाला IPO हमेशा सफल रहेगा?

नहीं। GMP केवल मांग का एक संकेतक है; अंतिम कीमत, कंपनी की बुनियादी ताकत और समग्र बाजार स्थितियों के आधार पर ही वास्तविक सफलता तय होती है।

आगे के IPO में निवेशकों को किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?

ड्यू डिलीजेंस, कंपनी की आय की प्रोजेक्शन, प्रबंधन की ट्रैक रिकॉर्ड, और मौजूदा आर्थिक संकेतकों जैसे GDP ग्रोथ और ब्याज दरें – इन सबको मिलाकर ही सूझ‑बूझ भरा निर्णय लेना चाहिए।

3 टिप्पणि

  1. Deepak Sonawane
    Deepak Sonawane
    अक्तूबर 8 2025

    यह IPO हफ़्ता केवल एक मार्केट इवेंट नहीं, बल्कि एक वैल्यू एन्हांसमेंट प्रयोगशाला है। ग्रे‑मार्केट प्रीमियम को आंकड़ों की दर्पण में देखना चाहिए, न कि सीधे निवेश निर्णय में। इसलिए, Tata Capital का GMP 7 रुपये एक प्रतिबिंब है, न कि गारंटी।

  2. sakshi singh
    sakshi singh
    अक्तूबर 8 2025

    Tata Capital और LG Electronics दोनों की IPOs का विश्लेषण करने पर स्पष्ट होता है कि निवेशक भावना में विविधता है।
    पहले, ग्रे‑मार्केट प्रीमिक्स को समझना आवश्यक है, क्योंकि ये केवल अल्पावधि उत्साह को दर्शाते हैं, दीर्घकालिक स्थिरता नहीं।
    दूसरे, Tata Capital का GMP 7 रुपये, जिसका अर्थ है कि बाजार ने संभावित सूचीबद्ध कीमत पर मामूली प्रीमियम दिया, पर यह प्रीमियम केवल शुरुआती ट्रेडिंग दिनों में ही मूल्यवान हो सकता है।
    तीसरे, LG Electronics की स्थिति कुछ अलग है; ब्रांड की अंतरराष्ट्रीय ताकत और इलेक्ट्रॉनिक्स की बढ़ती मांग ने संभावित GMP को अधिक बना दिया है, लेकिन यहाँ भी सावधानी आवश्यक है।
    चौथे, रोबिन रिसर्च, Canara Robeco, और अन्य कंपनियों के साथ मिलकर इस हफ़्ते में 30,000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि जुटाने की कोशिश एक बड़ा नियामक चुनौती प्रस्तुत करती है।
    पांचवें, ग्रे‑मार्केट डेटा का वास्तविक उपयोग केवल कीमत अनुमान नहीं, बल्कि निवेशकों के जोखिम प्रबंधन में भी हो सकता है।
    छठे, डिस्काउंट वाली कंपनियों जैसे Glottis Pharma और BMW Ventures ने दर्शाया है कि उच्च GMP हमेशा सफलता की गारंटी नहीं देता।
    सातवें, ड्यू डिलिजेंस और कंपनी की बुनियादी ताकत को समझना किसी भी IPO में सबसे महत्वपूर्ण चरण है।
    आठवें, बाजार की अपेक्षाएँ अक्सर एशिया‑पैसिफ़िक क्षेत्र में बड़े संकेतकों-GDP ग्रोथ, RBI की मौद्रिक नीति-से प्रभावित होती हैं।
    नौवें, निवेशकों को अपने पोर्टफ़ोलियो को विविधित रखना चाहिए, ताकि एकल IPO के जोखिम को कम किया जा सके।
    दसवें, लिस्टेड होने के बाद शेयर की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं, जैसे कि नफ़ा मार्जिन, राजस्व वृद्धि और प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति।
    ग्यारहवें, यदि किसी कंपनी की संचालन मॉडल मजबूत है, तो आरम्भिक डिस्काउंट को भी अवसर माना जा सकता है।
    बारहवें, इस हफ़्ते के IPOs में से कई कंपनियों के पास उच्च विकास संभावनाएँ हैं, पर उन्हें सही मूल्यांकन के बिना नहीं लेना चाहिए।
    तेरहवें, अंत में, हम कह सकते हैं कि ग्रे‑मार्केट प्रीमियम एक संकेतक है, न कि भविष्य की सफलता की सटीक भविष्यवाणी।
    चौदहवें, इसलिए, सभी निवेशकों को अपने जोखिम प्रोफ़ाइल के अनुसार निर्णय लेना चाहिए, न कि केवल बाजार की उत्सुकता पर भरोसा करना चाहिए।

  3. Hitesh Soni
    Hitesh Soni
    अक्तूबर 8 2025

    उल्लिखित लेख में दर्शाए गए आँकों का विश्लेषण करने से स्पष्ट होता है कि ग्रे‑मार्केट प्रीमियम केवल अल्पकालिक भावना को दर्शाता है, न कि दीर्घकालिक स्थिरता। इसलिए, निवेशकों को मूलभूत कंपनी मूल्यांकन पर ध्यान देना चाहिए। नहीं तो यह प्रीमियम एक विपरीत संकेत बन सकता है।

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