जगदेवसँ का टेस्ट चयन: पृष्ठभूमि
जब भारतीय क्रिकेट संघ ने वेस्ट इंडीज के सामने दो मैचों की टेस्ट श्रृंखला के लिए 15 सदस्यीय टीम की घोषणा की, तो हरियाली वाले बल्ले वाले नरायण जगदेवसँ का नाम तुरंत चर्चा का विषय बन गया। इस चयन का मुख्य कारण उनका लगातार चल रहा घरेलू प्रदर्शन है, जिससे चयनकों को भरोसा हुआ कि वह टिकाऊ और भरोसेमंद विकल्प हो सकते हैं।
जगदेवसँ ने 2024‑25 के रणजी ट्रॉफी सीजन में 8 मैचों में 674 रन बनाए, औसत 56.16 के साथ दो शतक और पाँच अर्द्धशतक पर पार पाकर अपना स्थान मजबूत किया। इन आँकड़ों ने उन्हें इशान किशन और संजो समसन जैसे स्थापित विकेटकीपरों से आगे रख दिया, जो हाल ही में फॉर्म या पहली‑क्लास क्रिकेट में निरंतरता नहीं दिखा पाए।
उन्हें केवल टेस्ट में नहीं, बल्कि यूनिकॉरन में भी पहचान मिली है; 277 रन का वह रिकॉर्ड अभी भी क्रिकेट इतिहास में सबसे बड़ा व्यक्तिगत ODI स्कोर बना हुआ है, जिससे वह रोहित शर्मा के 264 रन के रिकॉर्ड को पछाड़ चुके हैं। यह उपलब्धि उनके बेंच पर मौजूद बहु‑फॉर्मेट कौशल को दिखाती है, जिससे चयनकों को लगता है कि वे विभिन्न परिस्थितियों में टीम को मदद कर सकते हैं।

भविष्य की संभावनाएँ और टीम संरचना
ध्रुव जरेल को पहली पसंद के रूप में चुना गया है, जबकि जगदेवसँ द्वितीय विकल्प के रूप में रहेंगे। यह टीम का एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, क्योंकि भारत को अब बाइडेंडर और फास्ट बॉलर दोनों के साथ संतुलन बनाना है। कप्तान शुबमन गिल के साथ रविंद्र जडेजा के उप‑कप्तान के रूप में अनुभवी खिलाड़ियों की उपस्थिति टीम को स्थिरता देती है।
जगदेवसँ का चयन यह भी दर्शाता है कि केंद्रीय चयनकर्ता अजीत अग्रकार ने घरेलू प्रदर्शन को बहुत महत्व दिया है। अजीत ने कहा है कि इशान को फिर से टेस्ट में मौका पाने के लिए घरेलू क्रिकेट में अधिक रन बनाने की जरूरत है। इसी तरह, संजो समसन ने केरल के लिए रेड‑बॉल क्रिकेट नहीं खेला, जिससे उनकी सत्ता पर असर पड़ा।
भारत की बॉलिंग मैं भी बदलाव आ रहा है; जसप्रीत बुमराह आगे के मैचों में प्रमुख तेज़ बॉलर रहे हैं, जबकि रविंद्र जडेजा, रवींद्र जडेजा और मधुसूदन जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की मल्टी‑डायमेंशनल क्षमताएं टीम को गहराई देती हैं। युवा खिलाड़ी जैसे शुबमन गिल और अंजू सी.भ. (अभिजीत) ने अपनी ताकत दिखाते हुए टीम में नई ऊर्जा लाने की उम्मीद है।
वेस्ट इंडीज के खिलाफ इस श्रृंखला में, भारत का लक्ष्य सीरीज़ जीत कर विश्व रैंक में अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखना है। यदि जगदेवसँ को मौका मिलता है, तो वह न सिर्फ विकेटकीपिंग में बल्कि आक्रमण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस प्रकार का चयन न केवल व्यक्तिगत खिलाड़ी के लिए बल्कि भारतीय क्रिकेट की भविष्य-उन्मुख दृष्टि के भी संकेत दे रहा है।