45 की उम्र, 25वीं उपस्थिति और पूरा स्टेडियम खड़ा—वीनस की वापसी ने न्यूयॉर्क को झकझोरा
Venus Williams ने US Open 2025 में कोर्ट पर लौटकर एक और कीर्तिमान अपने नाम कर लिया। 45 साल की उम्र में वे 40 से अधिक वर्षों में टूर्नामेंट की सबसे उम्रदराज़ सिंगल्स खिलाड़ी बन गईं। यह उनकी करियर की 25वीं US Open उपस्थिति है—टूर्नामेंट इतिहास में किसी भी खिलाड़ी से ज्यादा। दो साल के अंतराल के बाद लौटीं सात बार की ग्रैंड स्लैम विजेता को स्टेडियम से गगनभेदी समर्थन मिला, जो बताता है कि टेनिस में उनकी जगह सिर्फ रिकॉर्ड्स से नहीं, असर से तय होती है।
पहले दौर में उनका मुकाबला विश्व रैंकिंग में 11वें स्थान पर काबिज़ करोलिना मुचोवा से था। तीन सेट तक चली टक्कर में परिणाम भले उनके पक्ष में नहीं रहा, पर उनकी फाइटिंग स्पिरिट साफ दिखी। मुकाबला 6-3, 2-6, 6-1 से मुचोवा के नाम रहा—पहला सेट चेक स्टार ने लिया, दूसरे में वीनस ने गति बदली और निर्णायक सेट में मुचोवा ने नियंत्रण वापस पा लिया। तेज सर्व, फ्लैट फोरहैंड और नेट के पास साहसी पॉइंट्स—वीनस ने सब कुछ आजमाया। लंबे रैलियों में फिटनेस और मैच-रिद्म की कसौटी पर भी वे टिकती दिखीं, जो उनकी तैयारी और संकल्प की कहानी खुद कहती है।
इतिहास का पन्ना यहां दो बार पलटा। पहला, उम्र का नया मील का पत्थर; दूसरा, लगातार 25वीं मौजूदगी का रिकॉर्ड। 1981 के बाद पहली बार किसी महिला खिलाड़ी ने इतनी उम्र में US Open सिंगल्स में खेला है। यह परफॉर्मेंस मार्टिना नवरातिलोवा और किमिको डेट-क्रुम जैसी दिग्गजों की याद दिलाती है, जिन्होंने 40 के पार भी प्रो सर्किट पर खुद को प्रतिस्पर्धी बनाए रखा। फर्क बस इतना है कि आज का टेनिस और तेज, और मांगलिक है—फिर भी वीनस ने बताया कि अनुभव और अनुशासन, स्पीड और पावर के सामने कमजोर नहीं पड़ते।

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वीनस विलियम्स का करियर सिर्फ ट्रॉफियों का संग्रह नहीं, टेनिस के विकास का टाइमलाइन है। 17 जून 1980 को जन्मी वीनस ने 1997 में किशोर उम्र में न्यूयॉर्क में पहला बड़ा धमाका किया था—US Open फाइनल तक पहुंचीं। 2000 और 2001 में उन्होंने यहां खिताब जीते। कुल 49 WTA एकल खिताब, सात ग्रैंड स्लैम सिंगल्स और ओलंपिक स्वर्ण—यह आंकड़े बताते हैं कि उनके हिटिंग, एथलेटिसिज़्म और मानसिक सख्ती का प्रभाव कितना व्यापक रहा है।
उनकी राह आसान नहीं थी। ऑटोइम्यून कंडीशन (Sjogren's syndrome) से जूझते हुए उन्होंने डाइट, रिकवरी और ट्रेनिंग के जरिए करियर को लंबा खींचा। चोटें आईं, कैलेंडर में गैप आए, पर वे हर बार रैकेट उठाकर लौटीं। यही वजह है कि 2025 में उनकी उपस्थिति को सिर्फ एक और ‘कमबैक’ नहीं, बल्कि टेनिस में एथलीट-लॉन्गेविटी का जीवंत केस-स्टडी माना जा रहा है।
मुचोवा के खिलाफ मैच में वीनस की रणनीति साफ थी—सर्व के पहले शॉट पर नियंत्रण, बेसलाइन से फ्लैट स्ट्रोक, और ब्रेक-पॉइंट पर जोखिम। दूसरे सेट में उन्होंने रिटर्न की लेंथ और डायरेक्शन बदला, जिससे मुचोवा की रिद्म टूटी और स्कोर 6-2 रहा। तीसरे सेट में चेक खिलाड़ी ने ड्रॉप-शॉट और क्रॉस-कोर्ट एंगल्स का इस्तेमाल बढ़ाया, जिससे रैलियां छोटी हुईं और मैच उनके पक्ष में झुक गया।
