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तमिलनाडु में 30 फीट ओरफिश मछली: जापान की 2011 की सुनामी की याद दिलाती घटना

Uma Imagem 10 टिप्पणि 24 नवंबर 2025

मई 2025 के अंत में, तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के मछुआरों ने समुद्र से एक ऐसी मछली पकड़ी, जिसने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया — 30 फीट (9 मीटर) लंबी, लंबी, चिपचिपी शरीर वाली ओरफिश। इसे वैज्ञानिक नाम Regalecus glesne से जाना जाता है, लेकिन स्थानीय लोग इसे ‘डूम्सडे फिश’ या ‘प्रलयकारी मछली’ कहते हैं। यह मछली, जो आमतौर पर 200 से 1000 फीट गहराई में रहती है, अचानक तट पर आ गई — और इसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही, लोगों के दिलों में एक पुराना डर जग गया।

जापान की 2011 की सुनामी की याद दिलाता अचानक दिखना

जापानी लोककथाओं में ओरफिश को भूकंप और सुनामी का अशुभ संकेत माना जाता है। और वाकई, 2011 में जब जापान के तट पर एक ओरफिश मछली दिखी, तो कुछ ही दिनों बाद एक भयानक सुनामी आई — जिसमें 19,000 लोगों की मौत हो गई। उस वक्त भी वैज्ञानिकों ने इसे बस एक संयोग बताया था। लेकिन आज, जब यही मछली भारत के तट पर आ गई, तो लोगों ने उसी डर को फिर से जी लिया। क्या यह सिर्फ संयोग है? या क्या प्रकृति कोई चेतावनी भेज रही है?

वैज्ञानिकों का जवाब: कोई सबूत नहीं, लेकिन सवाल हैं

भारत के इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इनफॉर्मेशन सर्विसेज (INCOIS) के डॉक्टर एन. राघवेन्द्र ने स्पष्ट किया: ‘ओरफिश के दिखने और भूकंप के बीच कोई वैज्ञानिक संबंध नहीं है।’ उन्होंने बताया कि 2019 में प्रशांत महासागर में किए गए एक व्यापक अध्ययन में भी ऐसा कोई सीधा संबंध नहीं मिला। तो फिर यह मछली अचानक सतह पर क्यों आ रही है?

वैज्ञानिकों का मानना है कि गहरे समुद्र में भूकंपीय गतिविधि, जल के तापमान में अचानक बदलाव, या प्रदूषण के कारण ये मछलियां भ्रमित हो जाती हैं। कभी-कभी बीमारी या खाद्य श्रृंखला में बदलाव भी उन्हें अपने सामान्य आवास से भटका देता है। यह जानकारी आम है — लेकिन इस बार इतनी बड़ी मछली, इतने अलग-अलग देशों में एक साथ दिखना... यह अजीब है।

दुनिया भर में दिखीं ओरफिश: तस्मानिया, न्यूजीलैंड, कैलिफोर्निया

तमिलनाडु के बाद, जून 2025 में ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया के पश्चिमी तट पर एक 3 मीटर लंबी ओरफिश मिली। उसी महीने, न्यूजीलैंड के साउथ टापूओं पर भी एक और देखी गई। और फिर, कुछ दिनों बाद, कैलिफोर्निया के कुछ शहरों में धरती पर दरारें और जमीन में धंसे हुए इमारतों के वीडियो सामने आए। क्या ये सब जुड़े हुए हैं? वैज्ञानिक कहते हैं नहीं। लेकिन लोगों के दिमाग में एक अलग कहानी बन रही है।

सोशल मीडिया पर डर और अंधविश्वास का तूफान

सोशल मीडिया पर डर और अंधविश्वास का तूफान

यूट्यूब और ट्विटर पर ओरफिश के वीडियो के साथ लगातार टिप्पणियां आ रही हैं — ‘ये वापस आ गई, जैसे 2011 में थी।’, ‘WW3 शुरू होने वाला है।’, ‘भविष्य मालिका ने यही बताया था!’ एक यूजर ने लिखा: ‘गहरे समंदर के जीव तभी ऊपर आते हैं जब कुछ गड़बड़ होती है।’ ये बयान वैज्ञानिक नहीं हैं। ये भावनाएं हैं। जब लोग अनिश्चितता से घिर जाते हैं, तो वे प्राचीन कथाओं को चेतावनी बना लेते हैं।

तमिलनाडु के कुछ मछुआरे अब अपने जाल डालने से पहले आकाश और समुद्र की गति को देखने लगे हैं। एक बुजुर्ग मछुआरा बोला, ‘हम जानते हैं कि समुद्र बोलता है। अगर ये मछली आ गई, तो कुछ न कुछ होने वाला है।’ उनका डर अंधविश्वास नहीं, बल्कि सदियों का अनुभव है — जो वैज्ञानिकता से अलग, लेकिन इंसानी तरीके से सच है।

क्या अगला कदम है?

इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इनफॉर्मेशन सर्विसेज (INCOIS) ने अभी तक कोई विशेष चेतावनी जारी नहीं की है। लेकिन उनके वैज्ञानिक टीम अब ओरफिश के आगमन के समय, समुद्री तापमान और भूकंपीय डेटा को मिलाकर एक नया अध्ययन शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। अगर यह घटना दोबारा दोहराई जाती है, तो यह सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक रहस्य बन सकती है।

समुद्र अभी भी हमारे लिए एक रहस्य है। इसकी गहराइयों में ऐसी चीजें हैं जिन्हें हम नहीं समझ पाते। ओरफिश का दिखना शायद कोई चेतावनी नहीं है — लेकिन यह एक याद दिलाता है कि प्रकृति कभी भी हमारी समझ से बाहर नहीं रहती।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या ओरफिश मछली का दिखना भूकंप की चेतावनी है?

नहीं, कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है। भारत के INCOIS और 2019 के प्रशांत महासागर अध्ययन ने इस संबंध को खारिज कर दिया है। लेकिन यह तथ्य है कि ओरफिश के दिखने के कुछ दिनों बाद कई भूकंपीय घटनाएं हुई हैं — जिसकी वजह से लोग इसे जुड़ा हुआ मानते हैं।

क्यों अचानक इतने अलग-अलग देशों में यह मछली दिखी?

वैज्ञानिकों का मानना है कि समुद्री तापमान में असामान्य वृद्धि, ओशन करंट में बदलाव, या प्रदूषण के कारण ये गहरी मछलियां भ्रमित होकर सतह पर आ जाती हैं। यह एक वैश्विक घटना हो सकती है, जिसका संबंध जलवायु परिवर्तन से हो सकता है।

जापान की 2011 की सुनामी के बाद ओरफिश का दिखना क्यों इतना याद किया जाता है?

2011 में जापान में ओरफिश के दिखने के बाद 19,000 लोगों की मौत हुई — यह एक बहुत बड़ी आपदा थी। इसलिए, जब भी इस मछली का जिक्र होता है, तो लोग उस आपदा को याद कर लेते हैं। यह मनोवैज्ञानिक संबंध है, न कि वैज्ञानिक।

भारत में ओरफिश के दिखने के बाद क्या चेतावनी जारी की गई?

कोई आधिकारिक चेतावनी नहीं जारी की गई है। INCOIS ने केवल यह कहा है कि ओरफिश के दिखने और भूकंप के बीच कोई संबंध नहीं है। लेकिन अब वे इस घटना को डेटा के साथ जोड़कर एक नया अध्ययन शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं।

क्या यह मछली खतरनाक है?

नहीं। ओरफिश बिल्कुल निर्दोष है। यह एक शांत, धीमी गति से तैरने वाली मछली है जो छोटे क्रस्टेशियन और प्लवक खाती है। इसका शरीर बहुत नाजुक होता है, और यह जब तट पर आ जाती है, तो जल्दी मर जाती है। यह खतरा नहीं, बल्कि एक अजीब अनुभव है।

इस घटना के बाद भारत में क्या बदलाव हो सकता है?

इस घटना ने लोगों के बीच वैज्ञानिक जागरूकता की जरूरत पर जोर दिया है। अब स्कूलों और समुद्री संग्रहालयों में ओरफिश के बारे में शिक्षा शुरू की जा रही है। यह एक अवसर है — अंधविश्वास को ज्ञान से बदलने का।

10 टिप्पणि

  1. Ravish Sharma
    Ravish Sharma
    नवंबर 25 2025

    अरे भाई, ये मछली आई तो भूकंप आएगा? अब तो हर चीज़ को अंधविश्वास का संकेत बना लेते हैं। 2011 में जापान में ओरफिश दिखा, सुनामी आई - तो अब हर बार जब कोई मछली सतह पर आए, तो हमें बच्चों को ऊपर उठाकर पहाड़ों पर भागना शुरू कर देना चाहिए? ये डर तो जापानी लोगों के दिमाग में बसा हुआ है, हम भारतीयों को उनके लोककथाओं का नकली फैशन नहीं उतारना चाहिए।

  2. jay mehta
    jay mehta
    नवंबर 26 2025

    ये मछली आई तो भी चिंता क्यों? ये तो प्रकृति का एक अद्भुत अवतार है! जिंदगी का हर पल एक चमत्कार है, और ये मछली बस याद दिला रही है कि हम अभी भी इस धरती के रहस्यों को नहीं समझ पा रहे! चलो, इसे देखने के लिए तमिलनाडु जाएं, फोटो खींचें, और इसकी शक्ति को समझें - ये डर का संकेत नहीं, ये जीवन का आह्वान है!!!

