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नौकरी का तनाव कम कैसे करें – तेज़ टिप्स और समाधान

हर सुबह ऑफिस जाने से पहले पेट में घुटना महसूस होता है? बहुत लोग यही बताते हैं। लेकिन डरने की ज़रूरत नहीं, कुछ छोटे‑छोटे कदम अपनाकर आप अपने काम के दबाव को काफी हद तक घटा सकते हैं। नीचे हम ऐसे आसान उपाय दे रहे हैं जो तुरंत असर दिखाते हैं और दिन भर ऊर्ज़ावान रखते हैं।

तनाव के मुख्य कारण

सबसे पहले जानें कि तनाव कहाँ से आता है। अक्सर ये पाँच चीज़ें मिलकर दवाब बनाती हैं:

  • अस्पष्ट लक्ष्य – अगर काम का स्पष्ट उद्देश्य नहीं, तो हर कदम पर उलझन रहती है।
  • बड़ी कार्यभार – एक साथ कई प्रोजेक्ट संभालना थकावट बढ़ा देता है।
  • समय की कमी – देर‑से‑डेडलाइन या मीटिंग ओवरलैप से दिमाग घबराता है।
  • संचार की गड़बड़ी – बॉस या टीम के साथ बात न बनना तनाव को बढ़ाता है।
  • व्यक्तिगत जीवन में असंतुलन – घर‑काम, स्वास्थ्य, या आर्थिक मुद्दे काम पर असर डालते हैं।

जब आप इन कारणों को पहचान लेते हैं तो उन्हें ठीक करने के रास्ते साफ़ हो जाते हैं।

तनाव कम करने के आसान उपाय

अब बात करते हैं उन सरल कदमों की जो आपकी रोज़मर्रा में आसानी से फिट हो सकते हैं:

  1. सपष्ट लक्ष्य बनाएं: हर सुबह 5‑10 मिनट ले कर आज क्या पूरा करना है, लिखें। छोटा‑छोटा टास्क दिखाने से मन हल्का रहता है।
  2. टाइम ब्लॉकिंग अपनाएँ: बड़े प्रोजेक्ट को छोटे‑छोटे समय स्लॉट में बाँटें। दो घंटे का फ़ोकस, फिर 10 मिनट ब्रेक – इस पैटर्न से थकान कम होती है।
  3. डिजिटल डिटॉक्स: काम के बीच मोबाइल या ईमेल चेक करने की आवृत्ति घटाएँ। पिंग‑पोंग जैसे छोटे इंटरवॉल बनाएं, इससे ध्यान फिर से केंद्रित रहता है।
  4. शारीरिक एक्टिविटी जोड़ें: डेस्क पर बैठते‑बैठते स्ट्रेच या 5‑मिनिट वॉक करें। रक्त परिसंचरण बढ़ता है और दिमाग साफ़ होता है।
  5. सांस लेने की तकनीक सीखें: गहरी सांस लेकर 4-7-8 पैटर्न (4 सेकंड साँस, 7 सेकेंड रोकें, 8 तक छोड़ें) दोहराएं। तनाव हार्मोन तुरंत घटता है।
  6. समय‑सीमा की लचीलापन मांगें: अगर डेडलाइन बहुत कड़ी लग रही हो तो बॉस से बात करके थोड़ा विस्तार माँगें। अक्सर वे समझते हैं और सहयोग देते हैं।
  7. काम के बाद रिचार्ज: ऑफिस छोड़ते ही कोई हॉबी, किताब या संगीत सुनना शुरू करें। दिमाग को काम की यादों से दूर रखें।

इन उपायों को धीरे‑धीरे अपनी दिनचर्या में डालें। शुरुआत में थोड़ी मेहनत लगेगी, लेकिन दो‑तीन हफ्ते बाद आप देखेंगे कि तनाव कम हो गया है और काम भी जल्दी पूरा होता है।

अगर फिर भी दबाव बहुत ज़्यादा लगता है तो पेशेवर काउंसलर से मिलना फायदेमंद रहेगा। याद रखें, नौकरी सिर्फ़ एक हिस्सा है; आपका स्वास्थ्य सबसे ऊपर होना चाहिए।

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