यह कहानी सिर्फ एक मैच की नहीं है। यह उस बदलाव की है जो प्रोफेशनल टेनिस में पिछले एक दशक में आया—बेहतर रिकवरी टूल्स, डेटा-ड्रिवन ट्रेनिंग, मैच-लोड मैनेजमेंट और शेड्यूलिंग की समझ ने खिलाड़ियों को 30 के बाद भी टॉप लेवल पर टिकाए रखा। पुरुषों में यह ट्रेंड ज्यादा दिखा है, पर महिलाओं में भी इसकी मिसालें बढ़ी हैं। वीनस जैसी एथलीट बताती हैं कि उम्र अब बाधा नहीं, बस एक अलग तरह का प्लान चाहती है।
US Open में 25वीं बार उतरना भी छोटा मील का पत्थर नहीं। टूर्नामेंट का इतिहास गवाह है कि इतने लंबे समय तक एक ही ग्रैंड स्लैम में लगातार मौजूदगी बनाए रखना शरीर और मन—दोनों पर बराबर काम मांगता है। न्यूयॉर्क की तेज सतह, भीड़ का दबाव और रात के सत्र का शोर—इन सबके बीच वीनस का धैर्य और गरिमा उन्हें अलग पहचान देता है।
कोर्ट के बाहर भी उनका प्रभाव उतना ही बड़ा है। विम्बलडन में समान इनामी राशि की वकालत से लेकर महिला टेनिस की पेशेवर छवि मजबूत करने तक—वीनस ने खेल की संस्कृति को बदला। नई पीढ़ी की खिलाड़ी अक्सर बताती हैं कि उनकी आक्रामक शैली, सर्विस की ताकत और आत्मविश्वास ने उन्हें प्रेरित किया। यही कारण है कि 2025 में भी उनकी हर उपस्थिति ‘इवेंट’ बन जाती है।
अगला सवाल क्या है? क्या वे पूरे सीज़न खेलेंगी, सीमित टूर्नामेंट चुनेंगी, या केवल हार्ड-कोर्ट स्विंग पर ध्यान देंगी—इस पर आधिकारिक एलान नहीं है। पर उनके हालिया प्रदर्शन ने साफ किया कि वे मैच-फिट हैं और प्रतिस्पर्धी भी। टॉप-टियर प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ एक सेट लेना, लंबे रैली में बने रहना और सर्विस-गेम्स की रक्षा—ये संकेत हैं कि कहानी अभी खत्म नहीं हुई।
टेनिस में उम्र और फॉर्म की जंग हमेशा चली है, मगर वीनस ने एक और सबक दिया—लंबी राह पर चलना हो तो हर दिन छोटे-छोटे जीत जरूरी हैं: रिकवरी के घंटे, सही शॉट-सेलेक्शन, और हार के बाद भी अगली सुबह कोर्ट पर लौट आना। उनकी 2025 की उपस्थिति इसी सतत अनुशासन का नतीजा है।
US Open में वीनस विलियम्स के प्रमुख माइलस्टोन:
- 1997: किशोर उम्र में पहला US Open फाइनल
- 2000, 2001: लगातार दो खिताब
- 25वीं उपस्थिति (2025): टूर्नामेंट इतिहास में सर्वाधिक
- 2025: 45 की उम्र में 40+ वर्षों बाद सबसे उम्रदराज़ सिंगल्स खिलाड़ी
करोलिना मुचोवा के लिए यह जीत भी कम अहम नहीं। चोटों से उबरकर शीर्ष-10 में वापसी करने वाली मुचोवा ने दबावभरे क्षणों में संयम दिखाया। वीनस के खिलाफ तीसरे सेट में उनकी शॉट-सेलेक्शन और कोर्ट-पोजिशनिंग बेहतरीन रही—यही फर्क बना।
न्यूयॉर्क की ठंडी शाम में, जब मैच खत्म हुआ, दर्शक खड़े होकर तालियां बजा रहे थे। हार-जीत से परे, उन्होंने जिस चीज़ को सलाम किया, वह था समय से लड़ने का साहस। 45 की उम्र में सिंगल्स ग्रैंड स्लैम खेलना—यह आंकड़ा नहीं, एक मानक है। और उस मानक पर वीनस विलियम्स का नाम फिर से उभर आया है।