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जलभराव – ताज़ा अपडेट और सुरक्षित रहने के तरीके

हर साल मोनसून आने पर कई जगहों में जलभराव की समस्या बढ़ जाती है। अगर आप भी ऐसी स्थिति से गुजर रहे हैं या बस जानकारी चाहते हैं, तो ये लेख आपके लिए बना है। हम सरल शब्दों में बताएंगे कि क्यों जलभराव होता है, किन उपायों से नुकसान घटाया जा सकता है और सरकार क्या मदद देती है।

जलभराव के कारण – क्या बदल रहा है?

सबसे पहला सवाल अक्सर यही आता है – आखिर पानी इतना क्यूँ जमा हो जाता है? प्रमुख कारण हैं:

  • अधिक वर्षा: मौसम विभाग की भविष्यवाणी बताती है कि पिछले पाँच सालों में वार्षिक औसत वर्षा 15‑20 % बढ़ी है। इससे नदियों और तालाबों का जल स्तर जल्दी से भर जाता है।
  • शहरीकरण: शहरों में कंक्रीट की सतहें बारिश के पानी को जमीन में नहीं जाने देती, इसलिए वह सड़क पर बहकर नीचे के क्षेत्रों में जमा हो जाता है।
  • नाली और जल निकासी प्रणाली की कमी: कई कस्बे पुराने नाले इस्तेमाल करते हैं जो मोसमी सफाई नहीं होते। जब ये बंद हो जाते हैं तो पानी कहीं भी नहीं निकल पाता।
  • जंगलों का कटाव: पेड़ पौधे पानी को सोखते हैं, लेकिन उनका गिरना जलधारा को तेज़ कर देता है और बाढ़ की संभावना बढ़ा देता है।

इन कारणों को समझकर ही आप अपने घर या पड़ोस में तुरंत कदम उठा सकते हैं.

सरकारी मदद और स्थानीय उपाय – क्या करें?

जब जलभराव हो रहा हो तो पहले सुरक्षा सबसे जरूरी है। यहाँ कुछ आसान लेकिन असरदार टिप्स हैं:

  1. ऊँचा स्थान चुनें: यदि संभव हो तो बेडरूम या लिविंग एरिया को एक दो मंज़िल ऊपर ले जाएँ। फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक सामान भी ऊँचे शेल्फ पर रखें।
  2. सैंड बैग लगाएँ: स्थानीय बाजार से रेत के थैले खरीदकर दरवाजे या खिड़कियों के नीचे रखिए, इससे पानी का प्रवाह रोका जा सकता है।
  3. नाली साफ रखें: हर महीने एक बार नालियों की जाँच करें और किसी भी तरह का मलबा हटाएँ। अगर खुद नहीं कर पाते तो नगरपालिका से मदद माँगें।
  4. इमरजेंसी किट तैयार रखें: टॉर्च, बैटरी, प्राथमिक उपचार किट, पानी की बोतल और कुछ नकदी हमेशा हाथ में रखिए। आपदा के समय ये चीज़ें काम आती हैं.
  5. सरकारी राहत केंद्रों का पता रखें: जिला प्रशासन अक्सर अस्थायी आश्रय स्थलों का चयन करता है। स्थानीय समाचार या सरकारी वेबसाइट से उनका अपडेट देखें।

कई राज्य सरकारें जलभराव‑प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष योजना जारी करती हैं। उदाहरण के तौर पर, मध्य प्रदेश ने 2023 में ‘जलरोध’ योजना शुरू की थी जिसमें निचे वाले गांवों को सस्ती सैंड बैग और पम्प प्रदान किए गए थे. ऐसे स्कीम का फायदा उठाने के लिये स्थानीय अधिकारी से संपर्क करना चाहिए.

अगर आप अपने इलाके में लगातार जलभराव देख रहे हैं, तो समुदाय स्तर पर भी मदद मिल सकती है। पड़ोसियों के साथ मिलकर सामुदायिक नालियाँ बनाएँ या मौजूदा नालियों को बढ़वाएँ. कई गांवों ने ऐसा किया और अब बारिश का पानी सीधे खेतों तक पहुंच जाता है, जिससे फसल भी बचती है.

अंत में याद रखें, जलभराव केवल एक मौसमीय समस्या नहीं, बल्कि योजना, जागरूकता और समय पर कार्रवाई से नियंत्रित हो सकता है. आप चाहे घर के मालिक हों या किराएदार, इन आसान कदमों को अपनाकर अपने और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं.

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मुंबई में चौथे दिन लगातार भारी बारिश से जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सबवे, सड़कों और प्रमुख क्षेत्रों में जलभराव देखा गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आगामी 24 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।

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