विजय की 'The GOAT' फिल्म की समीक्षा: मजबूती और कमजोरियों का विस्तृत विश्लेषण
फिल्म 'The GOAT', जिसमें विजय मुख्य भूमिका में हैं, एक सम्मोहक अवधारणा पर आधारित है जो तत्काल ध्यान आकर्षित करती है। इस फिल्म के निर्देशक वेनकट प्रभु हैं, जिन्होंने इसे एक थ्रिलर के रूप में पेश करने की कोशिश की है, लेकिन कुछ कमजोरियों के कारण यह दर्शकों को पूरी तरह से बांधे रखने में नाकाम रही है। फिल्म की कहानी गांधी नामक एक विशेष आतंकवादी निरोधक दल (Anti-Terrorist Squad) के सदस्य के इर्द-गिर्द घूमती है। गांधी अपनी पत्नी स्नेहा और पांच साल के बेटे जीवन के प्रति अपने काम को गुप्त रखता है।
कहानी का सार
कहानी में एक त्रासद घटना घटती है जब गांधी के एक ऑपरेशन के दौरान केन्या में उसका बेटा जीवन मारा जाता है। यह घटना गांधी और उसकी पत्नी स्नेहा के बीच दरार पैदा करती है। सोलह साल बाद, गांधी रूस में एक युवा व्यक्ति से मिलता है, जो उसे स्वयं की तरह ही लगता है। इसके बाद शुरू होती है घटनाओं की एक श्रृंखला जो उस युवा व्यक्ति की पहचान, उसके इरादों और उसके पीछे के लोगों को उजागर करती है।
फिल्म की सकारात्मक पहलू
फिल्म में एक मजबूत अनिवार्य प्लॉट है जो इसे एक आकर्षक आधार प्रदान करता है। एक्शन और भावना के तत्वों का उपयोग करके, निर्देशक ने एक शक्तिशाली नैरेटिव बनाने की कोशिश की है। विजय, प्रशांत, प्रभु देवा, अजमल आमीर, मोहन, जयराम, स्नेहा, लैला, और मीनाक्षी चौधरी जैसे प्रमुख कलाकारों की टीम ने निश्चित रूप से अपने प्रदर्शन से प्रभावित करने का प्रयास किया है। तकनीकी दृष्टिकोण से, सिद्धार्थ नूनी की सिनेमैटोग्राफी और युवान शंकर राजा का संगीत भी फिल्म के प्रॉडक्शन वैल्यूज़ को उभारते हैं।
कहानी और निर्देशन की कमजोरियां
हालांकि, फिल्म की गंभीर कमजोरी उसके कथानक की गहराई और पटकथा में कमी है। कहानी की विकास में सावधानी की कमी महसूस होती है, जिससे कुछ महत्वपूर्ण स्थिति और घटनाक्रमों का प्रभाव कमजोर लगने लगता है। निर्देशक वेनकट प्रभु की योजनाएं भले ही अच्छी रही हों, लेकिन उसे दर्शकों के सामने प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने में वह उतने सफल नहीं रहे।
कलाकारों का प्रदर्शन
विजय ने गांधी की भूमिका में अपनी क्षमता को बखूबी दर्शाया है, लेकिन फिल्म की कहानी की कमजोरियों ने उनके प्रदर्शन को पूर्ण रूप से उभरने नहीं दिया। साथी कलाकारों ने भी अपनी भूमिका निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन पटकथा की कमियों ने उनकी मेहनत को सीमित कर दिया।
तकनीकी विभाग और संगीत
सिद्धार्थ नूनी की सिनेमैटोग्राफी फिल्म में विज़ुअल अपील लाती है जो इसकी कुछ कमजोरियों को छिपाने में मदद करती है। युवान शंकर राजा का संगीत भी कुछ मूड वाली सीक्वेंस को आगे बढ़ाने में सफल होता है।
समग्र दृष्टिकोण
'The GOAT' एक ऐसी फिल्म है जिसमें एक मजबूत और आकर्षक अवधारणा है, लेकिन इसकी कथानक और निर्देशन में गहराई की कमी इसे कमज़ोर बना देती है। फिल्म के निर्माता कल्पति अगोरा्, गणेश और सुरेश ने एक महत्वाकांक्षी परियोजना को समर्थन दिया है, लेकिन इसका असल में अंत अच्छा नहीं है। फलस्वरूप, दर्शकों की उम्मीदों पर यह फिल्म खरा उतरने में असमर्थ रही है।
समापन विचार
फिल्म के कई हिस्सों में सुधार की गुंजाइश है। जहां इसकी अवधारणा और कुछ दृश्यों ने प्रभावित किया, वहीं संपूर्णता में यह फिल्म अपने संभावनाओं को पूरी तरह से उपयोग में नहीं ला पाई। इसे देखते हुए इस फिल्म को 2/5 की रेटिंग दी जाती है।
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