आजकल हर रोज़ एक नई प्राकृतिक घटना सामने आती है। चाहे वह काठमांडू का भूकंप हो या हिमाचल में ठंडी लहर, इन घटनाओं से कैसे बचें, यह जानना जरूरी है। इस लेख में हम हाल की प्रमुख खबरों को संक्षेप में बताएंगे और आसान सुरक्षा उपाय देंगे जो आपके और आपके परिवार के लिए काम आएँगे।
7 जनवरी 2025 को तिब्बत के शिजांग इलाके में 7.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे काठमांडू से लगभग 230 किमी दूर कई गांवों में नुकसान हुआ। इस झटके की वजह से 53 लोग मारे गये और 62 घायल हुए। नेपाल के 13 जिलों में भी हिलने‑डुलने की आवाज़ें सुनाई दीं। इसी समय भारत के उत्तर भाग में शीत लहर ने हिमाचल प्रदेश को बहुत प्रभावित किया। कई जगह तापमान -3.6 °C तक गिरा, जिससे बर्फबारी और ट्रेनों में देरी हुई।
दक्षिण भारत में भी मौसम बिगड़ रहा है; बरसात के कारण जलस्तर बढ़ रहे हैं और कुछ क्षेत्रों में बाढ़ की संभावना बनी हुई है। इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि प्राकृतिक आपदाएं सिर्फ दूर नहीं, बल्कि हमारे ही आस-पास हो रही हैं।
भूकंप के समय सबसे पहले दरवाज़े की लकड़ी या फर्नीचर से दूरी रखें और नीचे की ओर झुकेँ। यदि आप घर में हों, तो टेबल के नीचे बैठें और सिर को हाथों से ढकें। बाहर हों तो खुले क्षेत्र में जाएँ, इमारतों और बिजली के तारों से दूर रहें।
ठंडी लहर या बाढ़ के समय गर्म कपड़े पहनें, पानी की बोतल साथ रखें और घर का दरवाज़ा बंद रख कर हीटर या गैस चूल्हे को इस्तेमाल करें। अगर जल स्तर बढ़ रहा हो तो उच्च स्थान पर जाएँ और बचाव दल के निर्देशों का पालन करें।
इन घटनाओं से निपटने में सबसे महत्वपूर्ण है तैयार रहना। एक छोटा आपातकालीन किट बनाएं जिसमें टॉर्च, बैटरियां, बुनियादी दवाइयां, पानी की बोतलें और कुछ नगदी रखें। मोबाइल पर सरकारी अलर्ट ऐप इंस्टॉल करें ताकि तुरंत सूचना मिल सके।
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने तापमान वृद्धि और गंभीर मौसम की घटनाओं के बीच जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तत्काल वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया है। उन्हों ने चेतावनी दी है कि वर्तमान प्रतिबद्धताएँ पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त हैं और ठोस कदम उठाने के लिए समय बहुत कम बचा है।