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जेडीएस: शुरुआत से लेकर उन्नत तकनीक तक

अगर आप वेब साइट बनाते हैं तो जेडीएस (JavaScript) सुनना ज़रूरी है। ये भाषा ब्राउज़र में चलती है, इसलिए पेज रिफ्रेश बिना एनीमेशन, फॉर्म वैलिडेशन और इंटरैक्टिव फीचर जोड़ सकती है। कई लोग इसे सीखने से डरते हैं, पर असली बात यह है कि बुनियाद समझ कर आप जल्दी ही छोटे‑छोटे प्रोजेक्ट बना सकते हैं।

जेडीएस के बेसिक कॉन्सेप्ट्स

सबसे पहले वेरिएबल, फ़ंक्शन और लूप को देखें। let name = 'राहुल'; जैसा सिंटैक्स आसान है, लेकिन स्कोप समझना जरूरी है – var और let/const में अंतर जानें तो बग कम होंगे। फिर कंडीशन (if‑else) और ऐरे/ऑब्जेक्ट को डेटा स्टोर करने के लिए इस्तेमाल करें। इन सबको समझने पर आप कोई भी छोटा गेटवे या कैल्कुलेटर बना सकते हैं।

आधुनिक जेडीएस टूल्स और लाइब्रेरीज़

आजकल सिर्फ़ मूल भाषा ही नहीं, बल्कि React, Vue या Angular जैसी फ़्रेमवर्क भी लोकप्रिय हैं। अगर आप सिंगल‑पेज एप्लिकेशन बनाना चाहते हैं तो React का कॉम्पोनेंट मॉडल सीखें – यह UI को छोटे हिस्सों में बाँटता है और री‑यूज़ेबल बनाता है। Vue हल्का है, शुरुआती के लिए आसान, जबकि Angular बड़े एंटरप्राइज़ प्रोजेक्ट्स में भरोसेमंद है। इसके अलावा, Node.js से बैकएंड भी बना सकते हैं; इससे पूरा स्टैक एक ही भाषा में चल जाता है।

बिल्ड टूल जैसे Webpack या Vite को जोड़ने से कोड का आकार घटता है और तेज़ लोडिंग मिलती है। आप npm या yarn के जरिए लाइब्रेरी इंस्टॉल कर सकते हैं, फिर अपने प्रोजेक्ट में इम्पोर्ट करके इस्तेमाल करें। इस तरह की सेट‑अप से विकास प्रक्रिया प्रोफेशनल बनती है और डिप्लॉयमेंट आसान हो जाता है।

जेडीएस सीखते समय सबसे बड़ा फ़ायदा है कि आप तुरंत परिणाम देख सकते हैं। कोड लिखें, ब्राउज़र में रिफ्रेश करें, और बदलाव दिखे – यही मोटिवेशन रखता है। अगर कोई एरर आए तो डेवलपर टूल्स (F12) खोलें, कंसोल में एरर मेसेज पढ़ें और जल्दी सुधारें। इस सायकल को अपनाने से बग फिक्सिंग भी तेज़ होती है।

अब बात करते हैं प्रैक्टिकल टिप्स की जो रोज़मर्रा के काम में मदद करेंगे:

  • कोड को छोटे फ़ंक्शन में बाँटें – पढ़ने और डिबग करने में आसान होता है।
  • ES6 सिंटैक्स (एरो फ़ंक्शन, टेम्पलेट लिटरल) इस्तेमाल करें, इससे कोड साफ़ रहता है।
  • Async/Await से असिंक्रोनस ऑपरेशन सरल बनते हैं – fetch() के साथ API कॉल आसान हो जाता है।
  • कोड फॉर्मेटर (Prettier) और लिंटर (ESLint) को सेट करें, इससे टीम में कोडिंग स्टाइल समान रहती है।

यदि आप जेडीएस से जुड़ी नई ख़बरें देखना चाहते हैं तो हमारे टैग पेज पर मौजूद लेख देखें – जैसे "Ola Electric ब्लॉक डील" या "SBI PO Main Result 2025" में भी टेक्नोलॉजी सेक्शन में जेडीएस के उपयोग की बात हुई है। इन केस स्टडीज़ से आप समझेंगे कि रियल‑वर्ल्ड प्रोजेक्ट्स में जेडीएस कैसे काम करता है, और कौन‑सी लाइब्रेरीज़ सबसे ज़्यादा इस्तेमाल हो रही हैं।

अंत में यह याद रखें: जेडीएस सीखना एक बार का लक्ष्य नहीं, बल्कि लगातार अपडेट होते रहने वाला प्रोसेस है। नई फ़्रेमवर्क, बेस्ट प्रैक्टिस और ब्राउज़र सपोर्ट बदलते रहते हैं, इसलिए ब्लॉग्स, यूट्यूब ट्युटोरियल या गिटहब रेपो फॉलो करें। छोटे‑छोटे प्रोजेक्ट बनाते रहें, कोड रीफ़ैक्टर करते रहें, और आप धीरे‑धीरे प्रोफ़ेशनल जेडीएस डेवलपर बन जाएंगे।

जेडीएस कार्यकर्ता और रिश्तेदार पर एमएलसी सूरज रेवन्ना के खिलाफ वसूली की कोशिश का आरोप

जेडीएस कार्यकर्ता और रिश्तेदार पर एमएलसी सूरज रेवन्ना के खिलाफ वसूली की कोशिश का आरोप

जेडीएस कार्यकर्ता चेतन के एस और उनके साले पर पार्टी एमएलसी सूरज रेवन्ना से पैसे वसूलने की कोशिश का आरोप लगाया गया है। चेतन और उनके साले ने झूठे यौन उत्पीड़न के मामले में फंसाने की धमकी देकर पैसे की मांग की। सूरज रेवन्ना ने शिकायत दर्ज करवाई जिसमें आरोपियों पर आईपीसी की धारा 384 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया।

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