जब हम टेस्ट जीत, क्रिके ट के टेस्ट फॉर्मेट में किसी टीम द्वारा प्राप्त की गई जीत को कहा जाता है की बात करते हैं, तो तुरंत कई जुड़े हुए पहलू दिमाग में आते हैं। टेस्ट जीत केवल एक स्कोर नहीं, बल्कि टीम की रणनीति, धैर्य और खिलाड़ी प्रदर्शन का समग्र परिणाम है। इस संबंध में क्रिके ट, एक खेल जिसका टेस्ट फॉर्मेट पाँच दिन चलता है के बुनियादी नियम, टेस्ट मैच की अवधि, और पिच की विशेषताएँ निर्णायक भूमिका निभाती हैं। टेस्ट जीत के पीछे बैटिंग स्थिरता और बॉलिंग विविधता दोनों की जरूरत होती है; यही कारण है कि भारत क्रिकेट टीम, देश का प्रमुख अंतरराष्ट्रीय क्रिके ट प्रतिनिधि अक्सर अपनी लाइन‑अप में बैट्समैन और बॉलर दोनों को संतुलित रखती है।
एक अच्छी टेस्ट जीत अक्सर लंबी टेस्ट सीरीज़, समान प्रतिद्वंद्वी पक्ष के खिलाफ कई टेस्ट मैचों की श्रृंखला का हिस्सा होती है। इस सीरीज़ में लगातार जीतें रैंकिंग में उछाल लाती हैं; जैसा कि हाल ही में यशस्वी जायसवाल, भारतीय टेस्ट बल्लेबाज, जिन्होंने 173 रन बनाकर अपनी स्थिति मजबूत की ने दिखाया कि व्यक्तिगत शतक टीम को मोड़ सकता है। इसी तरह, नरायण जगदेवसँ, वाइडिंग में माहिर विकेटकीपर, को टेस्ट स्क्वाड में जगह मिलने से टीम की बैटिंग गहराई बढ़ी। ये उदाहरण दर्शाते हैं कि टेस्ट जीत में व्यक्तिगत प्रदर्शन और टीम समन्वय दोनों का संतुलन आवश्यक है।
यदि आप जानना चाहते हैं कि भारत ने हाल के मैचों में कैसे रणनीति बदली, कौन से खिलाड़ियों ने क्लांचिंग पिचों पर असली अंतर पैदा किया, और आगामी टेस्ट सीरीज़ में क्या संभावनाएँ हैं, तो आगे पढ़ें। नीचे दिए गए लेखों में खेल विश्लेषण, मैच सारांश और खिलाड़ियों की इनसाइडर बातें हैं, जो आपकी समझ को गहरा करेंगे और अगले टेस्ट जीत की भविष्यवाणी में मदद करेंगे।
अहमदाबाद में भारत ने वेस्ट इंडीज को 140 रन से पराजित कर पहली टेस्ट में इनिंग्स जीत हासिल की, केएल राहुल और रविंदर जडेजा ने शतक लगाए।