  3. Amit Rana
    Amit Rana
    नवंबर 28 2025

    सबसे पहले ये समझ लो कि ओरफिश कोई भूकंप मशीन नहीं है। ये मछली गहरे समुद्र में रहती है, और जब जलवायु बदलता है, तो वो अपने आवास से भटक जाती है। ये तो सामान्य व्यवहार है - जैसे आपका घर बारिश में भीग जाए तो आप दूसरे कमरे में चले जाते हैं। इसे अंधविश्वास का निशान न बनाएं। वैज्ञानिकों के डेटा को देखो - ये सिर्फ एक अजीब लेकिन प्राकृतिक घटना है।

  4. Vikash Kumar
    Vikash Kumar
    नवंबर 30 2025

    ओरफिश दिखा = भूकंप आएगा। ये लोग जानते हैं कि वैज्ञानिक नहीं बोलते, लेकिन डर बोलता है। अब तो बादल दिखे तो भी लिखेंगे - ‘ये बादल भी 2011 जैसे हैं’। ये दिमाग बंद है।

  5. Siddharth Gupta
    Siddharth Gupta
    दिसंबर 1 2025

    ये मछली तो बस एक शांत जीव है, जिसे हमने अपने डर के रंग में रंग दिया है। जब हम अनिश्चितता से घिर जाते हैं, तो हम प्राचीन कथाओं को अपनी भाषा बना लेते हैं। ये इंसानी बात है - न कि वैज्ञानिक। अगर ये मछली हमें सोचने का मौका दे रही है, तो चलो इसे एक अवसर बनाएं - न कि एक भयानक चेतावनी।

  6. Anoop Singh
    Anoop Singh
    दिसंबर 3 2025

    तुम सब ये बातें क्यों कर रहे हो? मैंने तो देखा है रामनाथपुरम में एक मछुआरा बोल रहा था - उसने कहा कि ये मछली तभी आती है जब जलवायु बदल रही हो। और वो बिल्कुल सही है। तुम लोग वैज्ञानिक डेटा के बारे में बात कर रहे हो, लेकिन स्थानीय लोगों की आँखों से देखो - वो जानते हैं कि क्या हो रहा है।

  7. Omkar Salunkhe
    Omkar Salunkhe
    दिसंबर 3 2025

    ओरफिश के दिखने का अर्थ है अगला भूकंप? बस बकवास है। 2011 में जापान में जब ये मछली आई तो उसके बाद सुनामी आई - लेकिन उससे पहले भी हजारों बार ओरफिश दिख चुके हैं और कुछ नहीं हुआ। ये सिर्फ एक संयोग है, लेकिन तुम लोग इसे भविष्यवाणी बना रहे हो। अगर तुम्हारा दिमाग इतना जल्दी बंद हो जाता है तो फिर इंटरनेट छोड़ दो।

  8. raja kumar
    raja kumar
    दिसंबर 4 2025

    हमारे पूर्वजों ने समुद्र को जीवन का हिस्सा माना था। उनकी निगाहें उस गहराई को देख पाती थीं जिसे हम डेटा के जरिए समझने की कोशिश करते हैं। ओरफिश का दिखना शायद एक चेतावनी नहीं है - लेकिन ये एक अवसर है कि हम अपनी जड़ों को याद करें। वैज्ञानिकता और अनुभव एक-दूसरे के विरोधी नहीं हैं।

  9. Sumit Prakash Gupta
    Sumit Prakash Gupta
    दिसंबर 5 2025

    लुकिंग अट द डेटा, ओरफिश एपिसोड्स अरे इंडिकेटिव ऑफ ए डिस्टर्बेंस इन एक्सट्रीम मैरीन इकोसिस्टम्स। एक्सप्लोरेशन ऑफ थर्मल ग्रेडिएंट्स एंड ओशन स्ट्रेम डायनेमिक्स इज एब्सोल्यूटली क्रिटिकल। इंडियन ओशन रिसर्च ग्रुप्स शुड इम्प्लीमेंट ए डिस्ट्रीब्यूटेड सेंसर नेटवर्क टू मॉनिटर इंटर-डेप्थ बिहेवियरल अनोमलीज।

  10. Shikhar Narwal
    Shikhar Narwal
    दिसंबर 5 2025

    ये मछली तो बस एक जीव है... जिसे हमने अपनी कहानियों से भर दिया। 🌊✨ अगर हम इसे डर की नजर से नहीं, बल्कि आश्चर्य की नजर से देखें तो शायद इस दुनिया के रहस्य थोड़े अधिक समझ आएं। बस इतना याद रखो - प्रकृति हमें सिखाती है, न कि डाँटती है।

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