भारतीय शेयर बाजार में जोरदार गिरावट, सेंसक्स और निफ्टी में भारी नुकसान

अक्तूबर 23 2024

भारतीय शेयर बाजार में अप्रत्याशित गिरावट

मंगलवार का दिन भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के लिए निराशाजनक रहा। प्रमुख सूचकाकं सेंसक्स और निफ्टी में तेजी से गिरावट देखी गई, जो 1 प्रतिशत से अधिक थी। इस गिरावट का प्रमुख कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों का भारतीय शेयरों से धन निकालकर सस्ता चीनी और हांगकांग बाजारों में निवेश करना था। यह अचानक की गई धन निकासी भारतीय बाजार के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई है। बीएसई सेंसक्स 930.55 अंक यानी 1.15 प्रतिशत गिरकर 80,220 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 24,472 पर गिरकर समाप्त हुआ, जो मंगलवार को 309 अंक नीचे रहा।

प्रमुख कंपनियों पर असर

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से अधिकांश में घबराहट का माहौल देखा गया। केवल आईसीआईसीआई बैंक ही अपवाद था, जो हरे निशान में बंद होने वाला अकेला स्टॉक रहा। महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), टाटा मोटर्स और इंडसइंड बैंक जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखी गई, जिससे समग्र बाजार में दबाव बढ़ता गया। बाजार की इस व्यापक बिकवाली ने निवेशकों के मन में गहरी चिंता उत्पन्न कर दी है।

वोल्लटिलिटी इंडेक्स ने बढ़ाई चिंता

वोल्लटिलिटी या अस्थिरता के सूचकांक, इंडिया VIX ने भी चिंताजनक संकेत दिए। यह 4.21 प्रतिशत बढ़कर 14.34 अंक पर पहुंच गया। जब भी VIX बढ़ता है, इसका मतलब होता है कि बाजार में अस्थिरता बढ़ी है, और निवेशकों में डर और घबराहट का माहौल है। बुधवार के बाजार पूर्वानुमान में मुख्य रूप से इस अस्थिरता का कारण बाजार का व्यापक रूप से बिकरी होना माना जा रहा है।

मिडकैप और स्मॉलकैप पर भी असर

विस्तृत बाजार के मिडकैप और स्मॉलकैप पर भी प्रभाव पड़ा। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 3.92 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 में 2.61 प्रतिशत की कमी देखी गई। मिडकैप और स्मॉलकैप में यह गिरावट सूचित करती है कि बाजार में बिकवाली केवल शीर्ष शेयरों तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसका प्रभाव छोटे और मध्यम निवेशकों पर भी पड़ा है।

सेक्टोरल प्रदर्शन

सेक्टरल इंडेक्स के स्तर पर भी बाजार में कमजोर स्थिति दिखाई दी। सबसे अधिक गिरावट का सामना निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स ने किया, जो 4.18 प्रतिशत नीचे बंद हुआ। इसके अलावा रियल्टी और मेटल इंडेक्स में भी क्रमशः 3.08 प्रतिशत और 3 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इन सेक्टरों की गिरावट निवेशकों के बीच चिंता का कारण बनी हुई है। इसके साथ ही ऑटो, मीडिया, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और कुछ हेल्थकेयर इंडेक्स भी 2 प्रतिशत से अधिक गिरावट के साथ बंद हुए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अधिकांश सेक्टर्स प्रभावित हुए हैं।

सप्ताह की शुरुआत से ही गिरावट

इस गिरावट से पहले सोमवार को भी बाजार में सुस्ती का माहौल देखा गया था। बीएसई सेंसक्स 73 पॉइंट्स गिरकर 81,151 पर बंद हुआ था, और एनएसई निफ्टी 24,781 पर 73 अंकों की गिरावट के साथ समाप्त हुआ था। यह संकेत करता है कि सप्ताह की शुरुआत से ही बाजार में गिरावट का दौर शुरू हो गया था, जो मंगलवार को और भी बढ़ गया। इस ट्रेंड से स्पष्ट होता है कि बाजार की स्थिति अभी भी अस्थिर और चिंताजनक बनी हुई है।

बाजार में सुधार के उपाय

इस समय बाजार में सुधार के उपाय अपनाने की आवश्यकता है। निवेशकों को चाहिए कि वे अपनी निवेश रणनीति में सुधार करें और विवेकपूर्ण निर्णय लें। विशेषज्ञों का सुझाव है कि निवेशकों को दीर्घकालिक लक्ष्यों पर ध्यान देना चाहिए और बाजार की अस्थिरता के बावजूद धैर्य बनाए रखना चाहिए। इसके अलावा, सरकार और वित्तीय संस्थानों को भी चाहिए कि वे निवेशकों को भरोसा दिलाएं और बाजार की स्थिरता के लिए आवश्यक कदम उठाएं।

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