मलयालम अभिनेत्री मिनू मुनीर ने सह-कलाकारों पर यौन उत्पीड़न और मौखिक दुर्व्यवहार का लगाया आरोप

अगस्त 27 2024

मलयालम फिल्म अभिनेत्री मिनू मुनीर ने लगाया गंभीर आरोप

मलयालम फिल्म उद्योग में बुरी तरह घटित घटनाओं के बीच, अभिनेत्री मिनू मुनीर ने अपने सह-कलाकारों पर यौन उत्पीड़न और मौखिक दुर्व्यवहार का गंभीर आरोप लगाया है। मिनू ने अपनी शिकायत एक विस्तृत फेसबुक पोस्ट के माध्यम से दर्ज की है, जिसमें उसने उन विकृत घटनाओं का जिक्र किया है, जो 2013 में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान हुईं थीं।

मिनू ने कहा कि यह एक अत्यंत कठिन समय था और उन्होंने इस दौरान कई सह-कलाकारों द्वारा शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का सामना किया था। इन सह-कलाकारों में प्रमुख नाम हैं एम मुकेश, जयसूर्या, मणियनपिल्ला राजू और इडावेला बाबू। मिनू ने विशेष रूप से कहा कि जयसूर्या ने उसे जबरदस्ती गले लगाया और किस किया, जबकि मणियनपिल्ला राजू ने उससे अनुचित सवाल पूछे। इडावेला बाबू ने तो यहां तक कहा कि वह उनके साथ एक यौन संबंध रखना चाहता है।

फिल्म उद्योग छोड़ने का कारण

इन घटनाओं से पीड़ित होकर, मिनू ने मलयालम फिल्म उद्योग छोड़ने का निर्णय लिया और चेन्नई में बस गईं। मिनू ने पहले भी इन घटनाओं को प्रकाश में लाने का प्रयास किया था जब केरल कौमुदी नामक अखबार में 'मिनू लेफ्ट मलयालम इंडस्ट्री फॉर अनएबल टू कोऑपरेट विद एडजस्टमेंट' शीर्षकक लेख प्रकाशित हुआ था, लेकिन उस समय इसे ज्यादा महत्व नहीं दिया गया। अब, मिनू न्याय और उत्तरदायित्व की मांग कर रही हैं।

जांच और कार्रवाई की मांग

जहां मिनू न्याय की तलाश में हैं, वहीं मलयालम फिल्म उद्योग में हाल ही में सामने आई यौन उत्पीड़न की अन्य घटनाओं के बाद केरल सरकार ने एक विशेष जांच टीम बनाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, निर्देशक रंजीत और अभिनेता सिद्दीक ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) से इस्तीफा दे दिया है, जो इस बात का संकेत है कि उद्योग में इस प्रकार की घटनाओं को अब और सहन नहीं किया जाएगा।

हाल ही में जारी की गई जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट ने भी महिला प्रोफेशनल्स के उत्पीड़न और शोषण को उजागर किया है। यह रिपोर्ट उद्योग में महिला कलाकारों की खराब स्थिति और उनके साथ हो रहे भेदभाव को रेखांकित करती है। रिपोर्ट के बाद, सरकार ने इस मुद्दे पर ध्यान देने का वादा किया है और इसके लिए न्याय सुनिश्चित करने का प्रण लिया है।

मिनू की हिम्मत और सच्चाई को सामने लाने का प्रयास एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे अन्य पीड़ितों को भी हिम्मत मिलेगी। यह जरूरी है कि इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं ताकि फिल्म उद्योग एक सुरक्षित कार्यस्थल बन सके।

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