भारतीय शादी में कई रीति‑रिवाज होते हैं, और उनमें से एक है तुलसी विवाह। इस रिवाज़ में शादी से पहले दुल्हन या दूल्हे के घर में तुलसी के पौधे को पूजाय जाता है। माना जाता है कि तुलसी से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और नए जोड़े को सुख‑समृद्धि मिलती है।
तुलसी को हिन्दू मान्यताओं में पवित्र माना गया है। पुराणों में कहा गया है कि तुलसी का सेवन करने से रोग दूर होते हैं और मन को शांति मिलती है। शादी की तैयारी में तुलसी को शामिल करने से दंपत्ति के जीवन में “अवधि” को दूर करने की शक्ति मिलती है। इस कारण कई राज्य, विशेषकर उत्तर भारत में, इस रिवाज़ को बड़े धूमधाम से मनाते हैं।
1. तुलसी का चयन – घर के बगीचे या बाज़ार से ताजी, हरी तुलसी ली जाती है। साफ‑सुथरे बर्तन में पानी भरकर उसके पास पौधा रख दिया जाता है।
2. पूजन विधि – तुलसी के पौधे को घी, चंदन और दीप से सजाकर माँ का आशीर्वाद लेते हैं। स्वीकृति के लिए हल्दी‑चूने की पेस्ट भी लगाई जाती है।
3. तुलसी का फोल्डर – रीति के अनुसार तुलसी को दुल्हन या दूल्हे के हाथ में थाम कर मुहूर्त में घर में लाया जाता है। यह कदम नई शुरुआत का प्रतीक है।
4. पानी का सेवन – पूजा के बाद तुलसी वाले पानी को दम्पती और सगे‑संबंधियों को पिलाया जाता है। माना जाता है इससे जीवन में निरोगी और स्वस्थ रहने का संकल्प मिलता है।
इन रिवाज़ों को अपनाते समय साफ‑सफाई, शुद्ध पानी और सकारात्मक मनोदशा बनाए रखना ज़रूरी है। कुछ लोग इसे एक छोटा कार्यक्रम बनाते हैं, जबकि कुछ बड़े बोली उत्सव के साथ करते हैं।
आजकल लोग महंगे समारोह से बचते हुए सरलता को प्राथमिकता दे रहे हैं। आप भी तुलसी विवाह को छोटा लेकिन असरदार बना सकते हैं:
- ऑनलाइन शॉपिंग से ताज़ी तुलसी खरीदें और घर पर ही पूजन सेट अप करें। - छोटा समूह चुनें, केवल परिवार के निकटतम सदस्य को आमंत्रित करें। - डिजिटल कार्ड के माध्यम से रिवाज़ की समय‑सूची साझा करें ताकि कोई भी भाग न छूटे। - फोटो‑वीडियो बनाकर बाद में यादगार बनाएं, जिससे इस रीति‑रिवाज का महत्व बनी रहे।
ध्यान रखें, मुख्य बात है मन की शुद्धता और एक दूसरे के प्रति सम्मान। अगर आप दोनों की सहमति है, तो तुलसी विवाह आपके रिश्ते में एक खास सौगंध बन सकता है।
अंत में यह याद रखिए – कोई भी रिवाज़ तभी सफल होता है जब आप और आपके जीवनसाथी उसका अर्थ समझें और पूरे दिल से निभाएँ। तो अगली बार जब शादी की तैयारी हो, तो तुलसी को आमंत्रित करना न भूलें, क्योंकि यह सिर्फ एक पौधा नहीं, बल्कि आपके जीवन में शांति और समृद्धि का संदेश है।
तुलसी विवाह हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो 13 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु (शालिग्राम रूप में) और देवी तुलसी का विवाह होता है। इस शुभ अवसर की शुरुआत संध्या 5:29 से 7:52 बजे तक होगी। भक्तों को इस दिन स्वयं को शुद्ध कर तुलसी के पौधे और शालिग्राम को रंग-बिरंगे वस्त्र और पुष्पों से सजाना चाहिए। इस पूजा में मंत्रों का जप अत्यंत महत्वपूर्ण है।