अगर आप या आपका कोई знакомी कभी कैंसर का नाम सुनते हैं तो दिमाग़ में डर आ जाता है। लेकिन सही जानकारी मिलती रहे तो इस बीमारी से लड़ना आसान हो जाता है। यहाँ हम सरल शब्दों में समझेंगे कि कैंसर क्यों होता है, कौन‑से लक्षण दिखाते हैं और रोज़मर्रा की चीज़ों से कैसे बचा जा सकता है।
पहले तो यह जानना जरूरी है कि हर दर्द या सूजन कैंसर नहीं होती, पर कुछ संकेत होते हैं जो डॉक्टर को दिखाने चाहिए। जैसे बिना कारण वजन घटाना, लगातार थकान महसूस होना, किसी हिस्से में गांठ या असामान्य दाग बन जाना। अगर मौखिक या पाचन तंत्र से जुड़ी समस्या लंबे समय तक बनी रहे तो उसे भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ये सभी लक्षण शुरुआती चरण में ही पहचान कर इलाज के परिणाम बेहतर बना सकते हैं।
कैंसर पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, पर जोखिम घटाने के कई आसान कदम हैं। संतुलित आहार रखें – ताजे फल, सब्ज़ी और कम तेल वाला भोजन शरीर को मजबूत बनाता है। धूम्रपान छोड़ें और शराब की मात्रा सीमित करें; ये दोनों ही कैंसर के बड़े कारण माने जाते हैं। नियमित व्यायाम जैसे तेज़ चलना या साइकिल चलाना वजन नियंत्रित रखने में मदद करता है, जिससे कई प्रकार के कैंसर का खतरा कम होता है।
यदि जांच में कैंसर दिखे तो आजकल कई उपचार उपलब्ध हैं। शुरुआती चरण में सर्जरी से ट्यूमर हटाया जा सकता है। बाद में रैडिएशन या कीमोथेरेपी मदद कर सकते हैं, खासकर जब रोग फैल चुका हो। इम्यूनोथेरेपी जैसे नए इलाज शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर से लड़ने के लिए ताकतवर बनाते हैं। डॉक्टर अक्सर इन विकल्पों का मिश्रण चुनते हैं ताकि परिणाम बेहतर हों।
सिर्फ़ उपचार पर भरोसा नहीं करना चाहिए, बल्कि फॉलो‑अप जांच भी जरूरी है। हर छह महीने में एक बार पूर्ण शरीर परीक्षा करवाएं और अगर परिवार में कैंसर की बीमारी रही हो तो जीन परीक्षण के बारे में डॉक्टर से पूछें। इससे जोखिम वाले लोगों को समय रहते कदम उठाने का मौका मिलता है।
आपके आसपास कई गैर‑लाभकारी संस्थाएँ हैं जो मुफ्त स्क्रीनिंग कार्यक्रम चलाती हैं। ऐसे अवसरों पर भाग लेना न सिर्फ़ आपके स्वास्थ्य की देखभाल करता है, बल्कि समुदाय में कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाता है। आप भी इन अभियानों को शेयर करके दूसरों को मदद कर सकते हैं।
आखिर में यही कहा जा सकता है – कैंसर डरावना शब्द है, पर सही ज्ञान और समय पर कार्रवाई से इसे मात देना संभव है। अगर आपको किसी लक्षण का संदेह हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, क्योंकि देर होने की संभावना कभी नहीं बनती। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ, नियमित जांच करवाएँ और सकारात्मक सोच रखें – यही सबसे बड़ी रक्षा है।
माराठी और हिंदी सिनेमा के वरिष्ठ अभिनेता और हास्य कलाकार अतुल परचुरे का 57 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। अतुल, जो कि लंबे समय से कैंसर से लड़ रहे थे, अपनी मां, पत्नी और बेटी को छोड़ गए हैं। उनके निधन से मराठी और हिंदी फिल्म उद्योग में शोक की लहर दौड़ गई है। उन्होंने 'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल', 'कॉमेडी सर्कस' जैसे लोकप्रिय टीवी शो में काम किया था।