आपको भारत की संसद में क्या चल रहा है, जानना है? तो सीधे राज्यसभा से शुरू करें। यहाँ हम रोज़ाना होने वाले बदलाव, नए बिलों के चर्चा बिंदु और सांसदों के प्रमुख बयान को सरल भाषा में लाते हैं। हर पढ़ने वाला इस जानकारी से अपने मतभेदों को साफ़ कर सकता है और देश की दिशा समझ सकता है।
राज्यसभा भारत की ऊपरी सदन है, जिसका काम संसद के कामकाज में संतुलन बनाना है। सदस्य जनता से सीधे नहीं बल्कि राज्यों के विधायी सभाओं और राष्ट्रपति द्वारा चुने जाते हैं। यह 6 साल तक रहती है और हर दो साल बाद एक तिहाई सदस्य बदलते हैं। इस कारण अनुभव और निरंतरता बनी रहती है, जिससे बड़े‑बड़े कानून बनाने में समय मिलता है।
पिछले कुछ हफ्तों में कई अहम खबरें आईं:
Ola Electric ब्लॉक डील: 14.22 करोड़ शेयर बदलने के बाद स्टॉक्स में गिरावट देखी गई। Hyundai संभावित खरीदार बना, पर इससे राजस्व और घाटे की नई तस्वीर सामने आई।
SBI PO मेन रिज़ल्ट 2025: बैंक ने प्रोबेशनरी ऑफिसर परीक्षा का परिणाम जारी किया, अब इंटरव्यू व ग्रुप एक्सरसाइज़ के साथ चयन प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। यह नौकरी चाहने वालों के लिए बड़ी खबर है।
राज्यसभा में बिल चर्चा: हाल ही में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम पर विस्तृत बहस हुई। कई सांसदों ने सख्त नियमों की माँग की, जबकि उद्योग प्रतिनिधियों ने लचीलापन का तर्क दिया। इस पर अगले सप्ताह मतदान तय है।
विपक्षी नेता Rahul Gandhi के विरोध: चुनाव आयोग को आयोग के खिलाफ बड़े प्रदर्शन का सामना करना पड़ा। कई सांसद ‘SIR’ शब्द और वोट सूची की वैधता पर सवाल उठाते रहे, जिससे संसद में तेज़ बहस छिड़ गई।
बिलों का आर्थिक असर: नई टैक्स नीतियों पर राजस्व में 62% गिरावट और घाटे में ₹870 करोड़ की बढ़ोतरी देखी गई। यह आंकड़े बजट तैयार करने वाले को काफी चुनौती देंगे।
इन समाचारों के साथ हम रोज़ नए विश्लेषण भी देते हैं, ताकि आप समझ सकें कि कौन से मुद्दे आपके जीवन पर असर डालेंगे। चाहे वह निवेश हो, नौकरी या सामान्य नागरिक अधिकार—राज्यसभा की हर चर्चा का सीधा संबंध हमारे दैनिक जीवन से है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) राज्यसभा में बहुमत से पीछे हो गई है, चार मनोनीत सदस्यों की सेवानिवृत्ति के कारण। भाजपा की सीटें अब 86 हो गई हैं और एनडीए की कुल सीटें 101 पर आ चुकी हैं, जो बहुमत से कम हैं।